TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    रविवार शाम को होनी है बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक

    कल तय होगा बीजेपी का उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, किसके नाम पर लगेगी मुहर?


    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    1984 दंगा आरोपी टाइटलर संग राहुल गांधी ने फहराया तिरंगा, BJP बोली–गांधी परिवार को नहीं कोई खेद

    1984 दंगा आरोपी टाइटलर संग राहुल गांधी ने फहराया तिरंगा, भाजपा बोली–गांधी परिवार को नहीं कोई खेद

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत किसानों के हितों से नहीं करेगा कोई समझौता।

    किसानों के लिए दीवार की तरह खड़े हैं मोदी, पीएम ने ट्रंप को दिया भारत का कड़ा संदेश

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

    ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी, ग्लोबल टेंडर को किया दरकिनार

    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी: रिपोर्ट

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    बांग्लादेशी घुसपैठ है देश की बड़ी समस्या।

    कोई अपना देश दूसरों के हवाले नहीं कर सकता, जानें पीएम मोदी ने क्यों कही ये बात

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    स्वतंत्रता दिवस पर अंटार्कटिका में भारतीय व्यक्ति ने तिरंगा फहराया

    गर्व: स्वतंत्रता दिवस पर अंटार्कटिका में भारतीय व्यक्ति ने तिरंगा फहराया

    सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता

    सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत किसानों के हितों से नहीं करेगा कोई समझौता।

    किसानों के लिए दीवार की तरह खड़े हैं मोदी, पीएम ने ट्रंप को दिया भारत का कड़ा संदेश

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    NCERT के नए मॉड्यूल ‘विभाजन के दोषी’ में मोहम्मद अली जिन्ना, लॉर्ड माउंटबेटन और कांग्रेस को बताया देश के विभाजन का जिम्मेदार

    NCERT के नए मॉड्यूल ‘विभाजन के दोषी’ में मोहम्मद अली जिन्ना, लॉर्ड माउंटबेटन और कांग्रेस को बताया देश के विभाजन का जिम्मेदार

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    मौलाना हसरत मोहानी: पाकिस्तान के लिए लड़ाई लड़ी, मुस्लिम लीग से चुनाव भी लड़े, लेकिन विभाजन हुआ तो अपने ख्वाबों के देश न जाकर भारत में ही रह गए

    मौलाना हसरत मोहानी: पाकिस्तान के लिए लड़ाई लड़ी, मुस्लिम लीग से चुनाव भी लड़े, लेकिन विभाजन हुआ तो अपने ख्वाबों के देश न जाकर भारत में ही रह गए

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    रविवार शाम को होनी है बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक

    कल तय होगा बीजेपी का उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, किसके नाम पर लगेगी मुहर?


    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    1984 दंगा आरोपी टाइटलर संग राहुल गांधी ने फहराया तिरंगा, BJP बोली–गांधी परिवार को नहीं कोई खेद

    1984 दंगा आरोपी टाइटलर संग राहुल गांधी ने फहराया तिरंगा, भाजपा बोली–गांधी परिवार को नहीं कोई खेद

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत किसानों के हितों से नहीं करेगा कोई समझौता।

    किसानों के लिए दीवार की तरह खड़े हैं मोदी, पीएम ने ट्रंप को दिया भारत का कड़ा संदेश

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

    ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी, ग्लोबल टेंडर को किया दरकिनार

    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी: रिपोर्ट

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    बांग्लादेशी घुसपैठ है देश की बड़ी समस्या।

    कोई अपना देश दूसरों के हवाले नहीं कर सकता, जानें पीएम मोदी ने क्यों कही ये बात

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    स्वतंत्रता दिवस पर अंटार्कटिका में भारतीय व्यक्ति ने तिरंगा फहराया

    गर्व: स्वतंत्रता दिवस पर अंटार्कटिका में भारतीय व्यक्ति ने तिरंगा फहराया

    सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता

    सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत किसानों के हितों से नहीं करेगा कोई समझौता।

    किसानों के लिए दीवार की तरह खड़े हैं मोदी, पीएम ने ट्रंप को दिया भारत का कड़ा संदेश

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    NCERT के नए मॉड्यूल ‘विभाजन के दोषी’ में मोहम्मद अली जिन्ना, लॉर्ड माउंटबेटन और कांग्रेस को बताया देश के विभाजन का जिम्मेदार

    NCERT के नए मॉड्यूल ‘विभाजन के दोषी’ में मोहम्मद अली जिन्ना, लॉर्ड माउंटबेटन और कांग्रेस को बताया देश के विभाजन का जिम्मेदार

