TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    TMC का SSC घोटाला: भ्रष्टाचार, महिला अपमान और बंगाल की युवा पीढ़ी के साथ विश्वासघात

    TMC का SSC घोटाला: भ्रष्टाचार, महिला अपमान और बंगाल की युवा पीढ़ी के साथ विश्वासघात

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग हाथ मिलाते हुए

    धन्यवाद, मिस्टर ट्रम्प – ‘कूटनीति’ का ये सबक याद दिलाने के लिए कि स्थायी सिर्फ़ स्वार्थ होता है, और अब भारत वही कर रहा है

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    विदेशी एजेंडा फिर फेल—भारत की ऊर्जा नीति 140 करोड़ भारतीयों के लिए

    पीटर नवारो साहब- भारत की ऊर्जा नीति ‘ब्राह्मणों’ के लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के हितों के लिए है, इसे अमेरिका जितना जल्दी समझ ले उतना अच्छा

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-जापान मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को जापान में रोजगार, रिश्तों में नया अध्याय

    भारत-जापान ऐतिहासिक मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को मिलेगा जापान में काम का अवसर, कार्य संस्कृति में संभावित बड़ा बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग हाथ मिलाते हुए

    धन्यवाद, मिस्टर ट्रम्प – ‘कूटनीति’ का ये सबक याद दिलाने के लिए कि स्थायी सिर्फ़ स्वार्थ होता है, और अब भारत वही कर रहा है

    भारत-जापान मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को जापान में रोजगार, रिश्तों में नया अध्याय

    भारत-जापान ऐतिहासिक मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को मिलेगा जापान में काम का अवसर, कार्य संस्कृति में संभावित बड़ा बदलाव

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    विदेशी एजेंडा फिर फेल—भारत की ऊर्जा नीति 140 करोड़ भारतीयों के लिए

    पीटर नवारो साहब- भारत की ऊर्जा नीति ‘ब्राह्मणों’ के लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के हितों के लिए है, इसे अमेरिका जितना जल्दी समझ ले उतना अच्छा

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    जापान की गोपनीय फाइलें और अधूरा सच: क्या अब खत्म होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रहस्य?

    जापान की गोपनीय फाइलें और अधूरा सच: क्या अब खत्म होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रहस्य?

    भारत के अलावा किन-किन देशों में होती है गणेश जी की पूजा और क्या है मान्यताएं?

    भारत के अलावा किन-किन देशों में होती है गणेश जी की पूजा और क्या है मान्यताएं?

    एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां

    एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    TMC का SSC घोटाला: भ्रष्टाचार, महिला अपमान और बंगाल की युवा पीढ़ी के साथ विश्वासघात

    TMC का SSC घोटाला: भ्रष्टाचार, महिला अपमान और बंगाल की युवा पीढ़ी के साथ विश्वासघात

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग हाथ मिलाते हुए

    धन्यवाद, मिस्टर ट्रम्प – ‘कूटनीति’ का ये सबक याद दिलाने के लिए कि स्थायी सिर्फ़ स्वार्थ होता है, और अब भारत वही कर रहा है

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    विदेशी एजेंडा फिर फेल—भारत की ऊर्जा नीति 140 करोड़ भारतीयों के लिए

    पीटर नवारो साहब- भारत की ऊर्जा नीति ‘ब्राह्मणों’ के लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के हितों के लिए है, इसे अमेरिका जितना जल्दी समझ ले उतना अच्छा

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-जापान मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को जापान में रोजगार, रिश्तों में नया अध्याय

    भारत-जापान ऐतिहासिक मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को मिलेगा जापान में काम का अवसर, कार्य संस्कृति में संभावित बड़ा बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग हाथ मिलाते हुए

    धन्यवाद, मिस्टर ट्रम्प – ‘कूटनीति’ का ये सबक याद दिलाने के लिए कि स्थायी सिर्फ़ स्वार्थ होता है, और अब भारत वही कर रहा है

    भारत-जापान मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को जापान में रोजगार, रिश्तों में नया अध्याय

    भारत-जापान ऐतिहासिक मानव संसाधन समझौता: 50,000 भारतीय युवाओं को मिलेगा जापान में काम का अवसर, कार्य संस्कृति में संभावित बड़ा बदलाव

