पिछले दिनों लखनऊ में हुई एक घटना की वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रही था जिसमें एक महिला द्वारा एक कैब ड्राइवर को अकारण ही पीटा जा रहा था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर यह चर्चा शुरू हो गई थी फेमिनिज्म के नाम पर बहुत सी ऐसी घटनाएं होती है जहां पुरुषों को महिलाओं की हिंसा का सामना करना पड़ता है।
लखनऊ वाली घटना की तरह ही नोएडा में भी एक नया प्रकरण सामने आया है। वायरल वीडियो में एक महिला UBER कैब ड्राइवर के साथ बदसलूकी करती देखी जा रही है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि महिला द्वारा कैब ड्राइवर को यह धमकी दी जा रही है कि यदि वह उसकी बात नहीं मानेगा तो महिला उस पर छेड़खानी का झूठा आरोप लगा देगी।
कैब ड्राइवर ने ही बनाया वीडियो
यह वीडियो कैब ड्राइवर द्वारा ही बनाया गया है जिसमें महिला पैसेंजर पिछली सीट पर बैठी दिख रही है। वीडियो में दिख रहा है कि महिला कैब ड्राइवर से यह कह रही है कि वह गाड़ी को एक अन्य स्टॉप पर रोके। महिला चाहती थी कि वह मुफ्त में एक अन्य स्टॉप पर रोक सके और वहां किसी परिचित से अपना कोई सामान ले सके। कैब ड्राइवर का कहना था कि यदि महिला को किसी अन्य स्टॉप पर भी रुकना है तो उसे एप्लीकेशन में उस स्थान की जानकारी दे देनी चाहिए। जबकि महिला ने इस बात का विरोध किया क्योंकि यदि वह अपनी राइड में एक अन्य स्टॉप बढ़ाती तो इसके लिए उसे अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता। महिला मुफ्त में एक स्टॉप बढ़ाना चाहती थी जबकि कैब ड्राइवर इसके लिए तैयार नहीं था।
और पढ़े- एक अंहकारी महिला ने सरेआम एक कैब ड्राइवर को बेरहमी से पीटा और उसे कोई सजा नहीं मिली
कैब ड्राइवर के बार-बार अनुरोध करने के बाद भी महिला अतिरिक्त स्टाफ की जानकारी एप्लीकेशन पर देने के लिए तैयार नहीं हुई। इसके बजाय उसने कैब ड्राइवर को धमकी दी कि यदि वह उसकी बात नहीं मानेगा तो वह पुलिस को बुलाएगी और उसके खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा करवाएगी। जब महिला ने देखा कि कैब ड्राइवर उसकी हरकतों की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा है तो वह और भी नाराज हो गई। वीडियो से साफ जाहिर होता है कि महिला यात्री निर्दोष कैब ड्राइवर पर झूठे आरोप लगा रही है। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
पत्रकार दीपिका नारायण भारद्वाज ने ट्विटर पर लिखा। “यह महिला चाहती थी कि कैब ड्राइवर इसे मुफ्त में एक और स्टॉप पर ले जाए जिससे यह मुफ्त में वहां से अपना सामान ले सके। जब उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया और उससे अतिरिक्त स्टॉप की जानकारी देने को कहा तो महिला ने पुलिस को बुला लिया और कैब ड्राइवर पर छेड़खानी, गाली गलौज और जबरदस्ती के आरोप लगा दिए। मुझे ऐसे कैब ड्राइवर्स के लिए बहुत बुरा लगता है।”
एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा ‛मुझे पूरा विश्वास है कि महिला पैसेंजर के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होगी। कल को यदि कैब ड्राइवर किसी अकेली महिला को अपनी गाड़ी में बैठाने से मना करने लगें तो निश्चय ही बखेड़ा खड़ा हो जाएगा और न्यायालय इस मामले में गाइडलाइन जारी करने लगेगा।’
I am sure no action shall be taken against the lady passenger . Tomorrow if , Cab drivers don’t accept the single lady request -there shall be mayhem and definitely Apex Court will start giving directives .
— Naresh Rathi (@NareshLalita) September 27, 2021
एक अन्य यूजर ने प्रश्न करते हुए लिखा कि ‛क्या उबर इंडिया इस महिला के विरुद्ध कोई कार्रवाई करेगा। इसी प्रकार का एक मामला अमेरिका में भी सामने आया था जहां पर एक महिला ने कैब ड्राइवर के साथ केवल इसलिए बदतमीजी की थी क्योंकि उसने महिला से मास्क पहनने का अनुरोध किया था। उसके बाद उबर ने उस महिला पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसलिए आपको भी इस महिला पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। किंतु मुझे नहीं लगता कि आपमें ऐसा करने की हिम्मत है।’
प्रासंगिक होते जा रहा है महिला सशक्तिकरण
फेमिनिज्म के नाम पर पुरुषों के विरुद्ध मानसिक, शारीरिक या अन्य किसी प्रकार की हिंसा करना सर्वथा अनुचित है। पितृसत्तात्मक समाज के विरोध में मातृसत्तात्मक समाज के निर्माण की कल्पना मानसिक दिवालियापन को दिखाती है। वास्तविकता यह है कि पितृसत्तात्मक समाज के विरुद्ध यदि कोई आदर्श समाज बनता है तो वह समानता के आधार पर बनाया गया समाज होना चाहिए।
ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां महिलाएं पुरुषों पर अत्याचार करती दिखती हैं। कुछ ही महीनें पहले ऐसी ही एक घटना Zomato के डिलीवरी बॉय के साथ की हुई थी, जहां महिला ने उसपर हाथापाई के झूठे आरोप लगाए थे। समस्या यह है कि जब कोई महिला किसी पुरुष पर आरोप लगाती है तो समाज पहले ही पुरुष को दोषी करार दे देता है जबकि ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच के बाद ही कोई निर्णय होना चाहिए। यदि ऐसे मामलों पर रोक नहीं लगेगी तो महिला सशक्तिकरण का विचार अपनी प्रासंगिकता खो देगा। ऐसे मामले महिला सशक्तिकरण के विचार को बदनाम कर रहे हैं।
और पढ़े- हितेश चंद्रानी जिसने Zomato डिलीवरी बॉय पर हमले का आरोप लगाया था, अब गिरफ्तारी से डर के भाग गई है