अटेन्शन गजब बीमारी है भैया। इसे पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं, चाहे वो इसके योग्य हो या न हो। किसी समय यूपीए सरकार के ‘तारणहार’ माने जाने वाले एनडीटीवी की प्रासंगिकता अब लगभग खत्म हो चुकी है। सरकार तो छोड़िए, जनता में भी कोई उन्हें पानी तक नहीं पूछता। ऐसे में लाइमलाइट पाने के लिए अब ये लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, जैसा अभी Hathway Cable विवाद में देखने को मिला है।
अब ये Hathway Cable विवाद है क्या, और इसके चक्कर में एनडीटीवी एक बार फिर से हंसी का पात्र क्यों बना हुआ है?
दरअसल, Hathway Cable एक केबल नेटवर्क सेवा है, जो अब निजी तौर पर डीटीएच सेवा भी प्रदान करता है। इसी के अंतर्गत कई सब्स्क्रिप्शन पैक यूजर को प्रदान किये जाते हैं, जिनमें से एनडीटीवी को कुछ पैक्स में से हटा दिया गया था।
इसके पीछे एनडीटीवी ने ऐसी हाय तौबा मचाई, मानों उनका अस्तित्व ही खतरे में आ गया था। इसी विषय पर ‘एनडीटीवी की शान’, प्रोपेगेंडावादियों की जान माने जाने वाले पत्रकार रवीश कुमार ने प्राइम टाइम पर एक विशेष वीडियो किया, जिसका एक अंश एनडीटीवी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अपलोड किया।
इस वीडियो में रवीश कुमार कहते हैं, “एक साजिश के अंतर्गत हमारे चैनल को Hathway केबल ने हटाया है, ताकि हमारी आवाज लोगों तक न पहुँच सके। एनडीटीवी अपने प्रोग्राम को बड़ी मुश्किल से तैयार करता है, पर अब लोगों को उनके प्रोग्राम देखने से वंचित किया जा रहा है”।
.@ndtvindia has been removed by @HathwayCableTV from some popular packs. Watch Ravish Kumar's message to our viewers. pic.twitter.com/hTpZVTzch8
— NDTV (@ndtv) September 3, 2021
हाँ हाँ भई, कठिनाई तो बहुत होती होगी। तालिबानियों की छवि सुधारना, जानबूझकर टीकाकरण अभियान के विषय पर भारत को वैश्विक स्तर पर अपमानित करना, दिल्ली के दंगों में सारे साक्ष्य होने के बावजूद एक दंगाई की खुलेआम सहायता करते हुए एक आम नागरिक की जान को खतरे में डालने का प्रबंध करवाना सरल थोड़े ही है। रवीश कुमार ने आगे कहा, “अक्सर बिज़नेस की बारीकियों का बहाना बनाया जाता है, लेकिन ये मामला कुछ और है। बहुत मेहनत से तैयार किये गए इस कार्यक्रम को आप तक नहीं पहुँचने देना। मैं ये कार्यक्रम हवा में नहीं बनाता हूँ, कि दफ्तर में पहुंचा, जो क्लब में दो फालतू लोग बैठे हैं उनको बुलाया, अगल बगल में बिठाया, भेड़ों की तरह डिबेट में लड़ाया और घर चला गया। इस काम में कपड़े भी गंदे नहीं होते। अगर इतनी मेहनत से तैयार किये गए कार्यक्रम को आप तक नहीं पहुँचने देने के लिए इतने जुगाड़ लगाए जाएंगे, यह अच्छा नहीं होगा”।
.@ndtvindia has been removed by @HathwayCableTV from some popular packs. Watch Ravish Kumar's message to our viewers. pic.twitter.com/hTpZVTzch8
— NDTV (@ndtv) September 3, 2021
