TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अगर ममता भवानीपुर उप-चुनाव हारती हैं तो बंगाल और TMC सदा के लिए बदल जाएंगे

TFI Desk द्वारा TFI Desk
5 September 2021
in समीक्षा
ममता भवानीपुर सीट से लड़ेंगी चुनाव
Share on FacebookShare on X

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजनीति में हाथ मारने के प्रयास कर रही हैं, किंतु वर्तमान में वो एक विधायक तक नहीं हैं। विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की तो जीत हुई, पर ममता सुवेंदु अधिकारी के सामने अकड़ दिखाने की राजनीतिक अपरिपक्वता के कारण स्वयं ही नंदीग्राम से चुनाव हार गईं। ऐसे में टीएमसी के नेताओं की उपचुनाव कराने की आतुरता के बीच निर्वाचन आयोग ने बंगाल में उपचुनाव का ऐलान कर दिया है। यदि ममता चुनाव जीत गईं तो बंगाल की स्थिति यथावत् ही रहेगी, किन्तु इसके विपरीत अब सवाल ये है कि तब क्या होगा, यदि ममता अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर से विधानसभा उपचुनाव ही हार जाएं?

ममता के पास परिवार के अलावा और कोई विश्वसनीय नेता नहीं है। ऐसे में क्या भरोसा कि ममता की हार के बाद जो नेता सीएम की कुर्सी पर बैठेगा, वो पूरे पांच वर्ष तक ममता की ही बात मानेगा । ऐसे में ममता की राजनीतिक ताकत पूर्णतः खत्म हो सकती है। वहीं उनकी गैर-मौजूदगी में टीएमसी की इस बर्बादी का असल कारण केवल नंदीग्राम से ममता के चुनाव लड़ने का अपरिपक्व निर्णय ही होगा। चुनाव आयोग के मुताबिक 30 सितंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा, एवं 3 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि ममता के लिए ये एक महीना बेहद भारी होने वाला है।

संबंधितपोस्ट

How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

और लोड करें

टीएफआई आपको पहले ही बता चुका है कि भवानीपुर सीट पर ममता का 2016 विधानसभा चुनाव का रिकॉर्ड अच्छा नहीं था। इतना ही नहीं, हाल के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद भी राज्य में जो हिंसा हुई थी, उसमें टीएमसी के ही नेताओं और कार्यकर्ताओं की भूमिका स्पष्ट होने के बाद बहुसंख्यकों के बीच ममता की लोकप्रियता में बड़ी कमी आ सकती है। बीजेपी भी इस राजनीतिक हिंसा को भवानीपुर उप-चुनाव में मुख्य मुद्दा बना सकती है। एक इंटरव्यू  में बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष भी ऐलान कर चुके हैं, कि पार्टी ममता के विरुद्ध विधानसभा चुनाव मे पूरी ताकत झोंकेगी और एक लोकप्रिय चेहरा भी उतार सकती है। ऐसे में मुख्य सवाल यही उठता है कि ममता उपचुनाव जीत गईं तब तो सब वैसा ही चलेगा जैसा ममता चलाती आई हैं, किन्तु यदि हार गईं तो क्या होगा?

और पढ़ें- ममता अगर उप-चुनाव हारीं तो इतिहास में वो पद पर रहते हुए हारने वाली तीसरी मुख्यमंत्री होंगी

