सहनशीलता की भी एक सीमा होती है, और ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार में अब यह सीमा जल्द ही खत्म होने वाली है। जिस प्रकार से टुकड़े टुकड़े गैंग दिन प्रतिदिन विभिन्न माध्यमों से भारत में हिंसक प्रदर्शन भड़काने में लगी हुई है, चाहे वो CAA विरोधी प्रदर्शन हो या फिर फर्जी किसान आंदोलन हो, उससे स्पष्ट है कि ये बिना विदेशी फंडिंग और विदेश से बौद्धिक समर्थन यानि Intellectual support के बिना संभव नहीं, लेकिन इसका तोड़ अब विदेश मंत्रालय ने ओसीआई कार्ड के रूप में निकाल लिया है, जो टुकड़े टुकड़े गैंग के लिए बेहद घातक सिद्ध होगा।
लॉंग टर्म वीज़ा और ओसीआई कार्ड हटाए जाएंगे
वो कैसे? असल में टुकड़े टुकड़े गैंग पर लगाम लगाने के लिए एक अहम निर्णय में भारतीय दूतावासों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जो भी व्यक्ति ‘भारत विरोधी प्रदर्शनों’ में संलिप्त पाया जाएगा, जो भी व्यक्ति इसे बढ़ावा देता हुआ पाया जाएगा, उसे न तो ओसीआई कार्ड यानि अप्रवासी भारतीय प्रमाण पत्र मिलेगा, और न ही उसे आगे भारत में किसी भी प्रकार की वीज़ा की सुविधा मिलेगी, विशेषकर लंबी अवधि की वीज़ा के लिए कोई सुविधा नहीं मिलेगी।
OCI Cards and LT Visas of Overseas Indians involved in anti-India activities revoked!!
Indian missions abroad have been keeping close tabs on anti-India activities of some overseas Indians and also Indian students, including abusive protests outside Embassy premises
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— Shalinder Wangu (@Wangu_News18) October 26, 2021
मोदी सरकार की यह नीति संभव है
अब प्रश्न ये उठता है कि क्या ये नीति संभव है? निस्संदेह संभव है, और आतिश तासीर इसका सबसे प्रत्यक्ष प्रमाण भी है। 2019 में आतिश तासीर को अपने पिता के बारे में जानकारी छुपाने के लिए उसका ओसीआई कार्ड रद्द कर दिया था, जिसपर वामपंथियों ने बहुत हायतौबा मचाई थी।
I am unable to see my grandmother & my mother because of Govt’s decision: @AatishTaseer, Author tells Rahul Shivshankar on INDIA UPFRONT SPECIAL EDITION. | #TaseerCitizenshipRow pic.twitter.com/FLSL3a9PYl
— TIMES NOW (@TimesNow) November 16, 2019
परंतु यह वही आतिश तासीर है, जिसने सदैव देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विरोध करने के नाम पर भारत का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। ये वही आतिश तासीर है जिसकी माँ भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह है और पिता पाकिस्तान के दिवंगत राजनीतिज्ञ सलमान तासीर, जिसे आश्चर्यजनक रूप से ईशनिंदा कानून का विरोध करने के लिए गोलियों से भून दिया गया था।
आतिश तासीर जैसे अनेक लोग हैं, जो ओसीआई कार्ड होने का लाभ उठाकर भारत की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देते आए हैं। जुलाई में ऐसे ही एक व्यक्ति, न्यूज़ीलैंड के व्लॉगर कार्ल रॉक का वीज़ा रद्द हुआ था, क्योंकि उसने भारत में वीडियो बनाने के नाम पर अनर्गल प्रलाप फैलाया था और CAA का विरोध भी किया था। ऐसे में विदेश मंत्रालय का वर्तमान निर्णय लागू करना संभव भी है और इसके दूरगामी परिणाम बेहद सकारात्मक होंगे।
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राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं
लेकिन यह प्रथम ऐसा अवसर नहीं है जब विदेश मंत्रालय ने देश के स्वाभिमान पर उंगली उठाने वालों को आड़े हाथों लिया था। अभी हाल में जब यूके ने वैक्सीन को लेकर हेकड़ी दिखाई थी, तो उसे सबक सिखाने के अलावा भारत ने अपने दूतावास को स्पष्ट दिशानिर्देश दिए कि भारत में जो भी विदेशी नागरिक आएंगे, उनके साथ वही व्यवहार होगा, जैसा व्यवहार वे भारतीय नागरिकों के साथ अपने अपने देशों में करेंगे।
ऐसे में मोदी सरकार का वर्तमान निर्णय न केवल क्रांतिकारी है, अपितु इसके दूरगामी परिणाम काफी महत्वपूर्ण होंगे। अब जब टुकड़े टुकड़े गैंग के ‘विदेशी पैरोकारों’ को सुविधाएँ ही नहीं मिलेंगी, तो बिना ‘हथियार’ और बिना ‘धन’ के देश को बर्बाद करने की मंशा रखने वाले आखिर कितने दिन लड़ेंगे?