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    तियानजिन से भारत का आत्मविश्वासी स्वर: पीएम मोदी ने पुतिन संग कार की सवारी कर दुनिया को दिया कड़ा संदेश

    विदेशी एजेंडा फिर फेल—भारत की ऊर्जा नीति 140 करोड़ भारतीयों के लिए

    पीटर नवारो साहब- भारत की ऊर्जा नीति ‘ब्राह्मणों’ के लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ हिंदुस्तानियों के हितों के लिए है, इसे अमेरिका जितना जल्दी समझ ले उतना अच्छा

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    बांग्लादेश: हिंदुओं के लिए नर्क, दुनिया की चुप्पी और भारत की जिम्मेदारी

    जापान की गोपनीय फाइलें और अधूरा सच: क्या अब खत्म होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रहस्य?

    जापान की गोपनीय फाइलें और अधूरा सच: क्या अब खत्म होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रहस्य?

    भारत के अलावा किन-किन देशों में होती है गणेश जी की पूजा और क्या है मान्यताएं?

    भारत के अलावा किन-किन देशों में होती है गणेश जी की पूजा और क्या है मान्यताएं?

    एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां

    एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

IITian से IAS अधिकारी बने, यह कोई जश्न की बात नहीं है

प्रशासनिक सेवा का वो कड़वा सच जिसे अनदेखा कर दिया जाता है!

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
26 September 2021
in मत
IITian से IAS अधिकारी बने, यह कोई जश्न की बात नहीं है
Share on FacebookShare on X

अभियांत्रिक या प्रशासनिक?

लालबत्ती से आसक्ति है। हमारी, आपकी, हमारे पूरे समाज की। सरकारी सेवा के प्रति भारतीय समाज का अनन्य अनुराग है। होना भी चाहिए। कहते है- “राष्ट्र सेवा पुनीत कार्य में सबसे उत्कृष्टतम है।“ विद्यालयों के श्यामपट्ट पर लिखी उक्ति “ज्ञानार्थ आइए, सेवार्थ जाइए“ ही शिक्षा का शाश्वत उद्देश्य है। परंतु, हमने उस शैक्षणिक श्यामपट्ट पर अंकित मानव इतिहास की सबसे बड़ी सीख को विस्मृत कर दिया। उपभोक्तावादी संस्कृति की इस दौर में, शिक्षा का उद्देश्य राष्ट्रसेवा, जन सेवा, नवाचार, शोध से सिमट कर पेट, आजीविका और परिवार पालन तक सीमित हो गयी है। दुर्भाग्य से अब हमारे शिक्षण संस्थान एक विद्वत और गुणी इंसान का निर्माण नहीं बल्कि एक दक्ष यंत्र का निर्माण करते हैं। इस परिवर्तन के बदले उसे आजीविका हेतु अर्थ प्रदान किया जाता है। अगर व्यक्ति सरकार का सेवक या कोई अधिकारी बन जाता है, तो पद, पैसा, पावर और प्रतिष्ठा भी मिलती है। दहेज भी मिलता है। ऊपरी कमाई और स्थायित्व और सुरक्षा भी मिलती है बिना किसी जिम्मेदारी के मूल्यांकन के।

संबंधितपोस्ट

विचारधारा के भंवर में झूलते ओझा सर को ‘AAP’ का सहारा: ‘सेक्स’ की बातों से लादेन की तारीफ तक, जानिए कैसा रहा है उनका सफर

बिहार नहीं रहा UPSC की फैक्ट्री, जानें क्या है वजह।

IIT अब वैश्विक होने जा रही है!

और लोड करें

स्पष्ट है सरकारी नौकरी के यत्न और प्राप्ति के पीछे सेवा भाव का अभाव है। हमारी निजी महत्वकांक्षा और लोभ हमें दिल्ली के मुखर्जीनगर या फिर प्रयागराज पहुंचा देती है। लेकिन जब आप शिक्षा ग्रहण करने के बाद ऐसे बदनीयती और लोभ के प्रभाव में दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ते है तो सिर्फ घर पीछे नहीं छूटता। पीछे छूटता है पूरा देश, आपकी प्रतिभा, दूसरों की प्रतिभा, आपका सब कुछ, किसी अन्य का सब कुछ। 24 सितंबर 2021 को भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ।