कुल मिलाकर रवीश कुमार और NDTV तो ऐसे ज्ञान दे रहे थे, मानो इनके शो को देखने के लिए लोग रामायण और महाभारत की भांति सब कुछ छोड़ छाड़कर टीवी स्क्रीन के सामने बैठ जाते हैं। लेकिन अंत में मामला तो सिद्ध हुआ – खोदा पहाड़, निकली चुहिया, अर्थात जितना हो हल्ला एनडीटीवी मचा रहा था, असल मामला उसका आधा भी नहीं था। एनडीटीवी प्रारंभ में दावा कर रहा था कि Hathway Cable ने उसके चैनल को ही अपने नेटवर्क से हटा दिया है, परंतु अपने ही ट्वीट में उन्होंने अपनी पोल खोल दी, कि Hathway ने अपने कुछ चर्चित पैक्स में से एनडीटीवी का सब्स्क्रिप्शन हटाया है।
इसके अलावा Hathway Cable एक निजी डीटीएच सब्स्क्रिप्शन सेवा है, जो विभिन्न उपभोक्ताओं की सुविधा और उनके विकल्पों एवं मांगों के आधार पर अपने पैक निर्मित करता है। ऐसे में कौन सा चैनल वह अंदर रखेगा, और कौन सा नहीं, इसके लिए एनडीटीवी उसे बाध्य करने वाला कोई नहीं होता।
ऐसे में इस विषय पर राई का पहाड़ बनाने वाले एनडीटीवी की जमकर सोशल मीडिया पर खिंचाई की गई। एक यूजर ने Hathway को इस निर्णय के लिए स्पष्ट आभार प्रकट किया और कहा, “आपके लिए इतना तो बनता है”।
सम्राट भाई के नाम से चर्चित यूट्यूबर ने भी अपने ट्विटर अकाउंट से एक व्यंग्यात्मक ट्वीट में पोस्ट किया, “10 घंटे लगते हैं ऐसी स्क्रिप्ट बनाने में? या तो आपका टाइपराइटर स्लो है, या फिर आपका दिमाग!”
10 घंटे लगते है ऐसी स्क्रिप्ट बनाने में ? या तो आपका टाइप राइटर स्लो है या दिमाग़ 😿
— Samrat Bhai (@BhaiiSamrat) September 4, 2021
एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, “कोई नहीं देखता एनडीटीवी। इसलिए नौटंकी करना बंद करो और अपनी क्वालिटी सुधारो”।
https://twitter.com/Shivamda/status/1433816785082466308?s=20
अरुण पुदुर ने एनडीटीवी के रिसर्च क्वालिटी पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, “इन बेवकूफों ने तो ठीक से रिसर्च भी नहीं की। इन्होंने एक अमेरिकी कंपनी को टैग किया, और बात करते हैं सच को सामने लाने की? रवीश अपना फेक न्यूज कहीं भी बक सकता है, आशा करता हूँ अन्य केबल नेटवर्क भी ऐसा कदम उठाएँ”।
Idiots at @ndtv didn't even tag the correct Twitter account of Hathway. They tagged some American company. Lol.
This is the amount of research they do. These guys bring out facts? 🤡😂
Rubbish can keep barking his fake news elsewhere.
Hoping other cable networks do it too. pic.twitter.com/5ZXNRNlem4
— Arun Pudur (@arunpudur) September 4, 2021
सच कहें तो एनडीटीवी अपनी प्रासंगिकता बहुत पहले ही खो चुकी है। एक समय पर केंद्र सरकार में मंत्री ‘फिक्स’ करने वाला यह न्यूज चैनल आज अदद व्यूवरशिप के लिए भी तरस रहा है। ऐसे में अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखे रहने के लिए ये लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार है, जैसे कि हाल ही में Hathway Cable प्रकरण में देखने को मिला है। लेकिन ऐसे प्रयासों से एनडीटीवी को अपनी खोई साख मिलने के बजाए उनकी बची खुची इज्ज़त भी मिट्टी में मिलने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है।