आखिर जिसका भय था, वही हुआ। Dismantling Global Hindutva कॉन्फ्रेंस को जिस उद्देश्य से स्थापित किया गया और जिस कारणवश कराया गया, उसका असर उत्तरी अमेरिका में दिखने लगा है। पिछले एक हफ्ते में हिंदुओं के विरुद्ध नस्लीय हमलों में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है। चाहे अमेरिका हो या कनाडा, हर जगह हिंदुओं को उनकी आस्था का अनुसरण करने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है।
दरअसल, Dismantling Global Hindutva कॉन्फ्रेंस के आयोजन के कुछ ही दिनों बाद कनाडा के Mississauga शहर के बारबरटाउन रोड पर एक पार्क के पास एक सनातनी परिवार ने कार्यक्रम क्या आयोजित किया कि कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। इतने से भी मन नहीं भरा, तो जब वह परिवार अपनी गाड़ी से वापिस जाने लगा, तो उस पर भी पत्थरबाजी करने लगे।
रिपोर्ट के अनुसार पता चला कि शनिवार को एक 45 वर्षीय हिंदू व्यक्ति ने पार्क में हिंदू धर्म से जुड़ा एक कार्यक्रम आयोजित किया। इतने में दो लड़के वहाँ पहुँचे और उन्होंने हिंदू व्यक्ति के साथ मारपीट की। दोनों आरोपितों में से एक करीब 16 साल औऱ दूसरा करीब 18 साल का था। आरोपितों ने हिंदू परिवार पर अपमानजनक और हिंदू घृणा से भरी टिप्पणी भी की। मारपीट के बाद जब पीड़ित व्यक्ति अपनी कार से परिवार के साथ वहाँ से जाने लगा तो आरोपितों ने उस पर पत्थरबाजी भी की। इस हमले में कार को भी नुकसान हुआ है।
Hate crime against Hindu family in Canada: Man and his family victims of hate crime at Mississauga park @PeelPolice https://t.co/oFNa8ztNq7
— Dr Vijay Chauthaiwale (@vijai63) September 15, 2021
पील के स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा, “पील की विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत हमारी अनेकों ताकतों में से एक है। शांति और सुरक्षित तरीके से अपने धर्म का अभ्यास और जश्न मनाने का अधिकार कनाडा में मौलिक अधिकार है। इस तरह के घृणित, जानबूझकर किए गए कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूँ कि आरोपितों की पहचान करने के लिए उचित संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।” इसके अलावा पुलिस ने गवाहों या इस मामले की जानकारी रखने वालों को पुलिस से संपर्क करने को कहा।
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परंतु आपको क्या लगता है, ये हमले केवल कनाडा तक ही सीमित हैं? पिछले कई दिनों में कई ऐसी घटनाएँ सामने आई है, जिनसे ये स्पष्ट होता है कि Dismantling Global Hindutva सनातन धर्म के विरुद्ध नस्लवाद को बढ़ावा देने में कहीं न कहीं तो सफल हुआ ही है।
स्वयं इस निकृष्ट कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वाली एक सदस्य आकांक्षा मेहता के अनुसार, “मैं बिना हिचकिचाहट के कहती हूँ कि हिन्दुत्व हिन्दू धर्म के बिना अधूरा है। यह कहना कि हिन्दुत्व हिन्दू धर्म नहीं है, बचकाना है और खतरनाक है।” आप इससे स्पष्ट समझ सकते हैं कि ये लोग किस प्रकार से सनातन धर्म और उसके अनुयाइयों के विरुद्ध अपराधों को बढ़ावा देना चाहते हैं।
DGH speaker Akanksha Mehta
"I emphasize, without hesitation, that Hindutva is inseparable without Hinduism. And arguments that Hindutva is not Hinduism are deeply dangerous..& will not lead us to the future we want"
There it is, in their own words. This is a conference of HATE pic.twitter.com/mrmHW76gJ3
— Hate Patrol Squad (@HatePatroller) September 12, 2021
Just as the #dghconference is creating Hindu hatred, these hate signs have started appearing in our neighborhood in suburbs of Atlanta! It's 'dothead racism' against Hindus.
@ProfVemsani @npunwani @SuhagAShukla @SarahLGates1 pic.twitter.com/MnxL6qwvKa— दृष्टिकोण (@drishtikone) September 12, 2021
इतना ही नहीं, अमेरिका में भी हिंदुओं के विरुद्ध नस्लवादी अपराधों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ने लगी है। इंस्टाग्राम पर एक हैंडल है हिन्दू समता, जो विभिन्न विषयों पर सनातन धर्म से जुड़ा ज्ञान और विश्व भर में सनातन धर्म से संबंधित खबरों के बारे में अपडेट देता है। इससे ज्ञात हुआ कि जॉर्जिया प्रांत की राजधानी एटलांटा में हिंदुओं के प्रति लोग अब नस्लीय टिप्पणी अधिक करने लगे हैं, और कुछ तो यह भी कहने लगे हैं कि ‘Dot Headed People are not Allowed’, जो निश्चित रूप से हिंदुओं के तिलक प्रथा पर नस्लीय टिप्पणी थी। इसी भांति मिनेसोटा राज्य में सनातनी मंदिर के विरुद्ध चर्च गिरोह के सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है। रोचक बात तो यह भी है कि दोनों ही जगह सत्ताधारी डेमोक्रेट पार्टी का प्रभुत्व है। ऐसे में आप भली भांति समझ सकते हैं कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन नस्लीय हमलों किनकी छत्रछाया में हो रहे हैं।
ऐसे में हमें सजग रहने और अपने आदर्शों पर दृढ़ निश्चयी रहने की सख्त आवश्यकता है। इसके साथ ही हमें इस बात पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए कि हमारी कूटनीति में किसी प्रकार की कोई कमी न रहे, ताकि ऐसे नस्लीय हमले ज्यादा न बढ़ने पाए।