ममता बनर्जी के बाद पार्टी की अन्य लीडरशिप की बात करें, तो महत्वपूर्ण बात ये है कि ममता भतीजे अभिषेक बनर्जी के अलावा अन्य टीएमसी नेताओं पर विश्वास नहीं करती हैं, किन्तु वो भी लोकसभा सांसद हैं। इसके अलावा डेरेक ओ ब्रायन एवं महुआ मोइत्रा टीएमसी के महत्वपूर्ण नेता तो हैं, लेकिन इन्हें जनता से जुड़ा नेता नहीं माना जाता है एवं ये दोनों भी राज्यसभा सांसद हैं। भतीजे समेत डेरेक या महुआ को ममता सीएम बनाने के लिए तैयार भी हो जाती हैं, तो इन तीनों के साथ भी वही दिक्कत होगी, जो ममता को विधायक न होने के कारण हो रही है, क्या पता पुनः उपचुनाव कराने के मुद्दे पर आयोग सहमत हो न हो। इसके अलावा ममता पहले मुकुल रॉय पर जितना विश्वास करती थीं, बीजेपी में जाने और पुनः टीएमसी में आने के बावजूद अब उन पर भी ममता का विश्वास नहीं रहा है। वहीं अपनी गैर-मौजूदगी में केन्द्र की राजनीति करने के लिए एक समय ममता ने जिस नेता पर भरोसा किया था, वो दिनेश त्रिवेदी भी अब बीजेपी में जा चुके हैं। इसके अलावा ममता का राज्य में जो सबसे विश्वसनीय चेहरा था, वो ही ममता की इस सबसे बड़ी मुसीबत का कारण (सुवेंदु अधिकारी) है।

इसके अलावा उनके सामने विकल्प नुसरत जहां से लेकर मिमी चक्रवर्ती जैसे नेताओं के ही बचते हैं, किन्तु ये सभी न ज्यादा विश्वास पात्र हैं और न ही राजनीतिक रूप से परिपक्व। ऐसे में ममता के सामने एक ही विकल्प होगा, कि वो अपने किसी करीबी को सीएम पद की कुर्सी पर बिठाएं, जो उनकी मर्जी के अनुसार काम करे। ममता के पास रिमोट कंट्रोल की सरकार चलाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा। ऐसा नहीं हैं कि रिमोट कंट्रोल की सरकार से ममता की मुश्किलें खत्म हो जाएंगी, अपितु इसमें उनकी मुसीबतों में बढ़ोतरी ही होगी।

भारतीय राजनीति में रिमोट कंट्रोल की सरकार ज्यादा दिन तक नहीं चल पाती, यद्यपि कोई पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह की तरह पार्टी प्रमुख के प्रति घोर चाटुकार न हो। रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने की मंशाओं के विफल होने का बड़ा उदाहरण पूर्व पीएम पी. वी. नरसिम्हा राव हैं। 1991 के लोकसभा चुनाव के बाद तत्कालीन राजनीति की कच्ची खिलाड़ी सोनिया गांधी ने सोचा था कि वो रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाएंगी। यही कारण था कि उन्होंने पी. वी. नरसिम्हा राव को चुना था, जबकि सूची में प्रणब मुखर्जी का नाम भी था, जो कि बाद में देश के राष्ट्रपति भी बनें।

पी. वी. नरसिम्हा राव को सरकार का नेतृत्व देने के बाद सोनियां गांधी को आभास हो गया कि उन्होंने सबसे बड़ी गलती कर दी। नरसिम्हा राव को राष्ट्रवादी नेता माना जाता था, यही कारण है कि उनकी प्रशंसा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी से लेकर वर्तमान पीएम नरेन्द्र मोदी तक कर चुके हैं। नरसिम्हा राव ने राजनीतिक कुशलता का प्रयोग करते हुए सरकार चलाई, और गांधी परिवार के निजी स्वार्थों को भाव नहीं दिया। इसी का नतीजा था, कि राव के करीबी माने जाने वाले सीताराम केसरी को कांग्रेस अध्यक्ष पद एवं कांग्रेस दफ्तर से अपमानित करके निकाला गया था।

वहीं, दूसरा सबसे बड़ा उदाहरण बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी हैं। बीजेपी के पीएम उम्मीदवार के रूप में नरेन्द्र मोदी को चुने जाने के बाद मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब बीजेपी से 2013 में गठबंधन तोड़ा था, तो दलित  राजनीति का खेल खेलने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद अपने चाटुकार नेता जीतन राम मांझी को दिया।  मई 2014 को मांझी ने शपथ ली, और उसके बाद वो अपने मन से सरकार चलाने लगे; जिसका नतीजा ये हुआ कि नीतीश ने षडयंत्रों के दम पर फरवरी 2015 में पुनः सीएम पद मांझी से छीना। इस पूरे प्रकरण से न केवल दोनों के बीच खटास आई अपितु नीतीश का रानजीतिक करियर भी ढलान पर चला गया।