बिहार के कड़वा प्रखंड के कुम्हेरी पंचायत के रहने वाले शुभम ने सर्वोच्चा स्थान प्राप्त किया। शुभम ने पिछले साल भी यूपीएससी परीक्षा पास की थी और एआईआर 290 हासिल किया था। वह वर्तमान में पुणे में प्रशिक्षण ले रहे हैं। शुभम का सर्वोच्च स्थान पाना शायद आपके लिए उतनी बड़ी खबर नहीं होगी। लेकिन, शुभम द्वारा दुबारा प्रशासनिक सेवा परीक्षा उतीर्ण करना अवश्य है। क्योंकि इससे तीन प्रकार की विकृत राष्ट्रिय समस्या त्वरित सृजित होती है।

प्रथम समस्या

राष्ट्र आपके निर्माण में योगदान देता है ताकि आप राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सके। देश आपको शिक्षा, संसाधन, समय और सबकुछ देता है। आपकी योग्यता दूसरों के लिए असफलता का कारण बनती है। परंतु, जब आप निजी स्वार्थ हेतु इन सभी चीजों का त्याग कर दुसरे क्षेत्र का चुनाव करते है तब राष्ट्र आपकी रिक्ति को भर नहीं पाता। आपका यही आभाव देश के उत्थान में बाधक है। प्राप्त किए गए डेटा से पता चलता है कि 2020 बैच के 428 सिविल सेवक जो प्रशिक्षण के लिए मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) गए हैं, उनमें से 245, या 57.25 प्रतिशत इंजीनियर हैं।  आठ अन्य लोगों के पास इंजीनियरिंग-प्लस-प्रबंधन पृष्ठभूमि है।  बैच में कला पृष्ठभूमि से केवल 84 सिविल सेवक हैं, जो कुल भर्ती का 19.6 प्रतिशत है। 2019 बैच में, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में जाने वाले कुल 325 सिविल सेवा प्रशिक्षुओं में से 191 या 58.7 प्रतिशत इंजीनियर थे।  अन्य 10 में इंजीनियरिंग-प्लस-प्रबंधन पृष्ठभूमि के प्रशिक्षु थे।

दूसरी समस्या (शैक्षणिक विविधता की कमी)

अभियांत्रिकी क्षेत्र के अत्यधिक प्रशासनिक प्रशिक्षु होने के कारण संसाधन की बरबादी के अलावा प्रशासनिक सेवा में शैक्षणिक विविधता की कमी भी हो रही है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से चयनित उम्मीदवारों की शैक्षिक विविधता को बढ़ाने के प्रयासों के बावजूद, सिविल सेवक बनने वाले इंजीनियरों की संख्या पिछले दो वर्षों में लगभग 60 प्रतिशत के अनुपात में अधिक रही है।

हालांकि, इस समस्या के पीछे परीक्षा का स्वरूप भी एक कारण है। परीक्षा की प्रक्रिया और विषयों का मूल्यांकन, विज्ञान विशेषकर अभियांत्रिकी क्षेत्र के छात्रों के अनुकूल है। 2018 में, उम्मीदवारों द्वारा दायर एक याचिका में प्रत्येक विषय के लिए कट-ऑफ अंक, स्केलिंग पद्धति, मॉडल उत्तर और सभी उम्मीदवारों के पूर्ण परिणाम के संबंध में पारदर्शिता की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। कहा गया कि यूपीएससी द्वारा सिर्फ अंक घोषित करने से समस्याएं पैदा होंगी जैसे कि मार्किंग मानकों की सराहना न करना, सिस्टम में विश्वास और विश्वसनीयता को कम करना।

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर एक इंजीनियरिंग टॉप करने वाला IAS बन जाता है तो वह दो तरह से देश का नुकसान करता है। एक भविष्य के Zoho या Freshworks जैसी कंपनियों के संस्थापक को आईआईटी में पढ़ने से रोक देता है। अगर आपको IAS ही बनना था तो आईआईटी में सीट नहीं लेते। और यदि इंजीनियरिंग में रहना था तो सिविल सेवा में सीट नहीं लेनी चाहिए थी।

और पढ़ें: कैसे मेजर जनरल सगत सिंह राठौर की ज़िद्द ने भारत को चीन के विरुद्ध सबसे अप्रत्याशित सैन्य जीत दिलाई