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    1962 में नेहरू की गलतियों की कीमत भारत को चुकानी पड़ी, मोदी के ऑपरेशन सिंदूर ने बहाल किया राष्ट्रीय सम्मान

    मौलाना हसरत मोहानी: पाकिस्तान के लिए लड़ाई लड़ी, मुस्लिम लीग से चुनाव भी लड़े, लेकिन विभाजन हुआ तो अपने ख्वाबों के देश न जाकर भारत में ही रह गए

    मौलाना हसरत मोहानी: पाकिस्तान के लिए लड़ाई लड़ी, मुस्लिम लीग से चुनाव भी लड़े, लेकिन विभाजन हुआ तो अपने ख्वाबों के देश न जाकर भारत में ही रह गए

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

तानाशाही के मामलें में राहुल गांधी Modern इंदिरा गांधी हैं

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
1 October 2021
in समीक्षा
इंदिरा गांधी तानाशाही
Share on FacebookShare on X

वंशवाद स्वार्थ को जन्म देता है। स्वार्थ लालच, सनक और चाटुकारिता को और यही सनक और चाटुकारिता तानाशाही में परिवर्तित हो जाती है। इसी तानाशाही से चाटुकारिता, अयोग्यता और अनैतिकता का सृजन होता है। अगर इस प्रक्रिया को शब्दों के आवर्तों के कारण आप नहीं समझ पा रहें है तो नेहरू गांधी परिवार की ओर देखिये। लोगों के मन में एक सामान्य भ्रांति रची बसी है कि नेहरू के कारण भारतीय राजनीति में वंशवाद का उदय हुआ जबकि नेहरू ने तो इसे विस्तारित किया और इन्दिरा ने इसे चरमोत्कर्ष तक पहुंचाया। आज उसी राह पर राहुल गांधी भी चल रहे हैं। ऐसे में उन्हें आज की इंदिरा गांधी कहा जाये तो कुछ गलत नहीं होगा। राहुल गांधी इंदिरा गांधी की तरह ही पार्टी में लोकतंत्र की बजाय फेवरेटिज्म को महत्व देते हैं। अमरिंदर सिंह का सीएम पद छीनना और सिद्धू का पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाना भी उसी का हिस्सा है।

असल में तो इसकी नींव मोतीलाल नेहरू और मोहनदास करमचंद गांधी ने रखी थी। जवाहरलाल नेहरू अयोग्य और अक्षम थे, सरदार वल्लभ भाई पटेल योग्य और सक्षम थे। इतिहास में सरदार वल्लभ भाई पटेल की क्षमता के बहुतेरे प्रमाण मिलते है, जैसै जम्मू-कश्मीर विलय और ऑपरेशन पोलो।  इन क्षमताओं के बावजूद चाटुकारिता में निपुणता का पुरस्कार नेहरू को मिला और स्वाभिमान और योग्यता का दुत्कार सरदार वल्लभ भाई पटेल को। इसमें गांधी का भी स्वार्थ निहित था, नेहरू सत्ता चाहते थे बिना किसी विवाद और विरोध के और गांधी सत्ता पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण चाहते थे बिना ज़िम्मेदारी और अपने तथाकथित आदर्शों पर प्रश्नचिन्ह के। दोनों ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को दरकिनार करते हुए सत्ता आपस में बाँट ली और जब कुछ लोग नहीं मानें तो देश बाँट दिया पर अपनी सत्ता को नहीं बटनें दिया।

संबंधितपोस्ट

कल तय होगा बीजेपी का उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, किसके नाम पर लगेगी मुहर?


संघ-भाजपा पूरी तरह एकजुट: राम माधव के इस बयान के क्या मायने हैं ?

NCERT के नए मॉड्यूल ‘विभाजन के दोषी’ में मोहम्मद अली जिन्ना, लॉर्ड माउंटबेटन और कांग्रेस को बताया देश के विभाजन का जिम्मेदार

और लोड करें

और पढ़ें: भारत ने भारी-भरकम FDI के साथ वैश्विक रेटिंग एजेंसियों के मिथक को तोड़ दिया है

