2014 में देश की कमान संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनेकों परिवर्तन किए हैं, जिसके चलते देश की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का कायाकल्प हो गया है। नोटबंदी से लेकर GST तक के निर्णयों ने देश में सुधार की एक नई अलख जगाई है। परिवर्तन के इसी दौर में मोदी सरकार ने एक नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा की है। एक अक्टूबर 2021 से लागू होने वाली ये पॉलिसी देश में पर्यावरण के परिपेक्ष्य में तो सार्थक होगी ही, साथ ही इससे देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक नई क्रांति आने की उम्मीद है, जो कि देश के आर्थिक विकास को नया आयाम दे सकता है।
देश में ऐसे वाहनों की भरमार है जो अनफिट हैं, लेकिन सड़कों पर फर्राटा भरते हुए पर्यावरण को प्रदूषित करने में ये सभी अहम कारण बन रहे हैं। ऐसे में पुराने वाहनों को कबाड़ में ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा कर दी है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, “इस पॉलिसी के आने से युवाओं को नौकरी मिलेगी और स्टार्टअप्स को बिज़नेस करने का मौका मिलेगा। मैं अपने युवाओं और स्टार्ट–अप से इस कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध करता हूं।” पीएम ने इस नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के संबंध में बात करते हुए इसे देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
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PM ने नई पॉलिसी को देश के लिए आर्थिक रूप से एक अवसर बताते हुए इससे पर्यावरण को होने वाले फायदे का भी उल्लेख किया है। उन्होंने कहा, “नई स्क्रैपिंग पॉलिसी कचरे से कंचन के अभियान की सर्कुलर इकॉनमी की एक अहम कड़ी है। ये पॉलिसी, देश के शहरों से प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज विकास की हमारे कमिटमेंट को भी दर्शाती है। आज एक तरफ भारत नई संभावनाओं को तलाश रहा है, तो वहीं सर्कुलर इकॉनॉमी को भी प्रोत्साहित कर रहा है। कोशिश ये है कि विकास को हम टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाएं।
भारत में स्क्रैपिंग पॉलिसी को एक नया आयाम देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की भी है। पॉलिसी की लॉन्चिंग के संबंध में उन्होंने कहा, “भारत में लगभग एक करोड़ गाड़ियां ऐसी थीं जो वेलिड फिटनेस के बिना चल रही थीं। इससे प्रदूषण भी बढ़ रहा था और तेल में काफी खर्च हो रहा था। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से ये मानदंडों को पूरा नहीं कर रही थीं। इन्हीं विचारों से स्क्रैपिंग पॉलिसी की शुरुआत हुई है।”
मोदी सरकार वाहन संबंधित इस नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी को बेहद महत्वपूर्ण मान रही है, जो कि काफी हद तक सही भी है। सरकार का लक्ष्य इसके जरिए करीब 10,000 करोड़ का निवेश लाने की है, एवं ये माना जा रहा है कि अगले 25 वर्षों में इस पॉलिसी के कारण भारत का आर्थिक परिवेश बदल जाएगा। इस नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के अतंर्गत देश के 15 वर्ष पुराने सभी निजी, सरकारी और कॉमर्शियल वाहन पूर्णतःकबाड़ घोषित हो जाएग, जिन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिल सकेगा। सटीक शब्दों में कहा जाए तो देश में 15 वर्ष पुराने सभी वाहन रद्दी और कबाड़ के भाव में बेचे जाएगी।
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ऐसे में पहली बार में देखने पर ये कहा जा सकता है कि इससे आम नागरिकों को झटका लगेगा, लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि जो लोग अपने वाहनों को 15 साल के बाद वाहनों को स्क्रैप में बेचेंगे, तो उन्हें उस स्क्रैप का दाम तो मिलेगा ही, साथ ही उन्हें नई गाड़ी खरीदने पर भी 5 प्रतिशत की विशेष छूट मिलेगी। वहीं कॉमर्शियल व्हीकल खरीदने वालों को भी 15 प्रतिशत का रोड टैक्स भी नहीं देना होगा। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही बता चुके हैं कि स्क्रैप किए जाने वाले वाहनों की कीमत एक्स शोरूम की कीमत की 4-6 फीसदी हो सकती है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के बाद देश की सड़कों पर दौड़ रहे 2 करोड़ से अधिक 15 साल पुराने वाहन कबाड़ हो जाएंगे। ऐसे में स्वाभाविक है कि देश में निजी से लेकर कॉमर्शियल और सरकारी वाहनों की बड़े स्तर पर खरीदारी होगी। ऐसे में ये उम्मीद लगाई जा रही है। इस नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के लागू होने के साथ ही देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक बड़ा बूम आने की उम्मीद है।
2018 से ही ऑटोमोबाइल सेक्टर का जीडीपी ग्रोथ में सबसे कम योगदान रहा है। ऐसे में संभावनाएं है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में होने वाली बढ़ोतरी से देश की जीडीपी में बढ़ोतरी होगी। इस नई व्हीकल स्क्रैपिंग पालिसी के अंतर्गत नई गाड़ी खरीदने वालों को विशेष छूट जनता के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकती है, क्योंकि पुरानी कारों का इस्तेमाल करने वाले लोग इस पॉलिसी का पालन करने के लिए आलोचना भी नहीं करेंगे, और छूट के कारण आसानी से नया वाहन भी खरीदेंगे।
पर्यावरण में विशेष सुधार से लेकर सड़कों पर ट्राफिक की भी कमी हो सकती है, जो कि एक सार्थक पहल होगी, किन्तु इस नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी से सबसे बड़ा फायदा देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर में होगा, और माना जा रहा है कि इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर के उत्थान का एक नया युग शुरु होगा।