प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिका में गर्मजोशी से उनका स्वागत किया गया है। गुरुवार को PM मोदी ने अमेरिका की पांच दिग्गज कम्पनियों के सीईओ से बात और मुलाकात की। यह बैठकें काफी महत्वपूर्ण रही क्योंकि भारत अपनी नीतियों से लेकर बाजार संरचना तक, हर क्षेत्र में विकास कर रहा है और जरूरी है कि वैश्विक खिलाड़ी इस बदलाव के अभियान से जुड़ें। इसी के केंद्र में यह मुलाकात भी थी। इन बैठकों में बड़े फैसले लिए गए, एक बढ़िया व्यापार का माहौल बनाया गया है। आइए जानते हैं कि ये कम्पनियां कौन-कौन सी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को क्वालकॉम के सीईओ क्रिस्टियानो अमोन से मुलाकात की, जहां उन्होंने भारत में निवेश के अवसरों पर चर्चा की। इस चर्चा में 5G, प्रधान मंत्री की वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-WANI) योजना, इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए हाल ही में लॉन्च की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) शामिल है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि सीईओ अमोन ने महत्वाकांक्षी डिजिटल परिवर्तन कार्यक्रमों पर भारत के साथ काम करने के लिए उत्साह व्यक्त किया है। दोनों ने भारत में स्थानीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए रणनीतियों पर भी चर्चा की है।
मोदी से मुलाकात के बाद सीईओ आमोन ने मीडिया से कहा, “यह एक बेहतरीन मुलाकात थी। हमें भारत के साथ अपनी साझेदारी पर गर्व है। हमने कई चीजों पर बात की। हमने 5G आधारित तकनीक को लागू करने पर बात की, हमने सेमीकंडक्टर्स पर बात की। हमने मोबाइल फोन आधारित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर भी बात की। यह एक बहुत ही उत्पादक बैठक थी।”
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नरेंद्र मोदी ने एडोब के सीईओ शांतनु नारायण से भी मुलाकात की और भारत में कंपनी की चल रही गतिविधियों पर चर्चा की। दोनों ने स्वास्थ्य, शिक्षा और अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में ‘डिजिटल इंडिया’ फ्लैगशिप कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए बातचीत की है। उत्तरी अमेरिका के बाद, एडोब का सबसे बड़ा केंद्र, भारत के नोएडा और बेंगलुरु में अपने परिसरों में 6,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ काम कर है।
शांतनु नारायण ने कहा, “हम शिक्षा में अधिक प्रयास और रुचि के समर्थक हैं। हमारा भारत में निवेश उत्कृष्ट रहा है, असल में यह (भारत) हमारा गुप्त हथियार है। हमने भारत में तब से शुरुआत की थी, जब भारतीय फैसिलिटी फैशनेबल नहीं हुआ था।”
पीएम मोदी, बिजली निर्माण कंपनी फर्स्ट सोलर के सीईओ मार्क विडमार से भी मिलें। दोनों ने भारत के सोलर ऊर्जा के बारे में बात की है। बैठक के दौरान, प्रधान मंत्री ने ‘एक दुनिया, एक सूरज और एक ग्रिड’ पहल और क्षेत्र में निवेश के अवसरों सहित सौर ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए भारत के प्रयासों पर विस्तार से बात की। आपको बताते चलें कि फर्स्ट सोलर ने भारत में ग्रिड के लिए 150 मेगावाट यूटिलिटी-स्केल सोलर पावर को सफलतापूर्वक चालू कर दिया है और देश में 1.8 गीगावाट सौर क्षमता स्थापित की है। इस साल की शुरुआत में, इसने भारत में एक नई 3.3 GW सुविधा स्थापित करने की घोषणा की थी। ऐसे में फर्स्ट सोलर 2022 तक सौर ऊर्जा उत्पादन को 100 GW तक बढ़ाने की भारत की योजनाओं में योगदान देगा।
विडमार ने प्रधान मंत्री मोदी के साथ अपनी बैठक के बाद कहा, “मुझे लगता है कि हर देश को भारत द्वारा किए गए कार्यों को स्वीकार और अनुकरण करना चाहिए। दीर्घकालिक जलवायु लक्ष्य उद्देश्यों को पूरा करने की हमारी मंशा एक जैसी है।”
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनरल एटॉमिक्स के सीईओ विवेक लाल से भी मुलाकात की है और भारत की निर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिए रक्षा निर्माण और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की है। मोदी ने विवेक लाल के साथ भारत की नई ड्रोन नीति और पीएलआई योजना के कारण विनिर्माण के क्षेत्र में अवसर के बारे में बात की और यह बताया कि भारत ड्रोन के निर्माण के लिए एक आकर्षक गंतव्य है। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन के पूरे तंत्र का समर्थन करने के लिए भारत में एक समर्पित ड्रोन हब बनाया जा सकता है।
बैठक के बाद विवेक लाल ने कहा, “यह एक उत्कृष्ट बैठक थी। हमने प्रौद्योगिकी और भारत में आने वाले नीतिगत सुधारों में विश्वास और भारत में निवेश के दृष्टिकोण से बड़ी क्षमता के बारे में बात की है।”
नरेंद्र मोदी ने ब्लैकस्टोन के CEO स्टीफन श्वार्ज़मैन के साथ भी बैठक की है। मोदी ने भारत में ब्लैकस्टोन के लिए विशेष रूप से राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के संबंध में निवेश के अवसरों पर चर्चा की है।
श्वार्जमैन ने कहा, “भारत दुनिया में निवेश के लिए हमारा सबसे अच्छा बाजार रहा है। श्वार्ज़मैन ने कहा कि वह भारत की क्षमता के बारे में बहुत आशावादी थे और उन्होंने कहा कि यह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते देशों में से एक है। उन्होंने भारत में किए गए सुधारों की भी सराहना की।”
सीईओ ने यह भी कहा कि ब्लैकस्टोन पहले ही भारत में 60 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है, लेकिन वो अब और 40 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार बाहरी लोगों के साथ व्यवहार करने के लिए एक बहुत ही अनुकूल सरकार है। “वे बहुत स्मार्ट हैं, वे बहुत सुधार-उन्मुख हैं।” स्टीफन ने बताया कि,“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वस्तुनिष्ठ हैं, उन्हें मालूम है कि क्या किया जा सकता है, यह कितनी जल्दी किया जा सकता है, यह कितना फायदेमंद है। मैं उन्हें बहुत उच्च ग्रेड दूंगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद आज शेयर बाजार में भी तेजी देखी गई है। पहली बार 60000 का आंकड़ा पार किया गया है। यह अर्थव्यवस्था के स्वर्णिम दौर में से एक है। प्रधानमंत्री जानते हैं कि दुनिया में सेमीकंडक्टर की मांग कितनी ज्यादा है। इस कमी को पूरा करने के लिए मोदी चाहते हैं कि दुनिया भारत की ओर देखें। देश के भीतर PLI स्किम, ड्रोन कानूनों में बदलाव के बाद यह आशा की जा रही है कि जल्दी ही देश में भारी निवेश और रोजगार के अवसर बनेंगे।