24 दिन की जद्दोजहद के बाद बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की ड्रग्स केस में ज़मानत हो गई है। इस दौरान शाहरुख खान ने अपने रसूख का कथित तौर पर पूरा प्रयोग कर डाला। इसी का नतीजा है कि एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े की निजी जिंदगी के मुद्दों को महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब द्वारा उछाल कर उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए जा रहे हैं। इसके विपरीत अब जब आर्यन खान हाईकोर्ट से ज़मानत लेकर बाहर निकल रहे हैं, तो शाहरुख खान के समर्थकों से लेकर उनके आवास मन्नत के बाहर ऐसा माहौल है, मानों आर्यन खान कोई जंग जीतकर आए हैं, या उन्होंने कोई बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसके विपरीत सच ये है कि ज़मानत के साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीबी की सिफारिशों को भी विशेष तवज्जो दी है, और आर्यन की ज़मानत में इतने शर्तें लगा दी हैं, कि यदि एक शर्त भी टूटी तो आर्यन खान का पुनः कारागार भ्रमण तय है।
आर्यन खान को मिल गई ज़मानत
क्रूज़ पार्टी में ड्रग्स के इस्तेमाल संबंधी मुद्दे पर सरेआम पकड़े जाने के बाद शाहरुख खान के शहजादे आर्यन खान की जिंदगी पूर्णतया बदल गई है। हमने अपने आपको सुपर कूल दिखाने वाले शाहरुख खान का हड़बड़ाहट वाला रूप भी देख लिया है। ऐसे में 24 दिन आर्थर रोड जेल में रहने के बाद अब आर्यन खान को ज़मानत मिल गई है। ये ज़मानत पिछले लंबे वक्त से शाहरुख व उनकी टीम के प्रयासों का ही नतीजा है। ऐसे में शाहरुख के घर पर ऐसा लग रहा है, मानो ईद पुनः आ गई है, चारों तरफ ज़श्न का माहौल है। शाहरुख खान ने भी सोशल मीडिया पर वकीलों की टीम के साथ तस्वीर शेयर की है। इसके विपरीत शाहरुख के रवैए को देखकर ऐसा क्यों लग रहा है, कि वो खुश नहीं हैं? इसकी एक बड़ी वजह ये है कि शाहरुख खान को पता है कि उनका सुपुत्र जो कांड करके आया है, उसके चलते वो फिर कब अंदर चला जाए कुछ पता नहीं, जिसका संकेत आर्यन की ज़मानत संबंधी शर्तें भी दे रही हैं।
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सख्त शर्तों पर ज़मानत
बॉम्बे हाईकोर्ट ने भले ही आर्यंन खान को ज़मानत दे दी हो, लेकिन इसके लिए जो शर्तें लगाई हैं, वो किसी हाउस अरेस्ट से कम नहीं है। ये सभी एनसीबी की मांग पर लगाई गई हैं। शर्तों के मुताबिक आर्यन खान दोबारा इस अपराध में पकड़े गए, तो मुसीबतें बढ़ेंगी। आर्यन ख़ान व्यक्तिगत रूप से या किसी के माध्यम से गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करते हैं, तो उनके लिए अच्छा नहीं होगा। उन्हें अपना पासपोर्ट न्यायालय में जमा करना होगा। इतना ही नहीं, आर्यन को मीडिया से बात करने की इजाजत भी नहीं है, चाहें वो प्रिंट हो, डिजिटल या ब्रॉडकास्ट। आर्यन बिना इजाजत के किसी भी विशेष यात्रा पर नहीं जा सकते हैं।
Here are the 14 conditions in #AryanKhan's Bail order. pic.twitter.com/NGBFYAVA37
— ETimes (@etimes) October 29, 2021
जिस प्रकार एक बदमाश प्रत्येक सप्ताह पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगाने को मजबूर होता है, ठीक उसी तरह प्रत्येक शुक्रवार को आर्यन खान को एनसीबी के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। आर्यन खान को एनसीबी के अधिकारियों के साथ जांच में पूर्ण सहयोग करना ही होगा। केस के मामले में उन्हें किसी भी तरह का विलंब करने का अधिकार नहीं होगा। ये वो शर्तें हैं जिनका पालन आर्यन खान को करना ही होगा, यदि ऐसा नहीं किया तो एक शर्त ये भी है कि आर्यन खान की ज़मानत याचिका रद्द करने के लिए NCB पुनः न्यायालय में याचिका लगा सकती है।
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हाउस अरेस्ट ही समझो ज़मानत
इन सभी शर्तों को देखकर ये कहा जा सकता है कि भले ही आर्यन खान को खुली हवा में सांस लेने का मौका मिल रहा है, लेकिन अब अगर उनकी सांसों में ड्रग्स का पदार्थ पुनः शामिल हुआ या फिर उन्होंने कोर्ट की किसी भी शर्त का लेश मात्र भी उल्लंघन किया तो पुनः उनका पता बदलने में समय नहीं लगेगा, और वो होगा महाराष्ट्र की ही जेल… जहां शायद उनके खिलाफ विशेष सख्ती भी की जाए।
संभवत यही कारण है कि शाहरुख खान अपने बेटे के बाहर आने पर खुश तो हैं, लेकिन उसके भविष्य को लेकर असहज भी है, क्योंकि वो एक तरह से हाउस अरेस्ट की स्थिति में है, जो कब पुनः जेल चला जाए कोई भरोसा नहीं।