तानाशाही के उदय में समानता

जवाहरलाल नेहरू द्वारा इंदिरा गांधी की जिद पर डेमोक्रेटिक कम्युनिस्ट सरकार को गिराकर केरल में राष्ट्रपति शासन लगाना और संविधान में 9वीं अनुसूची जोड़कर उसे न्यायपालिका के परिधि से बाहर करना लोकतन्त्र को अप्रत्यक्ष राजशाही में परिवर्तित करने की पहली बीज थी। सरदार और लाल बहादुर शास्त्री के देहावसान ने इस बीज को विषवृक्ष में परिवर्तित कर दिया। इसके बाद इस वंशवाद के विषवृक्ष से विषफल निकलने लगे जिसमें प्रमुख है- तानाशाही, चाटुकारिता, निरंकुशता, महिमामंडन, आपातकाल, केन्द्रीकरण और मानमर्दन का युग। इसी मानमर्दन और चाटुकारिता ने ‘गूंगी गुड़िया’ को ‘दुर्गा’ और फिर स्वयं ‘भारत’ में परिवर्तित कर दिया; जो इस मानमर्दन और चाटुकारिता में शामिल नहीं हुआ उसे उखाड़ कर फेंक दिया गया, जैसे मोरारजी देसाई, कामराज और S. Nijalingappa (एस. निजलिंगप्पा)। इंदिरा गांधी अयोग्य, अक्षम और अनुभवहीन होते हुए भी आज़ादी के समय के वरिष्ठ नेता मोरारजी देसाई को पीछे कर प्रधानमंत्री बनी ठीक वैसे ही जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पीछे कर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया। इंदिरा गांधी का इतने से भी मन नहीं भरा। कांग्रेस पार्टी की सरकार होने के बावजूद राष्ट्र हितों को ताक पर रखते हुए उन्होंने पार्टी को दो भागों में बांट दिया जिसका नाम इन्दिरा(आइ) और दूसरे दल का नाम इन्दिरा (जे) पड़ा।

और पढ़ें: वन चाइना पॉलिसी को बर्बाद करने के लिए ताइवान और भारत ने चिप प्लांट के लिए मिलाया हाथ

चाटुकारिता में समानता

इन्दिरा (आइ) उनके वस्तुतः उनके चाटुकारों का समूह था जो इंदिरा गांधी के तानाशाही को सुरक्षित रखने को प्रतिबद्ध थे जैसे मोतीलाल वोरा, जॉर्ज फर्नांडीस, सिद्धार्थ संकर रे (बंगाल के मुख्यमंत्री जिन्होंने आपातकाल का सुझाव दिया) और बंसीलाल जिन्होंने लोकतन्त्र खतम कर शाश्वत इन्दिरा शासन का सुझाव दिया और राजकुमार संजय को उनकी मारुति कार बनाने की बाल हाथ हेतु जमीन दी। दूसरी ओर वो नेता जो उनके निरंकुशता से संवैधानिक संस्थाओं को बचाने हेतु कटिबद्ध थे जैसे मोरार जी, कामराज और जैल सिंह जिन्हें उखाड़ फेंका गया। ठीक उसी तरह जैसे राहुल गांधी के चाटुकारिता में लिप्त अजय मांकन, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मनमोहन, गहलोत और सिद्धू बार-बार पुरस्कृत होते रहे और प्रणब, ज्योतिरादित्य, सचिन, नितिन और अमरिंदर  जैसे नेता तिरस्कृत होते रहे।

निरंकुश शासन पद्द्ति में समानता

चाटुकारों के माध्यम से जब पार्टी पर कब्जा हो गया तब पार्टी के माध्यम से देश के संवैधानिक संस्थानों पर कब्जा करने की शुरुआत हुई। संविधान परिवर्तन का दौर शुरू हुआ, अध्यादेश पारित करने कर संसदीय कार्यवाहियों को ध्वस्त किया गया। अपने गुलामों के दल से इन्दिरा ने सर्वप्रथम संविधान के मूल संरचना को ही बदलने का प्रयास किया। यह बदलाव इतने व्यापक पैमाने पर हुआ कि उसे शब्दों में समेटना संभव नहीं है। 42वें संविधान संशोधन को तो लघु संविधान का दर्जा दिया गया। यह निर्णय इतना क्रूर और विभात्स था कि इसको बचाने हेतु न्यायपालिका को आगे आकर केशवानन्द भारती केस में संविधान के आधारभूत संरचना का सिद्धान्त प्रतिपादित करना पड़ा और इसको सुधारने हेतु जनता पार्टी को 44वां संशोधन करना पड़ा। संविधान का सारांश-प्रस्तावना तक को नहीं छोड़ा गया। एक तरफा फैसले लेकर प्रिवी पर्स, राष्ट्रीयकरण, लाइसेंस राज और लालफ़ीताशाही को वैधता प्रदान की गयी। राहुल गांधी का व्यक्तित्व भी शत प्रतिशत ऐसा ही है। कठपुतली और मूक मनमोहन के माध्यम से संवैधानिक संस्थाओं को कुचला गया। बड़े पैमाने पर अध्यादेश पारित किये गए। CBI को सरकारी तोता बनाया गया। CBI छोड़िए प्रधानमंत्री तक को पिट्टू बना लिया गया।

और पढ़ें: एलन मस्क का उतरा नकाब : क्या Elon Musk वास्तव में PayPal के कोफाउंडर थे?

