कुछ लोगों अथवा संगठनों की मनोस्थिति ऐसी होती है कि, ‘तू डाल डाल तो मैं पात पात।’ एक तरफ चीन का ग्लोबल टाइम्स अपने हास्यास्पद प्रोपगैंडा से सोचता है कि वह भारत को विश्व में नीचा दिखाने में सफल होगा, तो अमेरिका में न्यू यॉर्क टाइम्स भी कुछ ऐसा ही सोचकर भारत के विरुद्ध निरंतर अनर्गल प्रलाप छापता है, और ये आज से नहीं, 2014 से चला आ रहा है, जब भारत द्वारा मंगलयान को अपने पहले ही प्रयास में सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर भेजा गया, तब न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी कुंठा एक दो कौड़ी के कार्टून में दिखाई। अब भारत जिस प्रकार से कोविड से जुझारू तरह से लड़ रहा है, उसकी कुंठा वह पक्षपाती और हास्यास्पद लेखों के जरिए पुनः दिखा रहा है, ऐसे ही न्यू यॉर्क टाइम्स द्वारा लिखे गए लेख बड़े चाव से कांग्रेस के राजनीतिज्ञ अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर भी कर रहे हैं।
परंतु यह न्यू यॉर्क टाइम्स का लेख है क्या, और इसमें ऐसा भी क्या है, जिसके पीछे कांग्रेस बड़े चाव से इसे शेयर भी कर रहे हैं? दरअसल, इसमें कोविड के प्रबंधन के संबंधन में भारत की कार्यशैली पर प्रश्न उठाए गए हैं, और मोदी सरकार की कार्यशैली की आलोचना की गई है। डॉक्टर अनूप अग्रवाल, डॉक्टर नमन शाह और डॉक्टर शाहिद जमील के निजी बयानों के आधार पर इस पूरे पक्षपाती लेख की रचना की गई है, और ऐसे में कोई हैरानी की बात नहीं है कि द प्रिन्ट से लेकर द वायर जैसे वामपंथी पोर्टल्स ने बड़े चाव से न्यू यॉर्क टाइम्स द्वारा लिखे पक्षपाती लेख को प्रकाशित किया है l
Recently The New York Times has published an article and blamed the Indian government on covid management. The whole left propaganda media has published this article on their platform to hype their agenda. pic.twitter.com/ZQs1DrdlP1
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) September 20, 2021
परंतु प्रश्न तो अब भी वही उठता है, कि इसमें पक्षपाती क्या है? असल में न्यू यॉर्क टाइम्स द्वारा लिखे गए पूरे लेख में भारत की वर्तमान सरकार और उसकी प्रणाली को भ्रष्ट सिद्ध करने का प्रयास किया गया है, और यह दिखाया गया है कि कैसे वो कोविड के कारण भारत को हुए नुकसान की सच्चाई पूरे दुनिया से छुपा रही है। इसके लिए उन्होंने कथित तौर पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के त्यागपत्र का भी उदाहरण दिया, और ये भी दिखाने का प्रयास कि कैसे केंद्र सरकार और ICMR की मिलीभगत से कोविड से संबंधित सच्चाई नहीं बाहर आने दी गई, जिससे भारत का कुप्रबंधन दुनिया से छुपा रहे –
When I have read this article, I just shocked to see that there were no data has been given to prove their claim. Instead, this article has been written on the accounts of Dr. Anup Agarwal, Dr. Naman Shah, and Dr. Shahid Jameel. pic.twitter.com/p7vrpC4eWU
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) September 20, 2021
