इंडियन एक्सप्रेस एक बार से विवादों के घेरे में है। नीरज चोपड़ा से जुड़े ऑनलाइन इंटरव्यू से उत्पन्न विवाद का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अभी योगी सरकार को लेकर एक नया विवाद उत्पन्न हो गया। हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस के संडे एडीशन में योगी सरकार से संबंधित एक विज्ञापन को लेकर काफी विवाद उत्पन्न हुआ है, जिस पर प्रारंभ में वामपंथियों ने योगी सरकार को घेरने का प्रयास किया था, परंतु अंत में वो मामला उलटे उन्हीं पर भारी पड़ा, क्योंकि गलती इंडियन एक्सप्रेस की निकली।
लेकिन यह विवाद है किस बारे में? आखिर किस कारण से योगी सरकार को बदनाम करने के लिए इंडियन एक्सप्रेस को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है? असल में इंडियन एक्सप्रेस के संडे एडीशन में योगी सरकार के कार्यों की प्रशंसा में एक विज्ञापन निकाला था, जिसमें एक तस्वीर कोलकाता के एक ‘फ्लाईओवर’ की थी।
लेकिन बाद में सामने आया कि ये ‘गलती’ यूपी सरकार की नहीं, इंडियन एक्सप्रेस की है, जिसके लिए उन्होंने क्षमा याचना भी की। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने बताया कि उनके मार्केटिंग विभाग ने गलत विज्ञापन छापा है और उन्होंने अपने बयान में लिखा है, “हमारे मार्केटिंग विभाग की असावधानी के कारण कवर पेज पर उत्तर प्रदेश के विज्ञापन में एक गलत चित्र लगा दिया गया। हम इस गलती के लिए क्षमाप्रार्थी हैं और अख़बार की सभी डिजिटल संस्करणों में से इस चित्र को हटा लिया गया है।” अख़बार ने स्पष्ट कहा है कि उसके मार्केटिंग डिपार्टमेंट ने वो चित्र प्रोड्यूस किया गया और उसकी गलती से ही ऐसा हुआ”।
A wrong image was inadvertently included in the cover collage of the advertorial on Uttar Pradesh produced by the marketing department of the newspaper. The error is deeply regretted and the image has been removed in all digital editions of the paper.
— The Indian Express (@IndianExpress) September 12, 2021
परंतु क्या यही सत्य है? ऐसा तो कतई नहीं लगता! जिस प्रकार से तृणमूल काँग्रेस टूट पड़ी और योगी सरकार को बदनाम करने में लग गई, ये एक सोचा समझा षड्यंत्र अधिक लग रहा है।
Mr. @narendramodi is so helpless to save his party that other than changing CMs, he has also had to resort to using pictures of growth & infrastructure seen under @MamataOfficial's leadership, as his own.#BengalModel > #BJPRuledStatesModel Mr Modi? pic.twitter.com/USNOjrq03I
— Mukul Roy (@MukulR_Official) September 12, 2021
Front page ad of Ajay Singh Bisht
Pictures of development stolen from West Bengal 😂 pic.twitter.com/t2aRIwKvnx
— Dhruv Rathee (@dhruv_rathee) September 12, 2021
क्या ध्रुव राठी, क्या महुआ मोईत्रा, सब के सब ये बताने लगे कि कैसे योगी सरकार के पास विकास के नाम पर कुछ नहीं और वो ‘बंगाल के विकास’ को चोरी कर रहा है। उदाहरण के लिए अभिषेक बनर्जी ने अपने पोस्ट में लिखा, “योगी आदित्यनाथ के लिए यूपी को बदलने का मतलब है ममता बनर्जी की अगुवाई में हुए विकास कार्यों की तस्वीरों को चुराना और उन्हें अपने लिए इस्तेमाल करना! ऐसा लगता है कि बीजेपी के सबसे मजबूत राज्य में ‘डबल इंजन मॉडल’ की सरकार बुरी तरह से विफल हो गयी है और अब ये सच सबके सामने है।”
Transforming UP for @myogiadityanath means stealing images from infrastructure seen in Bengal under @MamataOfficial's leadership and using them as his own!
Looks like the 'DOUBLE ENGINE MODEL' has MISERABLY FAILED in BJP’s strongest state and now stands EXPOSED for all! https://t.co/h9OlnhmGPw
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) September 12, 2021
‘फेक न्यूज’ विशेषज्ञ और स्वाभाविक तौर पर TMC के नए रंगरूट साकेत गोखले ने इंडियन एक्सप्रेस के गलत विज्ञापन की वजह से योगी सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, “लोल, यह तस्वीर कोलकाता के माँ फ्लाईओवर की है। थोड़ा ज़ूम इन कीजिए और आपको कोलकाता की आइकॉनिक पीली एम्बेसडर टेक्सी भी दिख जाएगी। ‘Transforming UP’ भारत भर में विज्ञापन छापने के लिए करोड़ों खर्च करती है और विकास बंगाल से चुराती है?”