महिमामंडन में समानता

विडम्बना देखिये, दोनों के महिमामंडन और सिद्धांतों में भी समानता थी। 1971 की भारत-पाक जंग जिसे भारतीय सेना ने Sam Manekshaw (सैम मानेकशॉ) के करिश्माई में जीता उसका भी श्रेय भी इन्दिरा गांधी को दे दिया गया जबकि द्विचित प्रवृति के ये कांग्रेस नेता बलकोट के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाने हेतु मोदी का मानमर्दन करते हैं। इससे भी आगे बढ़ते हुए ‘इन्दिरा ही भारत है और भारत ही इन्दिरा’ का नारा भी दिया गया। इन्हें दुर्गस्वरूप भी बताने की कोशिश की गयी जिसे अटल बिहारी ने खारिज कर दिया। वामपंथी इतिहासकारों ने पुस्तकों के पृष्ठ इनके और मुग़लों के गौरवगाथा से भर दिए। ठीक इसी तरह राहुल जैसे अनुभवहीन और राजनीतिक रूप से अज्ञानी व्यक्ति को आज भी इस सबसे पुराने दल ने सिर पर बैठा रखा है। इनके कृत्य से कांग्रेस का अस्तित्व खतरे में है, लेकिन मजाल है कोई इस राजकुमार के खिलाफ कुछ बोल दे। सारे नेता नतमस्तक और दंडवत रहतें हैं और सारे परियोजनाओं पर इनके परिवार का नाम लिखतें है। आपको राजकुमार का राज्यारोहण तो याद ही होगा जब उन्होंने अध्यक्ष पद पर निर्विवाद रूप से चुने जाने के बावजूद भी कैसे अपनी करुण कथा सुनाई थी। जब अगली पंक्ति में बैठे वरिष्ठ नेता भी उनकी इस व्यथा और करुण कथा पर नकली आँसू बहा रहे थे ताकि राजकुमार के प्रति अपनी वफादारी साबित की जा सके।

पतन में समानता

आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि इनके पतन में भी एक आधारभूत समानता और एक निर्णायक अंतर था। यही अंतर भ्रम और मिथ्या को निर्मित करता है और इतनी समानताओं के बावजूद भी हम इन्दिरा और राहुल के व्यक्तिव में मूलभूत अंतर करने की भूल कर बैठते है। दोनों का पतन हमारे संवैधानिक शासन के अंगों ने ही किया। इन्दिरा का पराभव न्यायपालिका ने तो राहुल का पतन विधायिका और जनता नें किया। सत्ता की सनक और ताकत की हनक में चूर इन्दिरा को जब न्यायपालिका ने केशवानन्द मामले में चुनौती दी तब इन्दिरा न्यायपालिका पर नियंत्रण को आतुर हो उठी। इंदिरा गांधी सम्पूर्ण और प्रत्यक्ष तानाशाही चाहती थीं इसिलिए सरकार का पक्ष लेने वाले जजों के नेतृत्वकर्ता ए एन रे को अनुभवहीन होने के बावजूद मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। वो तो भला हो न्यायपालिका का जो हंसराज खन्ना ने न्याय और नैतिकता का सर्वोच्च उदाहरण पेश करते हुए त्यागपत्र दे दिया और सभी न्यायाधीशों ने भी केशवानंद मामले को पलटने के विरोध में सामूहिक त्यागपत्र देने की धमकी दी। न्यायपालिका जब नहीं झुकी तो आपातकाल लगा दिया गया। आज़ाद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सबसे बड़ी पार्टी से समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार एक प्रधानमंत्री के अभियान के कारण हारा और उपराष्ट्रपति को पद पर रहते चुनाव लड़ा राष्ट्रपति बनाया गया। न्यायपालिका, विधायिका, विरोधी और यहां तक कि खुद अपने पार्टी के नेताओं का ना तो आपातकाल के बारे में सूचना दी गयी, बल्कि लोकतान्त्रिक प्रक्रिया से विरोध करने पर मीसा लगा क्रूर यातनाएँ दी गयी। परंतु, न्यायपालिका का पराक्रम ही था जो इन परिणामों की परवाह ना करते हुए ना सिर्फ राजनारायन के साथ उनके चुनाव को खारिज किया अपितु 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंधित भी लगा दिया। इंदिरा गांधी के इतने कारनामों के बावजूद अपने पीआर के कारण एक मजबूत नेत के रूप में उभरीं जिसका कारण एक कमजोर विपक्ष भी था। हालांकि, राहुल जिन्हें हम मॉडर्न इंदिरा का टैग दे रहे उनके समय में एक मजबूत विपक्ष और सोशल मीडिया के विस्तार ने उनको उनकी अक्षमता के कारण पप्पू बनाकर रख दिया।

और पढ़ें: Reliance के अधिग्रहण से Future Group को बचाने का Amazon का दांव हुआ फेल, NCLT ने बिगाड़ा बना बनाया काम!

