कनाडा में हुए ऐतिहासिक राजनीतिक बदलाव के बाद भारतीय मूल की महिला सांसद अनीता आनंद को रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। वैसे तो अनीता आनंद की नियुक्ति कनाडा की घरेलू राजनीति से प्रभावित है, किंतु उनकी नियुक्ति भारतीय हितों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अनीता आनंद को हरजीत सज्जन के स्थान पर रक्षा मंत्री बनाया गया है। हरजीत सज्जन को खालिस्तान समर्थक माना जाता है और कनाडा सरकार में उनकी उपस्थिति भारतीय हितों के विपरीत थी।
कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने अपने कार्यकाल की समाप्ति के पूर्व ही चुनाव में उतरने का फैसला किया, तो उनकी पुनः वापसी को लेकर शंका व्यक्त की जा रही थी। कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में ट्रूडो सरकार की असफलता सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा था, साथ ही कनाडा में वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करने में भी ट्रूडो सरकार विफल रही थी। इसके अतिरिक्त, चुनाव के तुरंत पहले ही एक नया विवाद शुरू हो गया जब सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों पर महिला सैन्यकर्मियों द्वारा यौन शोषण करने और यौन शोषण के मामलों को दबाने का आरोप लगाया गया।
पूर्व रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन इस विवाद को सुलझाने में असफल रहे। यहां तक कि उन पर मामले को दबाने का आरोप भी लगा। जिसके बाद अब नई सरकार के गठन में सज्जन पर कार्रवाई हुई और ऐसे में अनीता आनंद, जस्टिन ट्रूडो के लिए एकमात्र विकल्प बन गई। एक ओर सेना में कार्य कर रही महिला सैन्यकर्मियों को संदेश देने के लिए महिला रक्षा मंत्री नियुक्त की गई हैं, तो वहीं दूसरी ओर अनीता आनंद की नियुक्ति कोरोना को लेकर भावी योजना बनाने में कनाडा सरकार के लिए सहायक सिद्ध होगी।
और पढ़ें: CAA पर भारत की निंदा करने के दो साल बाद कनाडा ने खुद लागू किया नागरिकता कानून
भारत सरकार के साथ मिल कर काम कर चुकी हैं अनीता
ओंटारियो राज्य के ओकविल शहर से सांसद अनीता आनंद कोरोना महामारी के दौरान प्रोक्योरमेंट मिनिस्टर थीं। उन पर महामारी को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक सभी साधन जुटाने की जिम्मेदारी थी। उन्होंने भारत से वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर कार्य किया है।
इसी वर्ष फरवरी माह में उनकी एक वीडियो वायरल हुई थी, जिसमें अनीता आनंद विपक्षी सांसद के सवालों का जवाब दे रही थी। विपक्षी पार्टी की ओर से स्वास्थ्य से संबंधित सभी मामलों की निगरानी रखने वाली महिला सांसद ने अनीता से प्रश्न किया था कि वैक्सीन आपूर्ति के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कनाडा सरकार के किसी प्रतिनिधि ने बातचीत की है अथवा नहीं। उस समय अनीता आनंद विपक्षी नेताओं के सवालों का जवाब नहीं देने में विफल रहीं थी, क्योंकि तब खालिस्तानियों के दबाव में ट्रूडो सरकार ने भारत से किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मांगी थी। लेकिन जब कनाडा में कोरोना के कारण हालात बिगड़ने लगे, तो स्वयं जस्टिन ट्रूडो को प्रधानमंत्री मोदी से बात करके सहयोग मांगना पड़ा था।
वहीं, जब भारत में कोरोना की दूसरी लहर के कारण परिस्थितियां बिगड़ने लगी, तब अनीता आनंद ने भारत को यह विश्वास दिलाया था कि कनाडा सरकार, भारत सरकार का पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने मीडिया को बताया था कि “हम कई विकल्पों के बारे में विचार कर रहे हैं जो हमारे पास उपलब्ध है, हम भारत सरकार और भारत में हमारे उच्चायुक्त नादिर पटेल के संपर्क में हैं।”
पेशे से कॉरपोरेट लॉयर हैं अनीता आनंद
बताते चलें कि अनीता आनंद पेशे से कॉरपोरेट लॉयर है और इंडो कैनेडियन बोर्ड की सलाहकार भी हैं, जो भारत और कनाडा के बीच व्यापार को बढ़ाने के लिए कार्य करने वाली संस्था है। अनीता के माता पिता दोनों भारतीय मूल के थे। अनीता की मां पंजाब और पिता तमिलनाडु के थे। अनीता आनंद के दादा वी०ए० सुंदरम स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने महात्मा गांधी के साथ मिलकर भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।
दूसरी ओर कनाडा के पूर्व रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन खालिस्तान समर्थक थे। जिसके कारण एक बार पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था। खबरों के मुताबिक सज्जन के भारत दौरे के पूर्व अमरिंदर सिंह ने उन्हें सीधे तौर पर खालिस्तानी करार देते हुए, उनसे मिलने से मना किया था।
ऐसे में अब ट्रूडो सरकार ने भी उनपर जबरदस्त कार्रवाई की है। वहीं, हरजीत सज्जन को हटाकर अनीता आनंद की रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्ति भारत के हितों के अनुरूप है। मोदी सरकार अनीता आनंद का उपयोग करके वर्तमान ट्रूडो सरकार से खालिस्तानी प्रभाव को समाप्त कर सकती है। एक ऐसे समय में जब कनाडा के भी चीन के साथ सीधे टकराव हो रहे हैं, अनीता आनंद का रक्षा मंत्री बनना, भारत-कनाडा रिश्तों के लिए बहुत सकारात्मक होगा।