वैकल्पिक विषयों में अंकों की इस अनिश्चितता को एक ऐसी चीज के रूप में देखा जाता है जो सिविल सेवा परीक्षा में समान अवसर प्रदान करने में बाधा उत्पन्न करती है और यूपीएससी के लिए सुधारों की सिफारिश करने के लिए 2016 में स्थापित बसवान समिति ने ठीक इसी कारण से वैकल्पिक पेपर को पूरी तरह से हटाने का सुझाव दिया था। वैकल्पिक विषयों में अंकों की इस अनिश्चितता को एक ऐसी चीज के रूप में देखा जाता है जो सिविल सेवा परीक्षा में समान अवसर प्रदान करती है, और यूपीएससी के लिए सुधारों की सिफारिश करने के लिए 2016 में स्थापित बसवान समिति ने ठीक इसी कारण से वैकल्पिक पेपर को पूरी तरह से हटाने का सुझाव दिया था।

तीसरी समस्या ( प्रशासनिक अज्ञानता )

पूर्व ब्रिटिश सांसद और लेबर पार्टी के नेता टोनी बेन नौकरशाहों के बारे में ज्यादा नहीं सोचते थे। बेन ने प्रसिद्ध रूप से कहा था- “सिविल सेवा एक जंग खाए हुए मौसम की तरह है। यह राय के साथ चलता है फिर यह वहीं रहता है जब तक कि दूसरी हवा इसे एक अलग दिशा में नहीं ले जाती।” भारत में भी कई लोग उनके विचार से सहमत होंगे। अर्थात ऐसे प्रशासनिक सेवक सरकार के पिछलग्गू बन जाते है और राष्ट्र हिट के बजाय नेतृत्वहित और स्वार्थ हेतु काम करते है। इसकी सबसे बड़ी भुक्तभोगी आम जनता बनती है। प्रशासनिक अज्ञानता जन कल्याण में बाधक बनती है। नीति आयोग ने सुझाया कि सिविल सेवकों को उनकी प्रतिभा और डोमेन विशेषज्ञता के आधार पर सरकार में पदों और सेवाओं का आवंटन किया जाना चाहिए। यह एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है अगर आधिकारिक आंकड़ों पर गौर किया जाए, क्योंकि यह पता चलता है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में अधिकांश भर्तियां इंजीनियर या स्नातक हैं। सरकार ने समाधान हेतु सिविल सेवा में “लैट्रल एंट्री” तहत नियुक्ति प्रक्रिया का भी प्रावधान किया है।

और पढ़ें: Sensex को वास्तव में किसने मजबूत किया?

चौथी समस्या (लाल फीताशाही)

प्रशासन सेवक तब तक रहेगा जब तक उसके मानवीय गुणों में सत्यनिष्ठा समाहित रहेगी। अन्यथा वह लाल फीताशाही में परिवर्तित हो जाएगा। यह स्थिति भयावह होगी। शासन में शुचिता की कमी ही भ्रष्टता की जननी है। संघ लोक सेवा आयोग की रिपोर्ट और जांच के आधार पर बहुतेरे प्रशासनिक अधिकारियों को स्वैच्छिक रूप से पदच्युत कर दिया गया। बिना किसी प्रकार के प्रशिक्षण और सेवाभाव के आप एक अच्छे छात्र शायद बन भी जाए लेकिन प्रशासनिक अधिकारी तो बिलकुल नहीं बन सकते। परंतु, परम दुर्भाग्य तो यही है कि आप बिना किसी प्रशिक्षण के चयनित होते है। फिर भ्रष्ट होते है। दबाव झेलनें में असमर्थ होते है। इस तरह राष्ट्र की रीढ़ कार्यपालिका कि धुरी प्रशासनिक सेवा को निर्बल बनाते है।

सरकार के प्रयास

2019 के चुनावों से पहले जारी अपने चुनावी घोषणापत्र में, भाजपा ने कहा: “भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के लिए, हमें ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ के मार्गदर्शक सिद्धांत के साथ काम करने की आवश्यकता है। हम सिविल सेवाओं में सुधार लाएंगे और इसे लागू करेंगे।“ अपने पहले कार्यकाल के बाद से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सिविल सेवाओं में सुधारों पर जोर दे रही है। The Strategy For New India @ 75 “न्यू इंडिया 2022” नामक रिपोर्ट में परिकल्पित विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने, सार्वजनिक सेवाओं के अधिक प्रभावी बनाने तथा कुशल वितरण को सुनिश्चित करने के लिए सिविल सेवा की भर्ती, प्रशिक्षण और प्रदर्शन मूल्यांकन में सुधार प्रणाली को स्थापित करने की आवश्यकता पर बल देती है। सरकार ने 2 सितंबर को यह भी घोषणा की कि उसके मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम के तहत सिविल सेवकों को “अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, अभिनव, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम” होने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