और पढ़ें- नंदीग्राम से हारने के बाद ममता भवानीपुर सीट से लड़ेंगी चुनाव, यह निर्णय घातक हो सकता है

रिमोट कंट्रोल सरकार को लेकर मनमोहन सिंह एवं सोनिया गांधी की सफलता के किस्से तो सुनाए जाते हैं, किन्तु इससे कांग्रेस की भी कम फजीहत नहीं हुई। कांग्रेस के राजनीतिक निर्वासन में जाने की एक बड़ी वजह मनमोहन सरकार का रिमोट सोनिया के पास होना भी था। इन उदाहरणों के आधार पर ये कहा जा सकता है कि यदि अपने परिवार के इतर ममता चुनाव हारने पर टीएमसी के किसी नेता को सीएम पद की कुर्सी देंगी, तो उनके लिए हमेशा ये चिंता रहेगी कि आखिर वो नेता कब तक रिमोट कंट्रोल पर काम करेगा, क्योंकि अभी तो नई सरकार का शुरूआती समय है।

चुनाव हुए 6 महीने भी नहीं हुए, ऐसे में यदि बंगाल को दूसरा मुख्यंमंत्री मिलता है, तो संभवतः वो 4 साल का लंबा कार्यकाल देखते हुए काम कर सकता है। ऐसे में सीएम न रहने पर ममता बनर्जी की सबसे बड़ी ताकत अर्थात बंगाल पुलिस से ममता का कंट्रोल खत्म हो सकता है। भले ही टीएमसी कार्यकर्ता ममता के प्रति वफादारी दिखायें पर कुछ तो नये मुख्यमंत्री की तरफ छुकाव रखेंगे ही। इससे टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच फूट बढ़ जायेगी और ममता की ताकत और कम हो जायेगी। वहीं, टीएमसी कार्यकर्ताओं पर उनके अपराधों के लिए कार्रवाई भी हो सकती है। ऐसे में ये निश्चित है कि ममता अपना राजनीतिक कंट्रोल बंगाल की राजनीति एवं सरकार से खो दें। नई विधानसभा के तुरंत बाद ममता के हटने के कारण राज्य में पार्टी बिखर भी सकती है। इस पूरे परिदृश्य के बीच यदि दोबारा ममता विधायकों के जरिए खेल करने की कोशिशें भी करती हैं, तो अंत में उन्हें विधायक तो बनना ही पड़ेगा, और निश्चित है कि जिस तरह से इस बार टीएमसी की बात मानकर संवैधानिक नियमों का पालन करते हुए आयोग उपचुनाव करा रहा है, संभवतः अगली बार चुनाव आयोग ममता को ही नजरंदाज कर दे।

इसी के चलते हम ये सोच सकते हैं कि अगर ममता ये उपचुनाव जीत गईं तो राज्य में सबकुछ सामान्य ही रहेगा, राजनीतिक हिंसा से लेकर मुस्लिम तुष्टीकरण एवं आर्थिक मोर्चे पर राज्य पिछड़ता हुआ ही दिखेगा। इसके विपरीत यदि ममता हार गईं तो ये बंगाल की राजनीति में ममता के रसूख के अंत का अध्याय शुरू हो जायेगा। ममता के सुवेंदु के विरोध में चुनाव लड़ने की उनकी गलती उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल साबित होगी, और ममता का राष्ट्रीय राजनीति में जाने का सपना भी चकनाचूर हो सकता है। वहीं ममता की हार के संबंध में ये परिदृश्य 2026 या उससे पहले भाजपा के लिए पश्चिम बंगाल मे स्वर्णिम युग ला सकता है।

शेयर18ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

BBC या PBC? पाकिस्तान का तालिबानी लिंक उजागर करने के लिए BBC ने किया विशेषज्ञ को OUT

अगली पोस्ट

देसी-विदेशी षड्यंत्रों के बावजूद भी नरेंद्र मोदी हैं विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता

संबंधित पोस्ट

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited