TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”

    मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”

    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    साध्वी प्रज्ञा का बड़ा खुलासा: "मोदी और भागवत का नाम लेने के लिए एटीएस ने किया टॉर्चर"

    साध्वी प्रज्ञा का बड़ा खुलासा: “मोदी और भागवत का नाम लेने के लिए एटीएस ने किया टॉर्चर”

    इंडिगो थप्पड़ विवाद में कोई हिंदू शामिल नही, फिर भी कांग्रेस ने फैलाया ‘मुस्लिम विक्टिमहुड’ का नैरेटिव

    इंडिगो थप्पड़ विवाद में कोई हिंदू शामिल नही, फिर भी कांग्रेस ने फैलाया ‘मुस्लिम विक्टिमहुड’ का नैरेटिव

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    'मृत अर्थव्यवस्था' में भारी निवेश! राहुल गांधी की बातों पर खुद ही भारी पड़े आंकड़े

    ‘मृत अर्थव्यवस्था’ में भारी निवेश! राहुल गांधी की बातों पर खुद ही भारी पड़े आंकड़े

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    सरकार ने किसानों के लिए खोला पिटारा: जानिए मोदी कैबिनेट के ताजा 6 बड़े फैसले

    सरकार ने किसानों के लिए खोला पिटारा: जानिए मोदी कैबिनेट के ताजा 6 बड़े फैसले

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    ऑपरेशन अखल जारी- जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के घने जंगलों में एनकाउंटर, सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई

    ऑपरेशन अखल जारी- जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के घने जंगलों में एनकाउंटर, सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई

    ट्रंप के टैरिफ के बाद भारत नहीं खरीदेगा F-35 लड़ाकू विमान- ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में खुलासा

    ट्रंप के टैरिफ के बाद भारत नहीं खरीदेगा F-35 लड़ाकू विमान- ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में खुलासा

    पूर्व गृह मंत्रालय अधिकारी का दावा: ‘हिंदू आतंकवाद’ का नैरेटिव कांग्रेस की देन

    Exclusive : पूर्व गृह मंत्रालय अधिकारी का दावा: ‘हिंदू आतंकवाद’ का नैरेटिव कांग्रेस की देन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    "हिंदू अत्याचार के बीच फैसला: बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने रजाकार मुबारक हुसैन को किया बरी"

    “हिंदू अत्याचार के बीच फैसला: बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने रजाकार मुबारक हुसैन को किया बरी”

    "रूस में भूकंप से दहशत: 30 झटकों के बाद अब सुनामी की आशंका"

    “रूस में भूकंप से दहशत: 30 झटकों के बाद अब सुनामी की आशंका”

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”

    मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”

    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    साध्वी प्रज्ञा का बड़ा खुलासा: "मोदी और भागवत का नाम लेने के लिए एटीएस ने किया टॉर्चर"

    साध्वी प्रज्ञा का बड़ा खुलासा: “मोदी और भागवत का नाम लेने के लिए एटीएस ने किया टॉर्चर”

    इंडिगो थप्पड़ विवाद में कोई हिंदू शामिल नही, फिर भी कांग्रेस ने फैलाया ‘मुस्लिम विक्टिमहुड’ का नैरेटिव

    इंडिगो थप्पड़ विवाद में कोई हिंदू शामिल नही, फिर भी कांग्रेस ने फैलाया ‘मुस्लिम विक्टिमहुड’ का नैरेटिव

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    'मृत अर्थव्यवस्था' में भारी निवेश! राहुल गांधी की बातों पर खुद ही भारी पड़े आंकड़े

    ‘मृत अर्थव्यवस्था’ में भारी निवेश! राहुल गांधी की बातों पर खुद ही भारी पड़े आंकड़े

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    सरकार ने किसानों के लिए खोला पिटारा: जानिए मोदी कैबिनेट के ताजा 6 बड़े फैसले

    सरकार ने किसानों के लिए खोला पिटारा: जानिए मोदी कैबिनेट के ताजा 6 बड़े फैसले

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    ऑपरेशन अखल जारी- जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के घने जंगलों में एनकाउंटर, सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई

    ऑपरेशन अखल जारी- जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के घने जंगलों में एनकाउंटर, सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई

    ट्रंप के टैरिफ के बाद भारत नहीं खरीदेगा F-35 लड़ाकू विमान- ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में खुलासा

    ट्रंप के टैरिफ के बाद भारत नहीं खरीदेगा F-35 लड़ाकू विमान- ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में खुलासा

    पूर्व गृह मंत्रालय अधिकारी का दावा: ‘हिंदू आतंकवाद’ का नैरेटिव कांग्रेस की देन

    Exclusive : पूर्व गृह मंत्रालय अधिकारी का दावा: ‘हिंदू आतंकवाद’ का नैरेटिव कांग्रेस की देन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    "हिंदू अत्याचार के बीच फैसला: बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने रजाकार मुबारक हुसैन को किया बरी"

    “हिंदू अत्याचार के बीच फैसला: बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने रजाकार मुबारक हुसैन को किया बरी”

    "रूस में भूकंप से दहशत: 30 झटकों के बाद अब सुनामी की आशंका"

    “रूस में भूकंप से दहशत: 30 झटकों के बाद अब सुनामी की आशंका”

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”

    “उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जयप्रकाश नारायण: एक over-celebrated एक्टिविस्ट जिन्होंने भारत को 5 दशक का दंश दिया

JP, आप एक उत्कृष्ट आंदोलनकारी हो सकते हैं, परंतु आपकी लोकनायक की छवि पर संदेह है!

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
9 October 2021
in समीक्षा
जयप्रकाश नारायण
Share on FacebookShare on X

मातृभूमि और संप्रभुता सर्वोच्च है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी “जननी जन्मभूमिश्चा स्वर्गादपि गरीयसी” के माध्यम से भी यही सिद्धान्त प्रतिपादित करते हैं और महाभारत के रण में हस्तिनापुर का रक्षण करते भीष्म भी। अर्थ, तंत्र, व्यवस्था, व्यक्तित्व, सिद्धान्त, सोच और कर्म माटी सबसे बड़ी है। सोने से भी बड़ी। आपका व्यक्तित्व चाहे कितना भी विराट और कर्म चाहे कितना भी सात्विक हो, अगर वो राष्ट्र के लिए पीड़ा का कारण बनता है तो इतिहास आपको उत्तरदायी ठहराएगा। राष्ट्र के उत्थान हेतु यह अनिवार्य भी है। इसी अनिवार्यता को प्रकाश में रखते हुए भारतीय लोकतन्त्र के “भीष्म पितामह” के राजनीतिक जीवन की विवेचना करना अनिवार्य हो जाता है। आपको बता दें कि आज भारतीय राजनीति के “भीष्म” यानी जयप्रकाश नारायण का जन्मदिवस भी है।

जयप्रकाश नारायण एक ऐसे दिग्गज हैं जिनकी एक गलती के कारण इन्दिरा गांधी को मजबूती मिली और साथ ही भारत को 5 दशकों तक दुष्परिणाम झेलना पड़ा।

संबंधितपोस्ट

कहानी आपातकाल की: जब नरेंद्र मोदी ने सिख के वेश में घूम-घूमकर लोकतंत्र की लौ जलाए रखी

और लोड करें

11 अक्तूबर 1902 को घाघरा नदी के तट पर बसे सिताबदियारा के हरसू दयाल और फूल रानी देवी के यहाँ जयप्रकाश नारायण का जन्म हुआ। उनके पिताजी ने अच्छी शिक्षा-दीक्षा हेतु उन्हें पटना भेज दिया जहां जयप्रकाश भविष्य के भावी नेताओं जैसे अनुग्रह नारायण सिंह और कृष्ण सिंह के सानिध्य में रहे। यहीं से जयप्रकाश नारायण के मन मष्तिस्क में राजनीति, क्रांति और आंदोलन के बीज अंकुरित हुए। उनकी अर्धांगिनी भी मशहूर स्वतन्त्रता सेनानी प्रभावती देवी बनी।

साम्यवाद का संक्रमण

ऐसे परिवेश के कारण जेपी एक महान देशभक्त और आंदोलनकारी बनने की राह पर तो अग्रसर हुए परंतु, राष्ट्रवाद और राजनेता के गुण पीछे छूट गए। इसका कारण था कांग्रेस में मौजूद तथाकथित उच्च और कुलीन राजनेताओं से उनकी संगति। जयप्रकाश नारायण ने असहयोग आंदोलन के समय मौलाना आज़ाद को सुना और फिर राजेंद्र बाबू द्वारा स्थापित भारतीय विद्यापीठ में दाखिला ले गांधीवादी अनुग्रह नारायण सिंह के शिष्य बने। यही घटनाक्रम उनके राष्ट्रवादी सिद्धान्त पर कुठाराघात था। वो ब्रिटीश राज के विरोधी तो थे, लेकिन उन्हें राष्ट्र की संस्कृति के साथ समन्वयता पर संदेह होता था। जयप्रकाश नारायण ने अमेरिका से अपनी शिक्षा पूरी की और विंकिंसन विश्वविद्यालय में वो पहली बार साम्यवाद के संक्रमण में आए। दास कैपिटल के अध्ययन ने उन्हें साम्यवाद का रोगी बना दिया और इसी अवस्था में वो 1929 में भारत लौटे। भारत तो उनके इस विचार का आज भी भुक्तभोगी है परंतु, उस समय ब्रिटीश राज के खिलाफ चल रहे “भारत छोड़ो आंदोलन” ने उन्हें लोकप्रियता तो दे ही दी। हालांकि, वो अपने चरमोत्कर्ष पर “सम्पूर्ण क्रांति” के कारण पहुंचे।

और पढ़ें: नरेंद्र मोदी के 20 साल बेमिसाल

जनांदोलन को जेपी ने व्यक्तिगत लड़ाई में परिवर्तित कर दिया

सम्पूर्ण क्रांति वास्तव में जेपी द्वारा अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता को बनाए रखने के लिए एक विरोध प्रदर्शन मात्र था। इन्दिरा शासन के खिलाफ द्रवित जनता और सत्तलोलुप राजनेताओं से इसे समर्थन मिला और यह विरोध धीरे-धीरे इन्दिरा शासन के खिलाफ जयप्रकाश नारायण की व्यक्तिगत लड़ाई में परिवर्तित हो गया। जेपी इन्दिरा को पुत्री समान मानते थे परंतु, इन्दिरा गांधी द्वारा उन्हें स्वतंत्र भारत के “गांधी” सम सम्मान न मिलने के कारण, उन्होंने पूरे देश को रोक दिया। उनमें भारतीय राजनीति का शिखर पुरुष बनने की बड़ी ही तीव्र अभिलाषा थी। लोगों में भ्रम है कि उन्हें पद का मोह नहीं था परंतु वास्तविकता तो यह है कि वो तो बिना किसी पद के शासन का संचालन करना चाहते थे क्योंकि पद ज़िम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करता है। भारतीय राजनीति के “भीष्म” ने अपनी इस व्यक्तिगत लड़ाई में कौरवों का खूब साथ लिया और दिया भी।

कहतें है आपातकाल के पीछे कुछ हद तक जयप्रकाश नारायण भी जिम्मेदार थे क्योंकि रामलीला मैदान में अपने भाषण के दौरान उन्होंने सेना तक को इन्दिरा के खिलाफ विद्रोह के लिए उकसाया। जेपी के अनुसार, ‘अगर शासन निरंकुश हो जाये तो सेना को बगावत करने में संकोच नहीं करना चाहिए। यही उनका राजधर्म है।’ बांग्लादेश के शेख मुजीबुर रहमान की दुर्गति ने इन्दिरा को इस आवाहन में चुनौती देखने के लिए मजबूर कर दिया। रेल, कृषि, दिल्ली, राज्य प्रशासन और अंततः पूरे देश को उन्होंने ठप कर दिया और इसी कारण इन्दिरा ने राष्ट्र को बंदी बना लिया।

