भले ही अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने आप को बहुत बड़ा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण खिलाड़ी समझ रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि उन्हें अपने देश वालों से लेकर बाहर तक, शायद ही कोई दो कौड़ी की इज्ज़त देता हो। इस बार तालिबान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की अल्टीमेट बेइज्जती की है और अफगानिस्तान के मामलों से दूर रहने के लिए कहा है।
अपनी आत्ममुग्धता में डूबे इमरान खान ने कहा था कि अफगानिस्तान में ‘लोकतांत्रिक’, ‘गणराज्य’ बनाने की आवश्यकता है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान में “गृहयुद्ध” के जोखिम की चेतावनी भी दी है।
इमरान खान ने बीबीसी नेटवर्क को दिए गए साक्षात्कार के दौरान बताया, “अगर उनके पास एक समावेशी सरकार नहीं है तो धीरे-धीरे वह एक गृहयुद्ध में उतर रहा है। अगर वे सभी गुटों को जल्दी या बाद में शामिल नहीं करते हैं, तो वह भी पाकिस्तान को प्रभावित करेगा, क्योंकि गृहयुद्ध से मानव संकट पैदा हो जाएगा।”
उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर अफगानिस्तान में गृहयुद्ध होता है तो मानवीय और रिफ्यूजी संकट में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसके अलावा उनका ये भी डर है कि गृहयुद्ध की स्थिति में अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल वो अपने मकसद के लिये नहीं कर पायेंगे।
इसके बाद गुरुवार को इमरान ने यह भी बोल दिया कि लड़कियों को शिक्षा देना इस्लाम के खिलाफ नहीं है। लड़कियों को शिक्षा दी जानी चाहिए और कोशिश रहेगी कि अफगानिस्तान में जल्द से जल्द ऐसी शिक्षा शुरू हो। इमरान खान ने आगे यह भी कहा कि लड़कियों को शिक्षा से दूर रखना गैर इस्लामिक काम है। अब यहां इमरान के बोल भला तालिबान को क्यों भाते? उसने इमरान खान की बेइज्जती कर डाली।
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अब उनकी हेकड़ी निकालने के लिए अफगानिस्तान के मीडिया सलाहकार ने उन्हें कठपुतली बता दिया है। तालिबान के सोशल मीडिया चीफ जनरल मुबीन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अफगानिस्तान के मामलों में दखल न देने की सलाह दी। मुबीन ने कहा कि ‘इमरान खान को पाकिस्तानी अवाम ने नहीं चुना। पाकिस्तान में उन्हें कठपुतली कहा जाता है। उन्हें कोई हक नहीं के वे हमारे मामलों में दखल दें, अगर वे ऐसा करेंगे तो हम भी ऐसा करने का हक़ रखते हैं’। इससे जुड़ा वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता और उप-सूचना मंत्री जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, ‘पाकिस्तान या किसी अन्य देश को तालिबान से ऐसी बातें कहने का कोई अधिकार नहीं है। इससे पहले एक और तालिबानी लीडर मोहम्मद मोबीन ने भी जबीहुल्लाह जैसा बयान दिया था।’
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बस फिर क्या था सोशल मीडिया पर इमरान खान को लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया। गौरव सावंत नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “पाकिस्तान कठपुतली प्रधानमंत्री इमरान खान की अल्टीमेट बेइज्जती है। तालिबान कमांडर ने ‘तालिबान खान’ को कहा कि वो अफगानिस्तान और उनके आंतरिक मामलों से दूर रहे अन्यथा वो पाकिस्तान का आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करेंगे। स्टिंग इन द टेल”:
Ultimate insult to #Pakistan PUPPET prime minister @ImranKhanPTI. #Taliban commander tells `Taliban Khan' to stay away from #Afghanistan & their internal affairs or they will interfere in #Pak. Sting is in the Tail: Taliban calls Im D Dim a `puppet prime minister' 🤣🤣🤣 https://t.co/tPGJGjQXZU
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) September 23, 2021
गुल बुखारी नाम के यूजर ने भी लिखा कि “ये तो बड़ी बेइज्जती है पाकिस्तान की वो भी उसकी कठपुतली के कारण, ये बहुत मजाकिया है, वो कितना सही है।”
This is an EPIC homily to Pakistan from its puppets. Hahahhahahaha this is SO funny. In his own way, he’s so right. Imran Khan ko tau kaheen ka nahi choRa 😂
https://t.co/8MEoQutVVA— Gul Bukhari (@GulBukhari) September 23, 2021
इस तरह की बेइज्जती से पाकिस्तान का हाल ठीक वैसा लग रहा जैसे वो ढोल है और जिसका मन होता है बजा कर चला जाता है। इस पूरे मामले से सीख लेते हुए पाकिस्तान अब अपनी नाक दूसरों के मामले से दूर रखे तो बेहतर है अन्यथ बेइज्जती को डोज मिलता रहेगा।