और पढ़ें: Cooperatives के लिए अमित शाह की बड़ी योजनाएं, न सिर्फ आर्थिक बल्कि राजनीतिक क्षेत्र में होंगे दूरगामी परिणाम लाएँगी

संसाधन सीमित है। समय कम है। राष्ट्र प्रयासरत है। अतः आपका उत्तरदायित्व है कि इन स्मित संसाधनों का समुचित सदुपयोग करके राष्ट्र निर्माण कि नीव रखें। इस निर्माण कि नींव कई मार्गों से होकर गुजरती है। अभियांत्रिकी क्षेत्र घुट रहा है। दम तोड़ रहा है। आपकी ज्ञान, कुशलता और दक्षता इसे मिट्टी के विकास का सबसे बड़ा माध्यम बना देगी। भारत और विश्व ऐसे अनेकों प्रमाण से भरा पड़ा है। वैसे भी डिग्रियाँ तो तालिम हासिल करने के लिए किए गए खर्चों कि रसीदें है असल तो वो है जो किरदार में झलकता है। अभियांत्रिक का किरदार स्वयं में श्रेष्ठ है इसे प्रशासनिक बनाने कि जरूरत नहीं है। पढ़ते रहिए, राष्ट्र प्रेम से भरे रहिए, सेवा कर्म करते रहिए।

Tags: IASIITUPSC
शेयर24ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मुस्लिम अध्यापिका ने तिलक लगाने के कारण 14 वर्षीय बच्चे को सबके सामने पिटवाया

अगली पोस्ट

New Zealand का नया नाम हो सकता है Aotearoa, कारण ये रहे

संबंधित पोस्ट

भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद
अर्थव्यवस्था

भारत-रूस की अटूट दोस्ती: SCO समिट में मोदी–पुतिन की गूंज, दुनिया ने देखा भारत का बढ़ता कद

1 September 2025

चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन SCO समिट का मंच गवाह बना उस पल का, जब दुनिया ने एक बार फिर भारत की कूटनीतिक...

TMC का SSC घोटाला: भ्रष्टाचार, महिला अपमान और बंगाल की युवा पीढ़ी के साथ विश्वासघात
चर्चित

TMC का SSC घोटाला: भ्रष्टाचार, महिला अपमान और बंगाल की युवा पीढ़ी के साथ विश्वासघात

1 September 2025

पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) घोटालों के घेरे में है। हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट...

उमा भारती का बड़ा बयान: “पीओके वापस लेने के बाद ही भारत का उद्देश्य पूरा होगा”
चर्चित

उमा भारती का बड़ा बयान: “पीओके वापस लेने के बाद ही भारत का उद्देश्य पूरा होगा”

30 August 2025

भाजपा की फायरब्रांड नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब...

और लोड करें

टिप्पणियाँ 1

  1. Piyush Kalwar says:
    4 years पहले

    एक बेहतरीन ब्लाग I संसाध सीमित हैं, समय भी I ऐसी कठीन परीक्षा पास करने के लिये इंसान को Ambitious होना पड़ता है1 पर क्या यह बिहार का लड़का विहार की उन्नति में क़ितना योगदान दे पायेग़ा?

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

The Truth Behind Infiltration, Political Appeasement, and the Battle for Identity.

The Truth Behind Infiltration, Political Appeasement, and the Battle for Identity.

00:06:28

USA’s Real Problem With India is Not Russian oil ! America’s Double Standard Exposed yet Again.

00:06:12

Why Experts Say US President Donald Trump’s Behavior Signals Something Serious?

00:07:25

The Myth of Mother Teresa: Peeling Back the Veil of a Manufactured Saint

00:07:13

IADWS The Modern ‘Sudarshan Chakra’, Redefining the Laws of Future Aerial Warfare

00:06:12
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited