दिवाली से लेकर होली और दशहरे से लेकर रक्षाबंधन तक, हिंदुओं के प्रत्येक त्योहार पर वामपंथियों द्वारा एजेंडा चलाने की परंपरा बन गई है। फैशन के नाम पर फैब इंडिया ने भी ‘जश्न-ए-रिवाज’ नामक एक कैंपेन चलाया था, लेकिन जनता से लेकर विशिष्ट लोगों ने इस कैंपेन की ऐसी धज्जियां उड़ाईं कि अब जश्न-ए-रिवाज कैंपेन बंद किया जा चुका है। इस पूरे प्रकरण से एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि वामपंथी हिंदुओं के त्योहारों से इतना अधिक चिढ़ते हैैं कि उनका स्वरूप बदलने के लिए लगातार एजेंडा चलाते रहते हैं। हालांकि, समाज के प्रबुद्ध हिंदुओं द्वारा विरोध इन वामपंथियों का सारा एजेंडा एक्सपोज़ कर देता है।
जश्न-ए-रिवाज कैंपेन – दिवाली आई और प्रोपेगेंडा शुरू
हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने दिवाली को लेकर ट्वीट के जरिए ये बताने की कोशिश की कि दिवाली कैसे मनाया जाये। उनका ये ट्वीट उनके लिए नई मुसीबतें लेकर आया और लोगों ने उन्हें जमकर लताड़ा। वहीं, अब प्रोपेगेंडा फैलाने वालों में नया नाम फैब इंडिया का जुड़ा है। Clothing, डेकोरेशन और लाइफस्टाइल से जुड़ी ये कंपनी दिवाली पर ‘जश्न-ए-रिवाज’ नामक एक कैंपेन लेकर आई, जिस पर काफी बवाल मच गया। ‘जश्न-ए-रिवाज’ नामक ये कैंपेन लॉन्च करते हुए कंपनी ने ट्वीट किया, “जैसा कि हम प्यार और प्रकाश के त्योहार का स्वागत करते हैं, फैबइंडिया द्वारा जश्न-ए-रिवाज एक ऐसा संग्रह है जो खूबसूरती से भारतीय संस्कृति को नमन करता है।”
और पढ़ें- बैंड बजे तो बजे नवाबी न घटे – अब विराट कोहली हमें बताएंगे कि हम दीपावली कैसे मनाएँ
फैब इंडिया जश्न-ए-रिवाज कैंपेन में दिखावा तो सामाजिक हितैषी होने का करता है, लेकिन सच्चाई ये है कि कंपनी हिंदुओं को टारगेट कर उन्हें पथ भ्रमित करने का एक भी मौका नहीं चूकती है। कंपनी ने लिखा, “इस दिवाली पहले से कहीं अधिक हम सभी मित्रों और परिवार से घिरे रहने के लिए आभारी हैं। यह संग्रह अपनेपन की भावना का प्रतीक है, आपसे शिल्प को अपनाने का आग्रह करता है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि हमारे कारीगरों का सम्मान करके अपनी जड़ों का जश्न मनाना रोजमर्रा की बातचीत का हिस्सा न हो।”
विरोध की भड़की ज्वाला
फैब इंडिया की इस नौटंकी पर लोगों ने फैब इंडिया को निशाने पर लेना शुरू कर दिया, जो इस बात का भी संकेत है कि कंपनी का प्रोपेगैंडा उस पर ही भारी पड़ने वाला है। इसको लेकर पद्मश्री और मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चैयरमैन मोहनदास पाई ने आलोचनात्मक रुख अपनाते हुए कहा, “दीपावली पर फैब इंडिया का बहुत ही शर्मनाक बयान! यह एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जैसे क्रिसमस और ईद दूसरों के लिए है! इस तरह का बयान एक धार्मिक त्योहार को खत्म करने की सोची-समझी कोशिश को दिखाता है!”