Lol the image on the bottom left is from Kolkata – of the Maa Flyover.
Zoom in & you can also see the iconic Kolkata yellow ambassador taxi on the flyover.
“Transforming UP” means spending millions on newspaper ads around India & stealing pics of development in Kolkata? pic.twitter.com/AgbkyaHo62
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) September 12, 2021
फेक न्यूज विशेषज्ञ और स्वघोषित फ़ेक्ट चेकर मुहम्मद ज़ुबैर ने तंज कसते हुए लिखा था, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के बावजूद पश्चिम बंगाल का विकास करने के लिए सीएम योगी का धन्यवाद”।
Thanks to UP CM for transforming West Bengal Flyover and transporting it to Uttar Pradesh even before he became CM of Uttar Pradesh. 👏👏🙏 pic.twitter.com/oT8jskwbvI
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) September 12, 2021
लेकिन वो कहते हैं, अति उत्साह का परिणाम सदैव निराशाजनक ही होता है, सो वामपंथियों के लिए भी ये वही सिद्ध हुआ। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में इतना भी बढ़िया इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है कि उसको ‘चुराने’ के लिए योगी सरकार को ऐसे कदम उठाने पड़ेंगे। पिछले दस वर्षों में ममता सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम पर क्या लॉलीपॉप पकड़ाया है, सबको पता है। जिस ‘फ्लाईओवर’ के बारे में भी ये वामपंथी इतना अकड़ रहे हैं, वो भी अगर स्टॉक इमेज की देन निकले तो हैरान मत होइएगा।
अब जब बात फ्लाईओवर की उठी ही है, तो जरा एक बार आंकड़ों पर भी नज़र डाल लेते हैं। अगर आप गुगल करेंगे तो आपको चेन्नई, नोएडा, हैदराबाद जैसे शहरों के फ्लाईओवर दिखाई देंगे, जिसमें चेन्नई उच्चतम स्थान पर है। ममता के राज में कोलकाता छोड़िए, बंगाल के किसी शहर का ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर कम ही देखने को मिलेंगे। जिस तरह से योगी सरकार ने नोएडा समेत कई शहरों में काम किया वो सभी के सामने है।
नोएडा में 2017 में शुरू 10,757 करोड़ रुपये की लागत से बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिसमें एक्वा लाइन मेट्रो, एक कोविड अस्पताल और 12,500 से अधिक कारों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है। दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट फ्लाईओवर ने कनेक्टिविटी बढ़ा दी है। कुल मिलाकर, योगी सरकार के राज में बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है। लखनऊ में भी 10 और फ्लाईओवर का निर्माण किया जायेगा। हर क्षेत्र में जिस तरह से योगी सरकार काम कर रही है वो पूरी दुनिया देख रही है। यहां तक की निवेश के मामले में भी यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है परंतु ममता के राज में बंगाल में हिंसा के अलावा कोई भी विकास से जुड़ी खबर सुनने को नहीं मिल रही।
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वैसे ये पहली बार नहीं जब इंडियन एक्प्रेस विवादों में आया है। इसी प्रकार से इंडियन एक्सप्रेस भी कभी नीरज चोपड़ा विवाद, तो कभी कोविड को लेकर भ्रामक खबरें फैलाने के लिए विवादों के घेरे में रहा है।
ऐसे में इंडियन एक्सप्रेस द्वारा गलत विज्ञापन छापे जाने पर केवल क्षमा याचना पर्याप्त नहीं है। जिस प्रकार से वामपंथी टूट पड़े, और उन्होंने योगी सरकार को तरह तरह के उलाहने दिए, उससे स्पष्ट था कि इंडियन एक्सप्रेस से यह विज्ञापन भूल से नहीं छपा था ताकि योगी सरकार का नाम बदनाम किया जा सके। जिस प्रकार से यह सारी घटना घटी, और जब पोल खुलने पर इंडियन एक्सप्रेस ने विवाद से बचने के लिए क्षमा याचना की, तो ऐसे में यदि नीरज चोपड़ा के उस ऑनलाइन इंटरव्यू में भी अगर इंडियन एक्सप्रेस की ओर से कोई गड़बड़ी निकले, तो कोई हैरानी नहीं होगी।