और पढ़ें: नियम बदलने से कश्मीर नहीं बदलेगा, बदलेगा तो बस तेवर बदलने से

दूरदर्शिता का अभाव

दो राजनेताओं की शत्रुता से कोई भी देश इतने वृहद स्तर पर प्रभावित नहीं हुआ, ना ही किसी राजनेता ने अपने व्यक्तिगत लड़ाई में सैन्य विद्रोह का आवाहन किया है। खैर, इन्दिरा गांधी की सत्ता चली गयी। जयप्रकाश नारायण के मार्गदर्शन में जनता पार्टी की सरकार बनी। ये जेपी की तीसरी सबसे बड़ी गलती थी। अक्षम और अकर्मण्य लोगों को अपने हित के लिए सत्तासीन कर दिया जबकि इन्दिरा गांधी के खिलाफ भाषणों में “सिंहासन खाली करो जनता आती है” का नारा लगाते थे। उनके इस नारे के कारण जनता आई और संघर्ष भी किया, लेकिन सिंहासन पर स्थान उन्होंने दुर्योधन और कौरवों को ही दिया। जयप्रकाश नारायण ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में किसी भी दिग्गज को इंदिरा गांधी की जगह लेने के लिए पेश नहीं किया। यह आंदोलन इस बात पर नहीं टिका कि सत्ता में आने पर उसका मंत्रिमंडल क्या होगा। उनके पास सत्ता में आने के बाद का कोई रोडमैप नहीं था। इनमें से किसी पर भी ज्यादा विचार नहीं किया गया, जिसकी कीमत 1980 में इंदिरा गांधी के सत्ता में वापस आने पर आंदोलन ने चुकाई। जनता वापिस चली गयी.. लालफ़ीताशाही का वर्चस्व बढ़ा.. जनता पार्टी में सत्ता हिस्सेदारी का संघर्ष बढ़ा। मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह एक दूसरे से राजनीतिक वर्चस्व के लिए इतने संघर्षरत हुए कि देश पर उनका ध्यान ही नहीं रहा। राजनीतिक दलाली बढ़ी और इतना ही नहीं, यहीं से इन्दिरा की वापसी के लिए बड़े जनमत से सत्तासीन करने की नींव भी पड़ी।

जयप्रकाश नारायण ने देश में तीन दंश को जन्म दिया

जेपी ने एक और गलती की जिसकी चर्चा आवश्यक है क्योंकि उनकी इस गलती का दंश देश आज भी झेल रहा है। जयप्रकाश नारायण ने अपने राजनीतिक स्वार्थ और इन्दिरा शासन के प्रति वैयक्तिक दुराग्रह हेतु अपने आंदोलनो में कुछ ऐसे सिद्धान्त और विषबेल पनपने दिये जिस कारण भारत आज भी कमजोर हो रहा है और सतत गर्त की ओर गमन कर रहा है। जेपी ने देश में तीन दंश को जन्म दिया- जातिवाद, क्षेत्रवाद और वंशवाद और साथ ही साम्यवाद को नई ऊंचाई दी। शायद, उदाहरण से और भी स्पष्ट हो जाएगा। जेपी आंदोलन से ही जातिवाद और वंशवाद के पुरोधा लालू यादव, राम विलास पासवान और मुलायम सिंह यादव निकले। क्षेत्रवाद के प्रणेता चंद्रबाबू और रघुवंश बाबू भी उन्हीं की देन हैं। उन्होंने वंशवाद और जातिवाद के ऐसे सिद्धान्त को पल्लवित किया जो भारत को आने वाले समय में और भी कमजोर करेगा। नितीश कुमार, शरद यादव तथा सुशील मोदी उन्हीं की देन हैं, जिन्होंने बिहार को ऐसे समाजवाद की पेंच में फंसाया कि आने वाले कई वर्षों तक बिहार इस समाजवाद की जकड़ से बाहर नहीं आ पाएगा।

और पढ़ें: क्यों एयरलाइन व्यवसाय वास्तव में कभी लाभ नहीं कमाते हैं?

