अपना कंट्रोल पार्टी में बनाये रखने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने एक फैसले से पंजाब की राजनीति में पार्टी को हाशिए पर ला दिया है। गांधी परिवार की कृपा से प्रदेश अध्यक्ष बने नवजोत सिद्धू का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रति रवैया एवं लगातार पार्टी में हो रहा कैप्टन का अपमान, इस्तीफे तक पहुंच चुका है। ऐसे में कांग्रेस की तैयारी थी कि राज्यसभा सांसद अंबिका सोनी को मुख्यमंत्री बनाया जाए, लेकिन राज्य की राजनीति का जो यथार्थ सत्य दिल्ली में बैठे राहुल गांधी को नहीं पता, वो अंबिका अंबिका सोनी जानती हैं। उन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह के कद का भी अंदाजा है, और सिद्धू के सक्रिय होने से कांग्रेस को होने वाला नुकसान का पूर्वानुमान भी है। ऐसे में अंबिका सोनी कांग्रेस के इस दल-दल से दूर रहना चाहती है, संभवतः इसीलिए उन्होंने सीएम बनने से इंकार कर दिया है।
अंबिका ने ठुकराया राहुल का ऑफर
एक वरिष्ठ नेता को अपमानित करने का अंजाम अब कांग्रेस आलाकमान ने भुगतना शुरू कर दिया है, क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब में राजनीतिक संकट की स्थिति है, और कांग्रेस ये तय ही नहीं कर पा रही है कि मुख्यमंत्री किसे बनाएं। इस बीच अंबिका सोनी को कांग्रेस ने सीएम बनाने की कोशिश की है, लेकिन अब वहां भी झटका मिला है। अंबिका सोनी ने सीएम बनने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा, “मैंने पंजाब की मुख्यमंत्री बनने से मना कर दिया है। मुझे लगता है कि पंजाब का मुख्यमंत्री सिख होना चाहिए।”
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#WATCH "I've declined the offer (to be the next Punjab CM)…I believe #Punjab CM face should be a Sikh," says Congress MP Ambika Soni in Delhi pic.twitter.com/xPuPv9hvug
— ANI (@ANI) September 19, 2021
इसके विपरीत राहुल गांधी ने अंबिका सोनी को अपने आवास पर बुलाकर मुलाकात भी की, लेकिन अंबिका सोनी सीएम बनने को राज़ी नहीं हुई हैं। अंबिका सोनी को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है, इसके बावजूद उन्होंने सीएम पद ठुकराया है, जो दिखाता है, कि कांग्रेस ने पंजाब में एक बड़ी मुसीबत खड़ी कर ली है। कांग्रेस के पास अनेकों नाम हैं, किन्तु सवाल वहीं कि कौन बनेगा पंजाब का सीएम? इस रेस में सुनील जाखड़ का भी नाम चल रहा है, लेकिन सिद्धू इन सबसे इतर सीएम पद की लालसा के लिए अड़े हुए हैं। ऐसे में अंबिका सोनी द्वारा सीएम पद से कदम पीछे लेना दो बड़े संकेत देता है, जिनमें कैप्टन का कद और सिद्धू की नौटंकियां केंद्र बिन्दु है।
कैप्टन की आक्रमकता का डर
सर्वविदित है कि यदि कैप्टन के अलावा कोई और पंजाब में कांग्रेस द्वारा सीएम बनाया जाता है, तो एक तरफ शपथ ग्रहण होगा, और दूसरी ओर कैप्टन का कांग्रेस से त्यागपत्र। इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस एवं बनने वाले सीएम का विरोध करने लगेगें। ऐसे में कांग्रेस का डूबना निश्चित है l कांग्रेस की स्थिति राज्य में अब तक के सबसे बुरे स्तर पर जा सकती है। ये बात अंबिका जानती हैं, वो सीएम बनकर अगले 6 महीनों में कांग्रेस की हार का ज़िम्मा स्वयं पर नहीं लेना चाहती है।
बेलगाम हो गए हैं सिद्धू
राहुल गांधी को संभवतः वो नहीं दिख रहा है जो अंबिका सोनी ने देखा है। पंजाब प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा पद मिलने के बावजूद कैप्टन के खिलाफ बैटिंग करके सिद्धू कांग्रेस को बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे में अंबिका सोनी के विरुद्ध भी सिद्धू कुछ ऐसा ही करेंगे। ऐसे में अंबिका के सीएम बनने पर सिद्धू उनके खिलाफ भी बगावत कर सकते हैं क्योंकि उनका मुख्य मकसद सीएम की कुर्सी है।
इन सभी वर्तमान राजनीतिक परिदृश्यों को देखने के कारण ही संभव है कि राहुल द्वारा दिया गया पंजाब के सीएम पद का ऑफर चंद मिनटों में ही ठुकरा दिया, क्योंकि वो सिद्धू की नौटंकियों से परिचित भी हैं, और उनके मन में कैप्टन के प्रति डर भी है।