उत्तर भारत में एक कहावत है, आ बैल मुझे मार। मतलब खुद मुसीबत को निमंत्रण देना। इस समस्या का वैश्विक पटल पर तालिबान और पाकिस्तान जो कर रहे है, वो इसी का उदाहरण है। अब तो ऐसा लगता है कि तालिबान बहुत पहले ही अफ़ग़ानिस्तान से खत्म हो जाएगा क्योंकि जिस प्रकार की स्थिति अफ़ग़ानिस्तान में बन रही है, तालिबान को बस शर्म ही मिल रहा है। तालिबान टुकड़ो में मार खा रहा है और उसे मारने वाले अमरीका और भारत के नहीं बल्कि अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के लोग ही है।
अफ़ग़ानिस्तान और नेशनल रेजिस्टेंस फ़ोर्स के बीच वाले समस्या को पहले समझते हैं। अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह द्वारा निर्मित NRF इस समय मजबूती से पंजशीर में लड़ रहा है। खबर तो यह भी है कि NRF ने 450 तालिबानियों को मार गिराया है और डेढ़ सौ से ज्यादा लड़ाकों को पकड़ में ले लिया है।
और पढ़े: चीनी Apps को ध्वस्त करने के बाद PM Modi ने शुरू किया चाइनिज फोन के खिलाफ स्वच्छता अभियान
खबर के मुताबिक, तालिबान ने कल रात पंजशीर घाटी में प्रतिरोधी बलों के खिलाफ अपना सबसे बड़ा हमला शुरू किया। 7,800 से अधिक तालिबान लड़ाके और टैंक सहित कम से कम 300 वाहन ऑपरेशन में शामिल थे लेकिन 4 घण्टे में ही इतनी लाशें गिर गई कि तालिबान को पीठ दिखाकर भागना पड़ा। ये तब हुआ जब तालिबान और पाकिस्तान ने दुनिया को गुमराह करने के लिए अफवाह फैलाया। उनकी ओर से कहा गया कि अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद देश छोड़कर ताजिकिस्तान भाग गए है। खबर पर दुनिया भर में आतंकवाद परस्तों को खुशी मिलती, उससे पहले ही वीडियो जारी करके अमरुल्लाह सालेह ने स्पष्ट कर दिया कि वो अभी भी मजबूती से लड़ाई लड़ रहे है। बीबीसी के पत्रकार यलदा हकीम ने उस वीडियो को शेयर भी किया है।
A video message sent to us @BBCWorld from one of the leaders of the anti-Taliban resistance, fmr VP @AmrullahSaleh2 who says they're under attack from terrorists and points the finger of blame at Pakistan. Pakistan of course deny they support Taliban forces #Panjshir #Afghanistan pic.twitter.com/w3e6GnrRXi
— Yalda Hakim (@SkyYaldaHakim) September 3, 2021
My message to Taliban is unless there one person from Panjshir alive you won’t be able to rais your flag in #panjshir. Yake O Khulas
Our especial forces from #Dara district group #Panjshir pic.twitter.com/hsgNytjkVo
— Panjshir_Province (@PanjshirProvin1) September 3, 2021
Large #Taliban Offensive Against #PanjshirValley Ends in Massacre
Over 450 Taliban fighters were killed & at least 130 captured. The amount of cannon fodder Taliban leadership threw at Panjshir shows their growing frustration with the Resistance Forces. https://t.co/KBLAUi5gZ8
— Indo-Pacific News – Geo-Politics & Defense (@IndoPac_Info) September 4, 2021
Source: Wazir Akbar Khan hospital is full of injured Taliban fighters and dead bodies, all coming from #Panjshir.
— Panjshir_Province (@PanjshirProvin1) September 2, 2021
Out intel indicate that 7,800 Taliban along with 300+ tanks & Humvees attacked Panjshir last night. This heavy offensive was crushed in the matters of hours. The Taliban retreated & on their way to Kabul were ambushed several times. There are dead bodies all along the highway!
— Rahman Rahmani 🇦🇫 (@rahmanrahmanee) September 3, 2021
अब आते है दुनिया की दूसरी समस्या पर, ये तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच चल रही है। जहां ताकत है, वहां ताकत के अधिकार पर मनमुटाव भी होगा, इसी बात के लिए तालिबान और हक्कानी नेटवर्क अब आमने सामने दिखाई दे रहे हैं। खबर के मुताबिक तालिबान और हक्कानी नेटवर्क में ताकत के बंटवारे पर समझौता नहीं हो पा रहा है। Sputnik की रिपोर्ट के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान में सरकार गठन में देरी का कारण भी यही लड़ाई है। पाकिस्तानी प्रॉक्सी संगठन हक्कानी नेटवर्क तालिबान का खेल बिगाड़ रहा है, और अफगान सरकार तथा आगामी मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पदों पर अधिक से अधिक हिस्सेदारी की मांग कर रहा है।
It is rumored that tonight there was a fierce clash between Haqqani and Ghani Baradar elements over the leadership of the future government.
The same also happened 2 weeks ago which i reported on 21 Aug, and it was resolved with the mediating of the elders of Ghilji & Durrani. https://t.co/kNoIOl2F6Y— Natiq Malikzada (@natiqmalikzada) September 3, 2021
कल काबुल में गोलीबारी की भी खबरें सामने आई हैं। कहा जा रहा है कि यह गोलीबारी तालिबान के दो धड़ो के बीच हुई है। इस आपसी विवाद में अफ़ग़ानिस्तान राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार मुल्ला बरादर को भी चोट लगी है और उसका इलाज पाकिस्तान में चल रहा है।
Gunfire last night in Kabul was a power struggle between #Taliban factions.
Haqqani Network forces fought with Mullah Baradar forces. Mullah Baradar was reportedly injured & is receiving treatment in #Pakistan
Taliban claims of taking control of the #Panjshir valley are false pic.twitter.com/O9618cTmOQ
— Indo-Pacific News – Geo-Politics & Defense (@IndoPac_Info) September 4, 2021
और पढ़े: कैसे RBI के मास्टरकार्ड प्रतिबंध से VISA, UPI और RuPayको मदद मिल रही है
साथ ही यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पाकिस्तान ने तालिबान को सरकार बनाने में मदद करने के लिए शनिवार की सुबह काबुल में उच्च पदस्थ अधिकारियों की एक पूरी खुफिया और सैन्य टुकड़ी भेजी ताकि उन्हें नियंत्रित किया जा सके। काबुल के लिए उड़ान भरने वालों में आईएसआई प्रमुख फैज हमीद थे।
काबुल में कब्जे के बाद, सत्ता चलाना भले ही आसान लग रहा था लेकिन तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान अमीरात बनाना उतना आसान नहीं है। उनके पास पैसों की कमी शुरू हो गई है। देश के भीतर और बाहर, दोनों तरफ से विरोध हो रहा है और एक संगठनात्मक ताकत के रूप में भी उनमें विद्रोह शुरू हो गया है। ऐसा लगता है कि तालिबान के अंत बहुत पहले ही हो जाएगा। तालिबान भी इस बात को जानता है शायद इसलिए वो भी पूरी ताकत से हमला करना चाह रहा है। ये बात अलग है कि उसके प्रयास को हर बार पंजशीर में कुचल दिया जा रहा है। उधर हक्कानी नेटवर्क ने भी बता दिया है कि वह तालिबान का दाया हाथ नहीं बल्कि उसका बाप है।