भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को हुए गांधीनगर नगर निगम चुनाव में मंगलवार को 44 में से 41 सीटों पर जीत दर्ज कर प्रचंड जीत दर्ज की। दूसरी ओर, कांग्रेस केवल दो सीटों पर कब्जा करने में सफल रही, जबकि आम आदमी पार्टी ने सिर्फ एक जीत हासिल की। गुजरात नगर निगम (जीएमसी) के 11 वार्डों की 44 सीटों के लिए कुल 162 उम्मीदवार मैदान में थे। इस बार AAP की एंट्री के साथ ही गांधीनगर नगर निगम चुनाव तीन तरफा मुकाबला था। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने जहां सभी 44 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, वहीं आप के 40 सीटों पर उम्मीदवार थे। अन्य उम्मीदवारों में बसपा के 14, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दो, अन्य दलों के छह और 11 निर्दलीय उम्मीदवार शामिल थे।
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गुजरात राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा था कि मतदान बिना किसी अप्रिय घटना के काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा। गुजरात राज्य चुनाव आयोग के अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, लगभग 56.24 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव में कुल 2.82 लाख मतदाताओं में 1.45 लाख पुरुषों और 1.36 लाख महिलाओं के वोट डालने की उम्मीद थी। गुजरात राज्य चुनाव आयोग ने कुल 284 मतदान केंद्र बनाए थे, जिनमें से 129 को ‘संवेदनशील’ के रूप में चिह्नित किया गया था।
परंपरागत रूप से, 2010 में गठित गांधीनगर नगर निगम का चुनाव हमेशा भाजपा और कांग्रेस के बीच एक करीबी मुकाबला रहा है। लेकिन इस बार AAP ने पारंपरिक द्विध्रुवीय प्रतियोगिता को त्रिकोणिय कर दिया था। अप्रैल में COVID-19 की दूसरी लहर के कारण स्थगित चुनाव अब हुए है। भाजपा की राजधानी गांधीनगर और नए विलय वाले क्षेत्रों के विकास के कारण लोगों को वोटे देने की अपील कर रही थी, जबकि विपक्षी कांग्रेस महामारी कुप्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर राजधानी शहर के कोविड कुप्रबंधन को मुद्दा बना रही थी। भाजपा और कांग्रेस को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए “आप” मतदाताओं से, राज्य सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों से एक मौका देने के लिए कह रही थी।
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भाजपा नेता आप स्वयंसेवकों और नेताओं की बढ़ती दृश्यता के बारे में चिंतित दिखाई देते हैं क्योंकि पारंपरिक गांधीनगर मतदाताओं ने अक्सर राज्य में सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ मतदान किया था। इसी गांधीनगर ने बीजेपी के खिलाफ मतदान कर 2011 में इसे नगर निगम के सत्ता से बेदखल कर दिया था। गांधीनगर नगर निगम चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि यह नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के लिए पहली चुनावी परीक्षा थी, जिसमे वो पास हुए। गुजरात में सत्तारूढ़ दल, थारा में वार्ड नंबर 3 की 4 सीटों पर और ओखा नगर पालिका के वार्ड नंबर 8 की 2 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों को निर्विरोध विजेता घोषित किया गया है।
यह जीत भाजपा की स्वीकार्यता को दर्शाती है। 41 सीटों पर जीत सभी प्रकार के संशय को पारदर्शी कर देती है। मुख्यमंत्री पटेल अपनी इस राजनीतिक परीक्षा में उतीर्ण हुए। निसंदेह वो बधाई के पात्र है। लेकिन, उनसे भी बेहतर है नरेंद्र मोदी की राजनीतिक प्रखरता जिन्होंने भगवे ध्वज को ऊपर रखा है। यह विजय जनता के विश्वास की साक्षात अभिव्यक्ति है जिसे ना तो आप का त्रिकोणीय समीकरण और वोटकटवा राजनीति रोक पायी ना ही काँग्रेस का कोविड भ्रम।