Islamoleftists हर रोज नई-नई चीजों को ढूंढकर माहौल बनाने की कोशिश करते रहते हैं। हर बार जहां संख्या कम होती है, वहां ये अंडर डॉग का रोल अपनाते हैं। आर्यन खान के मुद्दे को अल्पसंख्यक और इस्लाम से जोड़ने के पीछे भी ऐसे लोगों का ही हाथ था। इनमें एक तरह का विशेष गुण होता है, यह प्रोपेगेंडा फैलाने में माहिर होते है और समय-समय पर अलग-अलग नैरेटिव सेट करते रहते हैं। अब भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को लेकर इन्होंने नया नैरेटिव क्रिएट किया है।
बीते दिन रविवार को पाकिस्तान के हाथों भारत को मिली हार के बाद यह नैरेटिव सेट किया गया है कि मोहम्मद शमी के कारण यह मैच भारत हार गया है। चक दे इंडिया जैसे माहौल में यह नैरेटिव बनाया गया कि मोहम्मद शमी गद्दार है। उनकी ईमानदारी और समर्पण पर सवाल उठाया गया। हालांकि, नाममात्र लोग ही ऐसा कह रहे थे, लेकिन इस्लामोलेफ्टिस्ट ने माहौल बनाने के चक्कर में इसे जानबूझकर तूल दे दिया।
देश के लिए क्रिकेट खेलने वाले मोहम्मद शमी की ईमानदारी पर कुछ लोगों ने सवाल खड़े किए, लेकिन राणा अयूब जैसे लोगों ने आग में घी डालकर इसे बड़ा बना दिया है। इस तरह के कृत्यों से वामपंथियों का मकसद दुनिया के सामने भारतीय मुसलमानों की स्थिति को दिखाना था। लेकिन यह तो सर्वविदित है कि धर्मनिरपेक्ष भारत में मुसलमानों की स्थिति क्या है।
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पाकिस्तान के मंत्री ने की शुरुआत
दरअसल, पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने मैच के बाद कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान की जीत ‘इस्लाम की जीत’ है। पाकिस्तान के 10 विकेट से मैच जीतने के तुरंत बाद राशिद का यह बयान सामने आया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में शेख रशीद को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “भारत सहित दुनिया भर के मुसलमान मैच के दौरान पाकिस्तान का समर्थन कर रहे थे।”
पाकिस्तानी मंत्री के इस बयान के बाद विवाद शुरु हुआ। लोगों ने मोहम्मद शमी को लेकर कुछ कमेंट किए और राणा अयूब जैसे लोगों ने इसे हाथों हाथ उठा लिया।
राणा अयूब ने अपने ट्वीट में लिखा, “शमी के खिलाफ उनकी देशभक्ति और देश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर आक्षेप के साथ इस्लामोफोबिक नफरत प्रदर्शित करता है। अगर भारतीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ यह और राज्य समर्थित नफरत घुटने टेकने लायक नहीं है, तो मुझे नहीं पता कि @imVkohli @BCCI क्या है”।
The islamophobic hate against #shami with aspersions on his patriotism and his commitment to the country. If this and the state enabled hatred against Indian minorities is not worth taking a knee, I don’t know what is @imVkohli @BCCI
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) October 25, 2021
इसके बाद चरणबद्ध तरीके से यह प्रोपेगेंडा फैलाया गया है और इसके पीछे वामपंथियों द्वारा एक बढ़िया रणनीति तैयार की गई है। दूसरी ओर भारत में पाकिस्तान की जीत के बाद कट्टरपंथियों की ओर से पटाखे फोड़े गए। देश के कई हिस्सों में इस्लामोलेफ्टिस्ट ने भारत की हार का जश्म मनाया, जिसे लेकर पूरे देश में रोष का माहौल है। भारत में रहकर, देश के संसाधनों पर अधिकार जमाने वाले ये वामपंथी नैरेटिव सेट करने के चक्कर में कितने नीचे गिर सकते है, यह बताने की जरुरत नहीं है। यह रहते तो भारत में हैं लेकिन राष्ट्रधर्म निभाने के नाम पर इनकी हालत पतली हो जाती है। वहीं, जहां देश तोड़ने की बात हो, या देश विरोधी ताकतों के समर्थन की बात तो यह सबसे पहले निकल कर सामने आते हैं। ऐसे जहरीले लोगों का काम नैरेटिव सेट करना और सोशल मीडिया पर फिजूल का ज्ञान देने तक ही सीमित है।