प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना वैक्सीन संबंधी बयानों की जनवरी 2021 के पहले प्रतिदिन आलोचना की जाती थी। वहीं बाद में वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए गए। इतनी आलोचनाओं के बीच अब वही PM मोदी देश को 100 करोड़ वैक्सीनेशन का टारगेट आसानी से पार कराने के बाद, ग्लोबल वैक्सीनेशन के प्रणेता बन सकते हैं। एक तरफ WHO है जो भारत की स्वदेशी वैक्सीन को मन्यता देने के मुद्दे पर नौटंकी कर रहा है, तो दूसरी ओर पीएम मोदी l PM मोदी अब WHO के कार्यों को सफल बनाने के लिए वैक्सीनेशन को रफ्तार दे सकते हैं। उनका ये संकेत वैश्विक स्तर पर उनकी छवि को एक नया आयाम दे सकता है, जो कि अन्य देशों के प्रमुखों के लिए प्रेरणास्रोत होगा।
पीएम मोदी के नए प्रयास
भारत को वैक्सीनेशन के मुद्दे पर दोगुनी आलोचनाओं का शिकार बनाया गया था। वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर जहां ब्रिटेन जैसे देश भारत पर दबाव बना रहे थे, तो दूसरी ओर भारतीय स्वदेशी वैक्सीन को मान्यता देने के लिए विश्व स्वास्थ्य आज भी नौटंकियां कर रहा है। वैश्विक विरोध के विपरीत भारत में भी विपक्ष ने अनेकों परेशानियां पैदा कीं। हालांकि, इससे वैक्सीनेशन की रफ्तार पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा है। भले ही भारत और PM मोदी के खिलाफ नकारात्मक खेल खेला जा रहा हो, लेकिन इन सबके विपरीत प्रधानमंत्री मोदी विश्विक स्तर के वैक्सीनेशन को विस्तार देने के लिए प्रयासरत हैं। खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैक्सीन निर्मता कंपनियों के प्रमुखों से मिलने वाले हैं। दूसरी ओर भारत में वैक्सीनेशन के लिए सर्वाधिक कारगर रही कोविन एप्लिकेशंस को एक दर्जन से भी अधिक देशों के साथ साझा किया जा सकता है।
वैक्सीन निर्माताओं से मिलेंगे PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर न्यूज 18 की रिपोर्ट बताती है कि पीएम मोदी वैक्सीन निर्माताओं से मुलाकात करने वाले हैं। पीएम के साथ इस मुलाकात में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक, डॉ. रेड्डीडस कैडिला, बॉयोलॉजिकल ई, जेन्नोवा बायोफार्मा और पेनेसिया बायोटेक के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। वहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री देश में वैक्सीनेशन से वंचित रह गए लोगों के लिए तो वैक्सीनेशन को विस्तार देने पर चर्चा करेंगे ही, साथ ही उनका फोकस विदेशों में भी वैक्सीन की आपूर्ति करने पर होगा। इसका पर्याय ये है कि पीएम मोदी देश को कोरोना वैक्सीन का हब बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
कोविन एप्लिकेशन की सुविधा
भारत में कब, कौन, कहां, किस जिले में, किस वैक्सीनेशन सेंटर पर, किस डॉक्टर से वैक्सीन लगवा रहा है, इसकी पूरी सुविधा केवल मोबाइल एप्लिकेशन कोविन से मिल जाती है। इसी का नतीजा है कि भारत में इतनी बड़ी जनसंख्या होने के बावजूद वैक्सीनेशन आसानी से हुआ है। TFI आपको पहले ही बता चुका है कि कैसे कोविन का पूरा सिस्टम विश्व के अनेक देशों को पसंद आया है। तकनीक का ये बेहतरीन प्रयोग अन्य देश भी अपनाने के प्रयास कर रहे है। ऐसे में अब खबरें हैं कि भारत एक दर्जन से अधिक देशों को अपने कोविन प्लेटफार्म का प्रयोग करने की इजाजत दे सकता है।
इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ और कोविन इंचार्ज डॉ. आरएस शर्मा ने कुछ महत्वपूर्ण बिन्दु बताए हैं। उन्होंने कहा, “कोविन भारत की तरफ से विश्व के लिए डिजिटल गिफ्ट होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए हमने पांच जुलाई 2021 को कोविन पर ग्लोबल कॉनक्लेव का आयोजन किया, जिसमें विश्वभर के 141 देशों ने भाग लिया, कुछ देशों के मंत्रियों ने कॉनक्लेव का प्रतिनिधित्व किया था।”
कोविन को साझा करने के प्रोग्राम को लेकर उन्होंने कहा, “इस संदर्भ में कॉनक्लेव में भाग लेने वाले एक देश के साथ MOU हस्तांतरण के चरण में हैं, जबकि एक दर्जन से अधिक देश अभी कतार में हैं, जो कोविन जैसी व्यवस्था अपने देश में भी लागू करना चाहते हैं।”
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ग्लोबल वैक्सीनेशन का नेतृत्व करेंगे मोदी
भारत सदैव ही चिकित्सा क्षेत्र में अपना अतुलनीय वैश्विक योगदान देता रहा हैं। वहीं, मोदी सरकार आने के बाद से इस क्षेत्र में अभूतपूर्व विस्तार भी दर्ज किया गया है। मोदी सरकार के प्रयासों और वैज्ञानिकों को दिए गए प्रोत्साहनों का ही नतीजा ये है कि भारत ने सबसे सफल वैक्सीन का निर्माण किया है। ऐसे में अब पीएम मोदी देश के बाद वैश्विक कुटुंब को कोरोना मुक्त करने के लिए ग्लोबल वैक्सीनेशन का नेतृत्व कर सकते हैं। जहां एक तरफ पीएम वैक्सीन निर्माता कंपनियों के प्रमुखों से मिलने वाले हैं, तो दूसरी ओर वैक्सीनेशन के लिए देशों के साथ अपना कोविन प्लेटफॉर्म भी साझा कर सकते हैं, जो कि वैश्विक स्तर पर वैक्सीनेशन की रफ्तार में अभूतपूर्व विस्तार कर सकता है।