हमारा देश विभिन्न धर्मों का देश है। ईसाइयों के लिए भी यह देश नया नही है। जैसा कि हर लोकतांत्रिक देश में होता है, हमारे देश के हर धर्म को यहां बढ़ने, संस्थान, समूह निर्माण की स्वतंत्रता है। ऐसा ही एक समूह आल इंडिया ट्रू क्रिस्चियन कॉउंसिल (ALL INDIA TRUE CHRISTIAN COUNCIL) यानी AITCC जो विशाखापत्तनम, आंध्रप्रदेश से काम करता है। अब इस समूह के प्रबुद्धजनों द्वारा देश को दो टुकड़े में बात कही गई है और उसका एक हिस्सा अकेले ईसाईयों को देने की बात कही गई है। देश को तोड़ने वाले लोगों की कमी नहीं है। यह देश सांपो को भी दूध पिलाता रहा है, इसलिए इतिहास में कितने जिन्नाह, जेएनयू प्रकरण आपको मिल जाएंगे। ताजा मामला आंध्रप्रदेश का है। AITCC के प्रदेश अध्यक्ष और पादरी के उपेंद्र राव ने भरी सभा में ऐलान किया है कि वह भारत देश के दो टुकड़े चाहता है और एक टुकड़ा सिर्फ और सिर्फ ईसाइयों को दिया जाएगा।
के उपेंद्र राव बाइबल ओपन यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल (BOUI) के उप निदेशक भी है। उनके द्वारा दिया गया एक बयान सोशल मीडिया में वायरल हो गया। वीडियो में उपेंद्र राव को कहते हुए सुना जा सकता है,
‘”हम भारतीय सच्चे ईसाई परिषद, हमारे प्रिय नेता श्री पीडी सुंदर राव के नेतृत्व में यह मांग करते हैं कि भारत को दो हिस्सों में विभाजित किया जाना चाहिए और ईसाईयों को एक हिस्सा अलग देश के रूप में दिया जाना चाहिए।” आगे उन्होंने यह भी कहा, “फिर हम आपको परेशान नहीं करेंगे।”
इसके बाद कुछ जज्बाती मेंढक बाहर आये और उनके इस देशविरोधी नारे को अपना समर्थन भी दे दिया है। SC-ST फोरम नामक एक ट्वीटर हैंडल पर यह वीडियो वायरल हुआ जहां पर अभी भी उस वीडियो को नही हटाया गया है और अभी भी लोग वहां समर्थन दे रहे है।
"Under the leadership of our beloved leader Mr PD Sundara Rao, we, on behalf of All India True Christian Council demand that India should be split into 2 and 1 half given to Christians as a separate country. We'll not bother you":
-K Upendra, Bible Open University International pic.twitter.com/BzVHtGkbno— SC ST RIGHTS FORUM (@SCSTForum) August 24, 2021
देश की अखंडता और सम्प्रभुता पर प्रश्न उठाने वाले इस व्यक्ति पर क्या प्रतिक्रिया दी जाती है, ये तो भविष्य के गर्त में है लेकिन अभी हकीकत यह है कि धार्मिक संगठन आंध्रप्रदेश में बेलगाम हो चुके है। देश में धर्मांतरण के मामले नहीं है और यह लंबे समय से भारत में होता आया है। पहले अनाथ और गरीब बच्चों की तस्वीर दिखाकर चंदा लिया जाता है और बाद में उसी चंदे से चावल की बोरी खरीदकर धर्मांतरण किया जाता है। समस्या तब है जब राज्य तंत्र इस प्रकार की चीजो को लेकर कठोर कदम न उठाते दिखे।