पंजाब में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों से हीन भावना रखने की ख़बरें तो आए दिन सामने आती ही रहतीं हैं, लेकिन अब स्थिति ये हो गई कि मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के कारण पाकिस्तान का समर्थन करने वालोें को संरक्षण दिया जा रहा है, और विरोध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसका उदाहरण मिला है, पंजाब के भाई गुरदास इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (GMC कॉलेज) से; जहां पाकिस्तान के मैच जीतने का जश्न मना रहे कश्मीरी छात्रों के साथ जब विरोध में यूपी बिहार के छात्रों ने झड़प की, तो पहले तो मामले को शांत कराने का ढोंग किया गया, लेकिन बाद उन छात्रों पर ही जुर्माना और निलंबन थोप दिया गया; जो कि तुष्टीकरण की नीति को दर्शाता है।
क्या है पूरा मामला?
आपने खबर सुनी होगी कि जम्मू-कश्मीर के GMC कॉलेज में जिन छात्रों ने पाकिस्तान के मैच जीतने पर जश्न मनाया था, उन पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए UAPA लगाया है। इसके विपरीत पंजाब से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। दरअसल, पंजाब के भाई गुरदास इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, संगरूर के छात्र हॉस्टल में भारत-पाकिस्तान का टी-20 विश्व कप मैच देख रहे थे। यहां 25-30 यूपी बिहार के छात्र थे, तो वहीं 70 के करीब कश्मीरी थे। ऐसे में ये कश्मीर छात्र पाकिस्तानी खिलाड़ियों के एक-एक शॉट पर खुशी जता रहे थे, और पाकिस्तान के प्रति अपनी निष्ठा दिखा रहे थे। इस दौरान पाकिस्तान की जीत पर इन्होंने ज़श्न मनाया। इन लोगों ने आज़ादी वाले अलगाववादी नारे लगाए। ऐसे में किसी भी देश प्रेमी का भड़कना स्वाभाविक था।
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भारत की हार के बाद पहले ही यूपी बिहार के छात्र उदास थे, ऐसे में पाकिस्तान समर्थक नारे से इन छात्रों का आक्रोश सातवें आसमान पर पहुंच गया। ऐसे में इन 25-30 छात्रों की कश्मीरी छात्रों से झड़प हो गई। नतीजा ये कि मामला हिंसक हो गया। ऐसे में मामला बढ़ता देख पुलिस ने बीच बचाव किया, जिसके बाद स्थिति सामान्य हुई। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस महानिरीक्षक पटियाला (रेंज), एमएस चिन्ना ने बताया, “दोनों पक्षों ने माफी मांगी है और लिखित में आश्वासन दिया है कि वे भविष्य में इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देंगे। इस प्रकार मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है।”
GMC कॉलेज ने बनाई कमेटी
इस पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी प्रशासन भी हरक़त में आया है। भाई गुरदास इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक गुनिंदरजीत सिंह ने बताया कि संस्थान ने घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। अगर कोई दोषी पाया गया तो संस्थान कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा, “कश्मीर के छात्रों और यूपी और बिहार के छात्रों के बीच मामूली विवाद और बहस हुई, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले कुछ उत्तेजक वीडियो हमारे कॉलेज की घटना से संबंधित नहीं हैं।” ये दिखाता है कि कॉलेज प्रशासन इस मुद्दे पर लीपापोती की कोशिश कर रहा है। वहीं, अब GMC कॉलेज प्रशासन का असल तुष्टिकरण का चरित्र भी सामने आया है।
Breaking : Students from Bihar/UP who opposed kashmiri students for their celebration of Pakistan win are rusticated.
They are also asked to pay fine for the things broken during the clash between two groups in Punjab.
No action so far against Kashmiri students.
— Live Adalat (@LiveAdalat) October 26, 2021
https://twitter.com/NegiDeekshaa/status/1452853407576838146?s=20
Came across news that Bihari and UP students who fought with pro pakistani elements in Patiyala University are now suspended !
Can someone connect me with those students?
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) October 26, 2021
यूपी बिहार के छात्रों पर कार्रवाई
GMC कॉलेज प्रशासन का कहना है कि उसने दोनों पक्षों को मीडिया से दूर रहने को कहा है, लेकिन सच ये है कि कॉलेज प्रशासन ने इस मुद्दे पर एकतरफा कार्यवाई करते हुए उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्रों के खिलाफ जुर्माना लगाया है, और कई छात्रों को निलंबित भी किया है। सोशल मीडिया की खबरों से लेकर वायरल हो रहे वीडियो तक में एक कमिल रशीद नामक छात्र ये कहता दिख रहा है कि यूपी बिहार के छात्रों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। उन्हें कॉलेज प्रशासन ने निकाल दिया है, और तोड़-फोड़ का आरोपी बनाते हुए जुर्माना लगाया है।
UP & Bihar students who stood up for the nation have been rusticated & made to pay fines too.
So finally,those who cheered for Pakistan have been rewarded & those who stood for India have been punished.
Who’ll fight for India, if this’s ground reality?
pic.twitter.com/2TfmyuPFOZ— Gaurav (@gjha88) October 26, 2021
ये छात्र अपनी खुशी ज़ाहिर करने के साथ ही कॉलेज में सुरक्षित होने की बात भी कर रहा है। यह स्पष्ट करता है कि GMC कॉलेज प्रशासन इस मामले पर पर्दे के पीछे से एकतरफा कार्रवाई करते हुए यूपी-बिहार के छात्रों को निशाना बना रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य कश्मीरी छात्रों के जरिए मुस्लिम तुष्टिकरण का विस्तार हो सकता है।
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वहीं ये मामला ये भी दिखाता है कि पंजाब में पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाने वालों पर कोई विशेष कार्रवाई नहीं होती है, और इस जश्न का विरोध करने वालों को ही निशाना बनाया जाता है। प्रश्न ये है कि जब जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वालों पर कार्रवाई हो सकती है, तो यही कार्रवाई पंजाब के मामले में क्यों नहीं की जा रही है? देश प्रेमी यूपी-बिहार के छात्रों को देश के प्रति निष्ठा दिखाने की सज़ा क्यों दी जा रही है?