Very shameful statement by @FabindiaNews on Deepavali! This is a Hindu religious festival just as Christmas and EID is for others! This kind of statement shows a very deliberate attempt to subvert a religious festival! @ARanganathan72 @PrinceArihan @anuraag_saxena https://t.co/L3PN6Nj4f8
— Mohandas Pai (@TVMohandasPai) October 18, 2021
https://twitter.com/rajkumarmla1/status/1450057880116203520?t=hq5lMK3U7i3sSWdTooXx-w&s=19
Our festival is Diwali but
according to @FabindiaNews Diwali is called Jashn-e-Riwaaz.
So #BoycottFabIndia Now.
As if they have 3rd class collection pic.twitter.com/eHhSVwBjch— Vandana Gupta 🇮🇳 (Modi Ka Parivar) (@im_vandy) October 18, 2021
वहीं इसमें कोई शक नहीं है कि इन बड़े वामपंथी एजेंडा चलाने वालों का असल चेहरा लोग जल्दी समझ नहीं पाते हैं। ऐसे में एक ट्विटर यूजर ने फैब इंडिया का समर्थन भी किया। इसको लेकर मोहनदास पाई ने लिखा, “आप नहीं समझे! ये एक हिंदू त्योहार के लिए विदेशी शब्दों का प्रयोग हमारी विरासत को छीनने और इसे नष्ट करने का एक जानबूझकर प्रयास है! दिवाली के बाद आप किसी भी ब्रांड नाम का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इस समय, इसे दिवाली से जोड़ना एक विकृत मानसिकता को दर्शाता है!”
और पढ़ें- विराट कोहली के कमाई के नए तौर-तरीकों में बतौर भारतीय कप्तान सीधे हितों का टकराव संभव
भाजपा भी रही आक्रामक
इस मुद्दे को लेकर भाजपा के नेताओं ने भी फैब इंडिया की जमकर आलोचना की है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने फैब इंडिया के जश्न-ए-रिवाज कैंपेन की आलोचना में कहा, “दीपावली जश्न-ए-रिवाज नहीं है। ऐसे जानबूझकर किए गए दुस्साहस के लिए आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा।” वहीं बीजेपी उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने लिखा, “फैब इंडिया के कपड़े बहुत महंगे हैं और एक बार धोने के बाद बेकार हो जाते हैं, अन्य ब्रांडों की तरफ जाने की जरूरत है।” स्पष्ट है कि आलोचनाओं के बाद ग्राहकों के बीच जश्न-ए-रिवाज कैंपेन को लेकर नकारात्मक छवि बन चुकी थी।
Deepavali is not Jash-e-Riwaaz.
This deliberate attempt of abrahamisation of Hindu festivals, depicting models without traditional Hindu attires, must be called out.
And brands like @FabindiaNews must face economic costs for such deliberate misadventures. https://t.co/uCmEBpGqsc
— Tejasvi Surya (ಮೋದಿಯ ಪರಿವಾರ) (@Tejasvi_Surya) October 18, 2021
Fab India clothes are overpriced & after one wash look like rags. Need to go for other brands.
— Prashant Umrao (Modi Ka Parivar) (@ippatel) October 18, 2021
बंद कर दिया जश्न-ए-रिवाज कैंपेन
ऐसे में विशिष्ट से लेकर आम जन का आक्रोश फैब इंडिया के कैंपेन जश्न-ए-रिवाज पर भारी पड़ गया, जिसका नतीजा ये हुआ फैब इंडिया को अपना जश्न-ए-रिवाज कैंपेन बीच में ही ठप करना पड़ा, और कंपनी ने अपना ट्वीट भी डिलीट कर लिया। इस प्रकर का प्रोपेगैंडा प्रत्येक दिवाली समेत हिंदुओं के सभी त्योहारों पर चलाया जाता है, लेकिन अब जिस तरह से सोशल मीडिया के जरिए कंपनियों और सेलिब्रिटीज को लताड़ मिलती रहती है, उससे इन सभी की अक्ल ठिकाने आने लगी है, जो कि एक सांकेतिक जीत का प्रतीक भी है।