अफ़गानिस्तान का संभावित राष्ट्रपति, मुल्ला गनी अब्दुल बरादर इस समय दुनिया भर की जिज्ञासा है। अगर वो सफल हो जाता है तो राजनीति दुनिया में उसका कद जो बाइडन और पुतिन के बराबर होगा और शायद आतंकवाद की दुनिया में वह अबु बकर अल बगदादी और लादेन से ज्यादातर ताकतवर होगा। हालांकि, मुल्ला गनी अब्दुल बरादर के राष्ट्रपति बनने में अड़चनों का अंबार लगा हुआ है, लेकिन लोग उसके बारे में जानना चाहते हैं। लोग जानना चाहते है कि वह एक इंसान के तौर पर कैसा है? वह रहने वाला कहाँ का है, इत्यादि।
उसकी निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम ही जानकारी उपलब्ध है। इंटरपोल के अनुसार, मुल्ला गनी अब्दुल बरादर का जन्म 1968 में अफ़गानिस्तान के उरुजगन प्रांत के देहरावूद जिले के वीतमक गांव में हुआ था। मुल्ला गनी अब्दुल बरादर, दुर्रानी जनजाति की पोपलजई समुदाय का सदस्य बताया जाता है, यह वही समुदाय है, जिससे पूर्व अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई भी आते थे। विश्व भर में उसकी यही पहचान मानी जाती है लेकिन अब एक नया बदलाव हुआ है, एक पासपोर्ट की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें मुल्ला बरादर की तस्वीर पाकिस्तानी पासपोर्ट पर है।
हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर तालिबान के शीर्ष नेता के पाकिस्तानी होने का दावा करने वाले एक ‘पाकिस्तानी पासपोर्ट’ की तस्वीरें वायरल हुई हैं। दावा यह है कि तालिबान नम्बर 2, मुल्ला अब्दुल गनी, जिसे मुल्ला बरादर के नाम से भी जाना जाता है, उसने 2020 में पाकिस्तान के मुहम्मद आरिफ आगा की पहचान के तहत एक पाकिस्तानी पासपोर्ट हासिल किया था। इसके बाद लोगों में यह चर्चा का विषय बन गया। पाकिस्तान तालिबान से अपने सम्बन्धों को नकारता आया है, लेकिन ऐसा लगता है कि वह पूर्व की तरह इस बार भी अपने सम्बन्धों को छिपाने में असफल रहा है। तालिबान के पूर्व कमांडर मुल्ला अख्तर मंसूर के पास भी पाकिस्तानी पासपोर्ट था जो 2006 में मारे जाने के बाद बरामद किया गया था।
तस्वीर के बाहर आते ही लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी। अधिकतर लोगों का मानना था कि यह जानबूझकर किये जाने वाली गलती है l दरअसल, पाकिस्तान पीठ पीछे ऐसा काम करता रहा है। खबर के बाहर आने के बाद तालिबान ने बताया कि मुल्ला गनी अब्दुल बरादर और मुहम्मद आरिफ आगा एक व्यक्ति नहीं है और पासपोर्ट की तस्वीर बरादर से मेल नहीं खाती है। तालिबान ने उन दोनों के चेहरे की समानता को बस संयोग माना है।
हालांकि, जब अमेरिका के मौजूदगी में अफ़गानिस्तान की प्रेस स्वतंत्र थी तब 25 जून, 2020 को अफगानिस्तान के खामा प्रेस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थीl उसमें कहा गया था कि मुल्ला बरादर के पास न केवल पासपोर्ट है, बल्कि वह पाकिस्तान का राष्ट्रीय पहचान पत्र भी रखता है। रिपोर्ट में अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय के एक पूर्व अधिकारी का हवाला देते हुए कहा गया था कि ‘पाकिस्तान ने मुहम्मद आरिफ आगा की फर्ज़ी पहचान के तहत बरादर को ये दस्तावेज मुहैया कराए थे।’
पाकिस्तान आतंवादियों को पनाह देने के लिए दुनिया भर में कुख्यात है। ओसामा बिन लादेन से लेकर दाऊद इब्राहिम, अय्यमान अल जवाहिरी समेत सारे बड़े आतंकवादी या तो पाकिस्तान में ही मारे गए है या फिर पाकिस्तान में उनके होने की खबर है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर 2010 से 2018 के बीच मुल्ला गनी अब्दुल बरादर को पकड़कर उसे पाकिस्तान के लिए एसेट बना दिया गया हो। उसके संघर्ष के दिनों में मदद करके पाकिस्तान अब अपना उल्लू सीधा करवाना चाहता है।