एक समय था जब शिवसेना नेताओं का मुंह कांग्रेस की आलोचना करते नहीं थकता था, किन्तु अब स्थिति विपरीत हो चुकी है। सीएम पद की कुर्सी के लिए शिवसेना ने न केवल सबसे पुरानी सहयोगी बीजेपी से गठबंधन तोड़कर एनसीपी एवं कांग्रेस जैसे धुर-विरोधी दलों के साथ गठबंधन कर लिया, अपितु अपने आदर्शों तक की तिलांजलि दे दी। शिवसेना गठबंधन में बने रहने के लिए कांग्रेस और एनसीपी तक के मुद्दों को अधिक वरीयता देती है, एवं इसी कड़ी में महाविकास अघाड़ी सरकार के नेतृत्वकर्ता उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस को प्रसन्न करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर आईटी पुरस्कार देने का ऐलान किया है। खेल रत्न पुरस्कार से पूर्व पीएम राजीव गांधी का नाम हटाकर मेजर ध्यानचंद करना शिवसेना और कांग्रेस को पसंद नहीं आया है, और अब शिवसेना कांग्रेस के जख्मों पर मरहम लगाने के प्रयास कर रही है।
6 अगस्त 2021 को भारतीय हॉकी की महिला एवं पुरुष टीमें जब टोक्यो ओलंपिक में अपना डंका बजा रही थीं, तो यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस समेंत पूरे विपक्ष की नींद उड़ा दी। पीएम ने हॉकी के प्रति जोश का लाभ उठाकर राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर बदल दिया; एवं इसे ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ कर दिया। इसका विरोध लगभग सभी विपक्षी दलों ने किया, और कांग्रेस तो बौखला ही गई। वहीं महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी कांग्रेस के जख्मों पर मरहम लगाने का काम शिवसेना ने महाराष्ट्र सरकार के एक फैसले से किया है।
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शिवसेना ने खेल रत्न पुरस्कार से राजीव गांधी का नाम हटाने पर स्पष्ट तौर पर बीजेपी एवं पीएम मोदी को निशाने पर लिया है। शिवसेना ने पीएम के इस कदम को पूर्व पीएम राजीव का अपमान घोषित किया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने राजीव गांधी के नाम पर राज्य में आईटी पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के अनुसार ये पुरस्कार उन सभी लोगों को मिलेंगे, जो कि आईटी के क्षेत्र में राज्य को आगे ले जाने का काम करेंगे।
Maharashtra Govt has declared an award in the name of former PM Rajiv Gandhi to encourage organizations excelling in the IT sector: Satej Patil, Maharashtra Minister of State for IT pic.twitter.com/VErggcM3DC
— ANI (@ANI) August 10, 2021
महाराष्ट्र के आईटी राज्यमंत्री सतेज पाटिल ने कहा, “महाराष्ट्र सरकार ने आईटी क्षेत्र में उत्कृष्ट संगठनों को प्रोत्साहित करने के लिए पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नाम पर एक पुरस्कार घोषित किया है।” खबरों के अनुसार ये कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर फैसला 7 जुलाई 2021 को ही बैठक के बाद ले लिया है।महाराष्ट्र सरकार का इसके पीछे तर्क है कि पूर्व पीएम राजीव गांधी के नेतृत्व में ही देश में डिजिटल क्रांति आई थी। उद्धव सरकार ने तय किया है कि ये राजीव गांधी आईटी पुरस्कार प्रतिवर्ष 20 अगस्त को राजीव गांधी की याद में दिया जाएगा।
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स्पष्ट है कि शिवसेना खेल रत्न पुरुस्कार का नाम राजीव गांधी के नाम से हटाने पर आक्रोशित है। शिवसेना अपने मुख पत्र सामना के एक लेख में इसे जनता की इच्छा नहीं बल्कि राजनीतिक खेल मान रही है। शिवसेना नेता संजय राउत पहले ही इसे एक राजनीतिक कदम बताते हुए राजीव गांधी के अपमान से जोड़ चुके हैं।
ऐसे में अब शिवसेना कांग्रेस को ये दिखाने की प्रयास कर रही है, कि वो कांग्रेस की असल हितैषी सहयोगी दल है, जिसके चलते महाविकास अघाड़ी की नेतृत्वकर्ता होने के चलते ही उद्धव सरकार देने का नया प्रावधान किया है।