मनोज मुंतशिर ने देश में चर्चा के लिए एक नया विषय दे दिया है। उनके द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो ने बवाल मचा दिया है। सोशल मीडिया पर उनके द्वारा किये ट्वीट के चलते जनता दो धड़े में बंट गई है। अब तो कहा ये भी जा रहा है कि मनोज मुंतशिर के राष्ट्रवादी विचारधारा को बॉलीवुड ने पहले ही भांप लिया था और धीरे-धीरे उन्हें किनारे करने की तैयारी शुरू कर दी गई थी।
मनोज शुक्ला उर्फ मनोज मुंतशिर का जन्म 27 फरवरी, 1976 को उत्तरप्रदेश के गौरीगंज में हुआ था। 1999 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद मनोज मुंतशिर मुंबई आये जहां संघर्षो के बाद उन्हें “कौन बनेगा करोड़पति” के लिए लिखने का मौका मिला। इसके बाद मनोज मुंतशिर बॉलीवुड में गाने लिखने लगे। आपने “एक विलेन” पिक्चर का ‘तेरी गलियां’ गाना सुना होगा, ये इन्होंने ही लिखा है। इनके गानों के सूची में रुस्तम फ़िल्म का ‘तेरे संग यारा’, एमएस धोनी का ‘कौन तुझे’, ‘फिर भी तुमको चाहूंगा’ और केसरी फ़िल्म का ‘तेरी मिट्टी’ शामिल है। ‘फिर भी तुमको चाहूंगा’ गाना भले आया 2017 में था लेकिन मनोज मुंतशिर ने ये गाना अपने पत्नी के लिए 2001 में ही लिख दिया था। इसके अलावा वो ‘इंडिया गोट टैलेंट’ जैसे प्रोग्राम के स्क्रिप्ट राइटर भी रह चुके है। बाहुबली 2 और ब्लैक पैंथर जैसी फ़िल्म का डबिंग कार्य भी यह कर चुके है।
कुछ दिन पहले उन्होंने एक ट्वीट किया था। ट्वीट में भारतीय जनता के लिए इतिहास के ‘महान’ चरित्रों का सच बताया गया और उसी वीडियो में उन्होंने मुग़लों को ग्लोरिफाइड डकैत कहा था। इसके बाद विवाद शुरू हो गया। ऋचा चड्ढा जैसे लोग जहां उनकी आलोचना करने लगे वहीं विवेक रंजन अग्निहोत्री जैसे लोगों से उन्हें समर्थन भी मिला।
मनोज मुंतशिर भारतीय मुख्य संस्कृति से जुड़े रहने वाले लोगों में से एक है। उन्होंने अपने राष्ट्रवादी विचारधारा को मुखर होकर सबके सामने रखा है लेकिन ऐसा लगता है कि उनके निजी विचारों को बॉलीवुड में पहले ही भांप लिया गया था। ये बात हम क्यों कह रहे है? मनोज मुंतशिर फिल्मफेयर अवार्ड पर काफी नाराज हुए थे और उन्होंने भविष्य में किसी प्रोग्राम में जाने से इनकार कर दिया था।
फिल्मफेयर अवार्ड में मनोज मुंतशिर द्वारा लिखा गया गाना केसरी फ़िल्म का मशहूर गाना तेरी मिट्टी को भी चुना गया था। इसके अलावा अपना टाइम आएगा गाना भी अवार्ड के लिए दावेदारी पेश कर रहा था। आखिर में अवार्ड अपना टाइम आएगा को दे दिया गया। जिस गाने को अवार्ड मिला, उसमें ‘नंगा ही तो आया है, किसी की औकात क्या है’ जैसे बाजारू और निम्न स्तर के शब्दों को गाने में डाला गया था लेकिन आखिर में चयनकर्ताओं को पता नहीं क्या सुझा, उन्होंने उस गाने को अवार्ड दे दिया। उसके बाद भी देश के एक वर्ग ने असंतोष प्रकट किया था।
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अगर आपका ओहदा अक्षय कुमार और अजय देवगन की तरह नहीं है तो शायद ही आपके मुख्य संस्कृति के जुड़ाव के कारण बॉलीवुड में काम मिले। संभव है कि मनोज मुंतशिर को शायद ही बॉलीवुड में गाना लिखने का काम मिले और भविष्य में वह मनोज जोशी के तरह किनारे कर दिए जाएं। ऐसा होने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता है। पहले ही अवार्ड के रास्ते ही, मनोज को यह संकेत दे दिया गया है।
Manoj sukla ko apne naam se nafrat kyo hai??? Agar aap apne mammi daddy k diye pyare se naam ko nahi rakh sakte…to unki virasat ko kaise sambhal sakte ho
मनोज जी अपने माँ बाप के दिये नाम को ज्यादा सम्हाल कर रखते है।इसलिए तो उन्होने फिल्मी दुनिया के लिए एक दूसरा नाम रखा है।आपको पता होना चाहिए कि वही चीज सम्हाल कर रखी जाती है जो अनमोल हो।
One of my best writer iam so proud mahesh k patel from new Zealand