शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का ड्रग्स और रेव पार्टी से संबंधित केस में रंगे हाथ पकड़ा जाना बॉलीवुड के लिए एक बड़ा झटका है। अपनी रईसी और रसूख़ के बावजूद अभिनेता शाहरुख खान अपने बेटे को जेल जाने से नहीं बचा सके, जो कि देश में कानून की ताकत को दर्शाता है। इस मामले में एक तरफ आर्यन खान पर एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा कार्रवाई के जरिए शिकंजा कसा जा रहा है, तो दूसरी ओर अब ये मामला एक बार फिर राजनतिक रंग लेने लगा है। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक एनसीबी पर भाजपा के साथ मिले होने का आरोप लगा चुके हैं। वहीं, अब इस मामले में समीर वानखेड़े ने चौकाने वाला खुलासा किया है कि उनकी और उनकी टीम के लोगों की मुंबई पुलिस द्वारा जासूसी की जा रही है। ऐसे में सवाल ये उठ सकता है कि राज्य सरकार और उनके मंत्री इस गैर राजनीतिक केस में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं?
एनसीबी अधिकारी के गंभीर आरोप
ड्रग्स का कारोबार मुंबई की एक बड़ी समस्या है, अंडरवर्ल्ड तक से मिलने वाले ड्रग्स के केसों के लिंक्स सदैव राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक रहे हैं। इसके विपरीत पिछले साल हुई बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद ड्रग्स सें संबंधित मामले की परतें खुली थीं, जिसके बाद से एनसीबी लगातार मुंबई में ड्रग्स के अलग-अलग कनेक्शंस के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसी कार्रवाई के बीच एनसीबी ने मुंबई-गोवा समुद्री रूट पर हो रही रेव पार्टी का खुलासा कर कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नाम शाहरुख खान के बेटे आर्य़न खान का भी है, जिसने इस केस को हाईप्रोफाइल बना दिया है। ऐसे में अब एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारी समीर वानखेड़े ने कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं जो कि मुंबई पुलिस पर कुछ बड़े प्रश्न चिन्ह लगाते हैं।
और पढ़ें- ड्रग्स के मामले में बॉलीवुड के हाथ खून से सने हुए हैं और आर्यन खान जैसों को सीधा करना जरुरी है
मुंबई पुलिस कर रही जासूसी
दरअसल, हाल ही में मुंबई के एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की है और अपनी जासूसी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 24 घंटे मुंबई पुलिस के कुछ अधिकारी एनसीबी की टीम की निगरानी कर रहे हैं। वहीं, एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार “वानखेड़े को दो मुंबई पुलिस के कर्मचारी सादे कपड़े में फ़ॉलो कर रहे हैं। ओशिविरा पुलिस के 2 पुलिसकर्मी उस क़ब्रिस्तान में भी गए, जहां से उन्होंने CCTV फुटेज़ लिया है, ताकि वानखेड़े के मूवमेंट का पता लगा सकें, वानखेड़े की मां का देहांत साल 2015 में हुआ था और तब से वो हमेशा क़ब्रिस्तान जाते रहते हैं।”
राजनीतिक हो गया है मुद्दा
ध्यान देने वाली बात ये भी है कि अभी तक यह मामला हाईप्रोफाइल होने के बावजूद ज्यादा बड़ा नहीं था, किन्तु इस मुद्दे को सर्वाधिक तूल महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने देना शुरु कर दिया है। उन्होंने एनसीबी की जांच पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि एनसीबी भाजपा के साथ मिलकर कार्रवाई कर रही हैं और एनसीबी के लोगों ने छापेमारी में भाजपा की मदद भी की है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों का ये रवैया दिखाता है कि राज्य सरकार अब आर्यन खान को संरक्षण देने के लिए मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश शुरु कर चुकी है। हालांकि, इस मामले में एनसीबी ने स्पष्ट कर दिया है कि गवाहों के लिए भी सीक्रेट मिशन में लोगों की मदद ली जाती है, जो कि पूर्णतः एजेंसी के लोगों से संबंधित नहीं होते हैं और न ही उनके बारे में किसी को कुछ पता होता है। इन सब सफाईयों के बावजूद नवाब मलिक एनसीबी पर जोरदार हमलावर है, जो कि कई तरह के महत्वपूर्ण सवालों को जन्म देता है।
और पढ़ें- एनसीपी और कांग्रेस महाराष्ट्र की राजनीति में तख्तापलट की योजना बना रही हैं
क्यों बनाया जा रहा राजनीतिक मुद्दा?
हम सभी ने देखा है कि पिछले वर्षों में महाराष्ट्र में जो भी हाईप्रोफाइल मामले चर्चा में आए हैं, उनमें महाराष्ट्र सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी विस्फोटक लदी कार ने तो महाराष्ट्र सरकार की जड़ों को हिला दिया था क्योंकि राज्य के गृहमंत्री से लेकर मुंबई के पुलिस कमिश्नर तक निशाने पर आ गए थे। ऐसे में ये शक होना स्वाभाविक है कि कहीं ड्रग्स संबंधित इस नए केस में महाराष्ट्र सरकार या उनके मंत्रियों का हाथ तो नहीं?
इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे पर भी ड्रग्स माफियाओं से संबंधित आरोप हैं, जो कि लोकसभा सांसद नवनीत राणा से लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत तक लगा चुकी हैं। ऐसे में ये भी हो सकता है कि मोदी सरकार के अंतर्गत एनसीबी की तैयारी कुछ बड़े ड्रग्स माफियाओं तक पहुंचने की हो और महाराष्ट्र सरकार को उनकी चिंता सता रही हो। जिसके कारण एक ओर बौखलाहट में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री लगतार एनसीबी के खिलाफ बयान दे रहे हैं, तो दूसरी ओर मुंबई पुलिस एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की जासूसी कर रही हैं।