सामाजिक न्याय और विकास के नाम पर जनता को छलने और एक अकर्मण्य शासक को सत्तारूढ़ करने के अलावा जयप्रकाश नारायण ने कुछ नहीं किया। क्षमा करिएगा जेपी आप एक उत्कृष्ट आंदोलनकारी हो सकते हैं परंतु आपकी लोकनायक की छवि पर संदेह है। आप आदर्शवादी हो सकते हैं परंतु यथार्थवादी होने पर संदेह है। आप देशभक्त और गांधीवादी भी हो सकते हैं परंतु आपके राष्ट्रवादी होने पर संदेह है। आप सिर्फ एक साम्यवादी हैं जिन्होंने जनता को मूर्ख बनाकर अपने अहंकार की पूर्ति की और वंशवाद, क्षेत्रवाद तथा जातिवाद का सृजन किया। आपकी समकालीन सोच और दूरदृष्टि सदा सर्वदा संदेह के घेरे में रहेगी। आपके द्वारा भारतीय राजनीति को तो जनता के संघर्ष से मथा गया परंतु, उससे सिर्फ हलाहल निकला। हे भारतीय राजनीति के भीष्म!! आप जीवन में अनवरत युद्धरत रहे परंतु सिर्फ कौरवों के लिए।

Tags: जयप्रकाश नारायणजेपी
शेयर12ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

चीन का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खत्म हो रहा है, उसकी गिरती विश्वसनीयता से भी कई गुना तेज

अगली पोस्ट

धान खरीदी पहली बार MSP नहीं भूमि अभिलेखों से हो रही है, यह क्रांतिकारी कदम है!

संबंधित पोस्ट

गाजा मायने रखता है, हिंदू नहीं? गांधी परिवार की तुष्टिकरण की राजनीति जारी है
मत

“गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में, गाजा पर आवाज़, हिंदुओं पर चुप्पी?”

29 July 2025

मानवीय वकालत के क्षेत्र में, निरंतरता न केवल नैतिक विश्वसनीयता के लिए, बल्कि लोकतांत्रिक संदर्भ में नेतृत्व की वैधता के लिए भी मायने रखती है।...

जिस MY यानी मुस्लिम यादव समीकरण के दम पर ये कथित समाजवादी यूपी और बिहार में सालों तक राज करते रहे, उस MY समीकरण में भी उन्हें सिर्फ M ही नजर आया।
राजनीति

मुहर्रम के जुलूस में मारे गए अजय यादव M-Y समीकरण के Y हों या न हों, उनकी पहचान हिंदू थी

8 July 2025

अजय यादव का नाम इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। 32 वर्ष के अजय यादव, न कोई फिल्म स्टार थे, न राजनेता,...

बिहार में ताजिया जुलूस में अजय यादव की लाठी-तलवार से हत्या, शहाबुद्दीन को सलाम करने वाले तेजस्वी अजय की हत्या पर खामोश क्यों?
समीक्षा

बिहार में ताजिया जुलूस में अजय यादव की लाठी-तलवार से हत्या, शहाबुद्दीन को सलाम करने वाले तेजस्वी अजय की हत्या पर खामोश क्यों?

7 July 2025

तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इन दिनों एक बार फिर अपने पुराने मुस्लिम-यादव यानी MY सामाजिक समीकरण को हवा देकर बिहार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Gandhi Family Losing Grip allies Disown Rahul’s Trump-Style Attack on Indian Economy

Gandhi Family Losing Grip allies Disown Rahul’s Trump-Style Attack on Indian Economy

00:06:28

Trump's Tariff Prompt India to Exit F-35 Jet Deal?

00:06:28

Sawan’s Fire, Bharat’s Voice: How India Is Leading the Global Narrative Now

00:06:03

When Reuters Insults India, Its Indian Staff Looks the Other way

00:07:38

NISAR Explained: Why the World Is Watching ISRO and NASA’s Next Move

00:07:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited