वामपंथी मीडिया समूह सदैव ही आतंकवाद को किसी अलग ही चश्में से देखते हैं, जिसकी चलते इनकी खूब भर्तस्ना की जाती रही है। ऐसे में वो अमेरिका जिसका अफगानिस्तान में मिशन ही तालिबानी आतंकी ओसामा बिन लादेन के कारण शुरु हुआ हो, उसके मीडिया संस्थानों से उम्मीद की जाती है कि वो तालिबान की सदैव आलोचना ही करेंगे, किन्तु स्थितियां बिलकुल ही विपरीत हैं। NYT ग्रुप में वामपंथ का जहर इस हद तक फैल गया है कि ये लोग तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में बनाई गई अंतरिम सरकार का ही महिमामंडन करने लगे हैं, एवं मंत्रिमंडल मे शामिल आतंकी सरगनाओं को प्रतिष्ठित बताते हुए तालिबान को ऐसे प्रोजक्ट कर रहे हैं, मानों वो कोई आंदलनकारी संगठन हो। NYT का ये रवैया दर्शाता है कि वो तालिबान प्रेमी BBC को टक्कर दे रहा है।
तालिबान प्रेमियों के बीच नया दावेदार न्यूयॉर्क टाइम्स ही है। जब से तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा हुआ है, तब से न्यूयॉर्क टाइम्स भी लगातार उसके समर्थन में बयानाबाजी कर रहा है। NYT ही था, जिसने तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद के साथ पहला सिट इन इंटरव्यू किया था। इसी तरह अब तालिबान के अतंरिम कैबिनेट के संदर्भ में न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि इस मंत्रिमंडल में प्रतिष्ठित लोग शामिल हैं। अपनी रिपोर्ट में इस कैबिनेट का खूब महिमामंडन किया है, जिसमें हक्कानी आतंकी नेटवर्क की विशेष भूमिका है । हालांकि, ये रिपोर्ट बताती है कि इनमें से लगभग सभी के प्रति अमेरिका का रुख विपरीत है। इसके विपरीत न्यूयॉर्क टाइम्स इनकी आलोचना करने से बच रहा है।
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तालिबान का 2000 के दौर में जो रवैया था, उस छवि को बदलने के लगातार प्रयास जारी है। एक इंटरव्यू के दौरान ही मुजाहिद ने कहा था, “हम भविष्य बनाना चाहते हैं और अतीत में जो हुआ उसे भूल जाना चाहते हैं।” साक्षात्कार में उसने जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ तालिबान द्वारा प्रतिशोधी कार्रवाई और महिलाओं पर कठोर नियंत्रण के बारे में आशंकाओं को भी खारिज किया था। इस नए तालिबान की छवि को सभी वामपंथी मीडिया नेटवर्क आगे बढ़ा रहे हैं, जबकि वहां के लोगों के विरुद्ध तालिबान की क्रूरता लगातार सामने आ रही है।
मुजाहिद के साथ इंटरव्यू को लेकर NYT ने लिखा, “मुजाहिद ने अफगानिस्तान की महिलाओं को आश्वस्त करने के ठीक एक दिन बाद साक्षात्कार दिया और कहा कि उनके लिए घर पर रहना सबसे सुरक्षित हो सकता है जब तक कि अधिक रैंक-और-फ़ाइल तालिबान लड़ाकों को प्रशिक्षित नहीं किया जाता है जिससे वो दुर्व्यवहार न करें।”
NYT ने यह दावा किया है कि तालिबान शासित अफगानिस्तान में “सकारात्मक संकेत” हैं। इसमें कहा गया, “उनके एक सदस्य ने मंगलवार को एक महिला पत्रकार को साक्षात्कार दिया, और संकेत दिया कि वो पत्रकारों का सम्मान करेंगे।”
NYT ने यह भी दावा किया कि कुछ पर्यवेक्षकों के अनुसार काबुल पर हमले के तुरंत बाद तालिबान द्वारा सरकार नहीं बनाना इस बात का संकेत था कि वे एक “समावेशी” सरकार के लिए संयम रख सकते हैं। अपने तथ्यों को मजबूत करने के लिए NYT ने तालिबान के पूर्व मंत्री मौलवी कलामुद्दीन का हवाला भी दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि, “अगर तालिबान एकतरफा सरकार चाहता, तो वे कल ही राष्ट्रपति महल में अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात को घोषित कर देते।”
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सर्वविदित है, तालिबान की अंतरिम सरकार में कोई भी महिला नहीं हैं, और 33 के 33 मंत्री आतंकवाद के प्रणेता हैं। ऐसे में इन सभी के विरुद्ध बात करने के बजाए वामपंथी मीडिया उनके विचारों को लोगों के सामने रख उनकी छवि चमका रहा है। NYT की पत्रकारिता देख कर ही ये कहा जा सकता है कि ये तालिबान का अनौपचारिक प्रवक्ता बन बैठा है। NYT के पहले तालिबान के समर्थन में सकारात्मक खबरें दिखाने में बीबीसी नंबर वन था, अफगानिस्तान में तालिबान विरोधी बयान देने वाले एवं पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने वालों को अपने प्लेटफॉर्म से निकालना हो या पंजशीर में रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता से बातचीत में उनकी लोकेशन उजागर करना हो, बीबीसी ने तालिबान के समर्थन में खूब एजेंडा चलाया।
तालिबान के समर्थन में बीबीसी की रिपोर्ट्स देखने के बाद अब NYT भी तालिबान के प्रति अपना प्रेम दिखाने में पीछे नहीं रहना चाहता है, जिसके चलते अब वह बीबीसी से प्रतिस्पर्धा कर रहा है।