इसको कांग्रेस ने बड़े चाव से अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए दावा किया कि वे पहले से ही दावा कर रहे थे कि पीएम मोदी झूठ बोल रहे हैं, परंतु कोई मानने को तैयार नहीं था। कांग्रेस के ट्वीट्स के अनुसार,“निस्संदेह भाजपा ने लाखों भारतीयों की मृत्यु को छुपाया है, आखिर एक को जो बचाना है।” एक अन्य ट्वीट के अनुसार, “मोदी सरकार को बस दूसरे लहर को छुपाने की चिंता अधिक थी, उससे बचने की नहीं” –
Congress IT Cell has picked up this article to target Narendra Modi Government. Almost all big official Twitter accounts of Congress have posted this article. pic.twitter.com/HTvNr4UfPa
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) September 20, 2021
परंतु क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया कि इस पूरे लेख में कहीं भी एक भी ऐसा पक्ष नहीं था, जहां पर ठोस प्रमाण अथवा आंकड़ों के सहारे न्यू यॉर्क टाइम्स सिद्ध कर पाया हो कि मोदी सरकार कहाँ गलत थी? इसी बात पर प्रकाश डालते हुए विजय पटेल नामक एक ट्विटर यूजर ने न्यू यॉर्क टाइम्स के विवादास्पद लेख का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ट्वीट किया, “जब मैंने इस लेख को पढ़ा, तो मैं इस बात पर स्तब्ध रह गया कि इस लेख में कहीं भी इनके दावों को सिद्ध करने के लिए एक भी आंकड़ा नहीं दिया गया है। इसके बजाए यह लेख पूर्णतया डॉक्टर अनूप अग्रवाल, डॉक्टर नमन शाह, और डॉक्टर शाहिद जमील के बयानों के आधार पर लिखा गए है l”
परंतु बात यहीं पर नहीं रुकती। इन तीनों व्यक्तियों की पड़ताल करने पर पता चलता है कि यह तीनों कहीं से भी निष्पक्ष लेखक थे ही नहीं, अपितु ये वामपंथी दलाल हैं, जो अपने आकाओं के इशारों पर भारत के विरुद्ध विष उगल रहे हैं। इनमें से डॉक्टर अनूप अग्रवाल और डॉक्टर नमन शाह उस जन स्वास्थ्य सहयोग नामक एनजीओ से जुड़े हैं, जिनके कनेक्शन डॉक्टर बिनायक सेन जैसे अर्बन नक्सल से भी जुड़े हुए हैं। विश्वास नहीं होता तो आप खुद उनके वेबसाइट पर चेक कर लीजिए –
Dr. Anup Agarwal and Dr. Naman Shah have worked at Chhattisgarh-based NGO Jan Swasthya Sahyog and they are connected with them. pic.twitter.com/sSMLxwIpjc
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) September 20, 2021
डॉक्टर नमन शाह को न्यू अमेरिकन्स के लिए प्रस्तावित पॉल एंड डेज़ी सोरोस फ़ेलोशिप भी मिली है। अब गेस कीजिए ये किसके भाई हैं। जी हाँ, पॉल सोरोस उसी जॉर्ज सोरोस के भाई हैं, जो दुनिया भर में राष्ट्रवादी सरकारों के विरुद्ध अराजकतावादी आंदोलनों को बढ़ावा देते हैं। ऐसे में ऐसे व्यक्तियों से संबंधित चिकित्सकों से भारत के विषय पर बिना किसी ठोस आँकड़े के लेख लिखवाना, और ये समझना कि भारत में कोई भी इन पर प्रश्न नहीं उठाएगा, क्या न्यू यॉर्क टाइम्स ने हमको इतना बेवकूफ समझा है?
हालांकि, यह प्रथम ऐसा अवसर नहीं है, क्योंकि न्यू यॉर्क टाइम्स ने इससे पहले भी अनेकों बार भारत के विरुद्ध कई अवसरों पर विष उगला है, चाहे वो भारतीय संस्कृति के विषय पर हो, या फिर भारतीय प्रतिबद्धता पर। परंतु इस बार जिस प्रकार से उन्होंने बिना तैयारी के भारत पर धावा बोलने की गलती की, तो ये दांव उन्ही पर भारी पड़ा है, और अब न्यू यॉर्क टाइम्स कहीं भी मुंह दिखाने लायक नहीं बचा है।