आज इंटरनेट के कारण दुनिया भर में सॉफ्टवेयर सेवाओं में उछाल का समय है। केंद्र सरकार की मजबूत नीतियों और स्टार्टअप्स को एक प्रमुख राष्ट्र-निर्माण बल के रूप में मान्यता मिलने के बाद भारतीय IT स्टार्टअप्स इतिहास में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। इसी क्रम में भारतीय आईटी स्टार्टअप, फ्रेशवर्क्स (Freshworks Inc) जो एक software-as-a-service यानी SAAS कंपनी है, यूएस स्टॉक एक्सचेंज, नैस्डैक में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय SAAS कंपनी बन गई है।
कंपनी ने अपना शेयर 36 डॉलर प्रति शेयर पर जारी किया। इसने पहले ही दिन 32 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की और दिन के अंत तक 47.55 डॉलर प्रति शेयर का कारोबार किया।
नैस्डैक में लिस्टिंग के साथ ही फ्रेशवर्क्स (Freshworks) के 10 फीसदी कर्मचारी करोड़पति हो गए। करोड़पति बनने वाले 500 कर्मचारियों में से, लगभग 70 प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु के हैं। लिस्टिंग के बारे में बात करते हुए, फ्रेशवर्क्स (Freshworks) के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी गिरीश मातृबूथम ने कहा- “यह वास्तव में कुछ ऐसा है जिसे भारत को और अधिक करने की आवश्यकता है। यह कई कर्मचारियों के लिए जीवन बदलने वाला है।” उन्होंने आगे कहा, “मैं वास्तव में मानता हूं कि धन को उन लोगों के साथ साझा किया जाना चाहिए जिन्होंने इसे बनाया है, न कि केवल संस्थापकों को अमीर बनाने के लिए।”
गिरीश ने MoneyControl को एक इंटरव्यू में बताया कि कंपनी के लगभग 76 प्रतिशत कर्मचारियों के पास शेयर हैं, इसी के चलते, उनमें से 500 से ज्यादा करोड़पति बन गए हैं, जिनमें से लगभग 70 की उम्र 30 साल से भी कम है। नैस्डैक पर लिस्टेड होने के बाद, गिरीश ने ट्विटर पर अपने कर्मचारियों, अपने इनवेस्टर्स और ग्राहकों को कंपनी को इस ऊंचाई तक ले जाने के लिए धन्यवाद दिया। ट्वीट में लिखा, “आज मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है – त्रिची में एक छोटी सी शुरुआत से लेकर Nasdaq में फ्रेशवर्क्स (Freshworks) IPO तक। इस सपने में विश्वास करने के लिए हमारे कर्मचारियों, ग्राहकों, पार्टनर्स और इनवेस्टर्स को धन्यवाद।”
भारत के त्रिची से निकले एक इंजीनियरिंग छात्र ने इस कंपनी के जरिए इतिहास रच दिया है। इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि बिजनेस-प्रेमी नजरिया है।
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फ्रेशवर्क्स इंक (Freshworks) Software as a service कंपनी है जो उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट पर ईमेल, कैलेंडर, कार्यालय उपकरण जैसे क्लाउड-आधारित ऐप से कनेक्ट करने और उनका उपयोग करने की अनुमति देती है, इसे एक छह सदस्य टीम द्वारा 2010 में गिरीश मातृभूमि के नेतृत्व में शुरू किया गया था।
प्रारंभ में, फ्रेशवर्क्स (Freshworks) चेन्नई में स्थित था, लेकिन बाद में, यह भारत के बाहर भी अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए चला गया और सैन मेटो, यूएसए में अपना आधार स्थापित किया। इसे प्रथम सफलता में वेंचर कैपिटलिस्ट फर्म एक्सेल से $1 मिलियन में फंडिंग मिली। बिक्री और ग्राहक संबंध प्रबंधन के लिए अपनी सीमा का विस्तार करते हुए, इसने annual recurring revenue $300 मिलियन को पार किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 49 प्रतिशत की वृद्धि है।
देखा जाए तो मूल्यांकन के हिसाब से भारत में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है तथा 50 से अधिक स्टार्टअप्स अरबों डॉलर में चल रहे हैं। जैसा कि TFI ने पहले ही बताया है कि Department for Promotion of Industry and Internal Trade के तहत 50,000 से अधिक कंपनियों ने स्टार्टअप के रूप में पंजीकरण किया है। इसे केंद्र सरकार की स्टार्टअप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसे योजनाओं की सफलता ही कहेंगे की भारत के स्टार्टअप लगातार नाम कमा रहे हैं। हाल ही में, तीन भारतीय स्टार्टअप ज़ोमैटो, पेटीएम और Mobikwik ने स्टॉक एक्सचेंज पर IPO को पंजीकृत करने का विकल्प चुना है और कई और पाइपलाइन में हैं। गिरीश मातृबूथम के नेतृत्व वाली कंपनी फ्रेशवर्क्स (Freshworks) की सफलता भारत में बने स्टार्टप्स पारिस्थितिकी तंत्र को और विकसित करेगी।
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