राहुल के समय में जनता अब उतनी मूर्ख नहीं थी। इनके सारे काली करतूतों से अवगत थी। सुचना के दौर ने इस काम को और भी सरल कर दिया। लोगों ने परिवार भक्ति छोड़ दी। उन्हे समझ आ गया कि जितना गांधी परिवार ने राष्ट्र को दिया राष्ट्र ने उनको इससे कहीं ज्यादा दे दिया। 70 साल तक शासन से नवाजा। लोगों ने कहा बस अब बहुत हुआ। अयोग्यता और छद्म धर्मनिरपेक्षता को नकार कर  योग्यता और राष्ट्र सर्वोपरि के सिद्धान्त को चुना गया अर्थात पीएम मोदी को चुना गया। हालांकि, अभी तक कांग्रेस का स्थायी अध्यक्ष का ना चुना जाना वंशवाद और तानाशाही को ही दर्शाता है। हमें एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते इसपर चिंतित होना चाहिए। देश की इस सबसे पुरानी पार्टी पर एक परिवार का वर्चस्व एक सशक्त विपक्ष की आवश्यकताओं को नकारती है। एक मजबूत विपक्ष नितांत आवश्यक है। अतः ये कांग्रेस का अंदरूनी मसला न होकर  पूरे देश की चिंता है और लगता है की राहुल गांधी अपने तानाशाही के कारण इस चिंता की चिता सजा देंगे।

और पढ़ें: 37,400 करोड़: IBC की ओर से इस साल NPA की सबसे बड़ी वसूली है

शेयर1ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘नई पार्टी बनाउंगा, और BJP से हाथ मिला सकता हूं’, अमरिंदर ने पंजाब में सब कुछ बदल दिया है

अगली पोस्ट

भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में आया बड़ा परिवर्तन OPEC देशों की उड़ा रहा नींद

संबंधित पोस्ट

गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत
इतिहास

अंग्रेज़ और न्यायपूर्ण शासन ? गुलाम मानसिकता में जीने वालों को अब अपनी आंखों से औपनिवेशिक पट्टी हटा लेनी चाहिए

14 August 2025

ज्ञात इतिहास में भारत पर आक्रांताओं के रूप में आने वालों में शक, हूण, कुषाण, मुसलमान, डच, पोर्तुगीज, फ्रेंच, अंग्रेज़ आदि प्रमुख हैं। इन में...

मार्क्सवादी इतिहासकार इरफ़ान हबीब का अंबेडकर पर वार: ‘राष्ट्रवाद नहीं, ब्रिटिश हुकूमत का समर्थन किया’
इतिहास

वामपंथी इतिहासकार इरफ़ान हबीब का बाबा साहेब अंबेडकर पर वार: ‘राष्ट्रवाद नहीं, ब्रिटिश हुकूमत का समर्थन किया’

13 August 2025

भारत के जटिल राजनीतिक परिदृश्य में डॉ. भीमराव अंबेडकर दलितों के लिए एक प्रमुख व्यक्ति राष्ट्र के लिए एक संवैधानिक निर्माता और दलित अधिकारों के...

गाजा मायने रखता है, हिंदू नहीं? गांधी परिवार की तुष्टिकरण की राजनीति जारी है
मत

“गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में, गाजा पर आवाज़, हिंदुओं पर चुप्पी?”

29 July 2025

मानवीय वकालत के क्षेत्र में, निरंतरता न केवल नैतिक विश्वसनीयता के लिए, बल्कि लोकतांत्रिक संदर्भ में नेतृत्व की वैधता के लिए भी मायने रखती है।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Hidden Heroes of India’s Freedom: How Temples Silently Fought for Independence

Hidden Heroes of India’s Freedom: How Temples Silently Fought for Independence

00:06:30

Why do Journalists like Ravish kumar Keep Speaking Pakistan’s Script all the time | Op Sindoor

00:05:55

why are Punjabi pop icons yo yo honey Singh, karan aujla abusing indian culture?

00:04:17

'We’ll Start from the East’: Asim Munir’s Threat – Who’s Arming Pakistan?

00:06:14

The Secret Power of India’s Unseen Army

00:07:17
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited