लखीमपुर खीरी की सच्चाई: मीडिया ने क्या दिखाया और वास्तव में क्या हुआ?

मीडिया से लेकर क्या विपक्ष क्या वामपंथी सभी खबर की तह में जाये बिना नैरेटिव सेट करने लगे, परंतु क्या जो दिखाया जा रहा है वही वास्तविकता है?

लखीमपुर खीरी

PC: The Hindu

हाल ही में लखीमपुर खीरी में एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जिसमें अब तक 8 लोगों की हत्या की पुष्टि की जा चुकी है। कहा जा रहा है कि एक केन्द्रीय मंत्री के सम्बोधन के पश्चात जब उनका काफिला समारोह स्थल से निकलने लगा, तो उनपर अराजकतावादियों ने हमला कर दिया, और इसी हिंसक झड़प में 8 लोग मारे गए, जिनमें 4 भाजपा कार्यकर्ता और 4 अराजकतावादी शामिल थे। मीडिया से लेकर क्या विपक्ष क्या वामपंथी सभी खबर की तह में जाये बिना नैरेटिव सेट करने लगे, परंतु क्या जो दिखाया जा रहा है वही वास्तविकता है? आप इस घटनाक्रम की टाइमलाइन को देखें तो आपको पूरा सच दिखाई देने लगेगा।

मीडिया ने किस प्रकार से कवर किया

जिस प्रकार से मीडिया इसे कवरेज दे रही है, और जिस प्रकार कांग्रेस समेत वामपंथी गिरोह इसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है, उससे यह जताने का प्रयास किया जा रहा है कि यह सारी घटना भाजपा के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे के कारण हुई है। आंदोलनकारियों का आरोप है कि अजय कुमार मिश्रा के बेटे ने जबरदस्ती ‘आंदोलनकारियों’ के ऊपर गाड़ी चढ़ा कर उन्हें कुचल दिया, और इसी बात को कांग्रेस समेत समूचा वामपंथी गुट भी दोहरा रहा है।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष ने तीन किसानों की गोली मार कर हत्या कर दी, तो कइयों के ऊपर उन्होंने गाड़ी चढ़ा दी। स्थानीय अस्पताल में दो मृत लोग लाए गए। एक तजिंदर सिंह नाम का व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है। कई विपक्षी नेता इस मामले में हरकत में आ गए हैं और वो वहाँ का दौरा करेंगे। हालांकि इससे पहले ही लखीमपुर खीरी में धारा 144 लगाकर प्रशासन ने स्थिति को बिगड़ने से रोक दिया है।

वास्तविकता क्या है

लखीमपुर खीरी से ही कुछ हृदयविदारक वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें कुछ लोगों को मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। ये ‘किसान प्रदर्शनकारी’ लाठी-डंडे लेकर कुछ भाजपा कार्यकर्ता को पीट रहे हैं।

एक अन्य लंबा वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ को उन लोगों के खिलाफ हिंसा के लिए भड़ाकते हुए व नारेबाजी करते हुए देखा जा सकता है, जिन्हें वो भाजपा कार्यकर्ता समझ रहे हैं। साथ ही वो आने-जाने वाले लोगों से ये भी कह रहे हैं कि वो वीडियो रिकॉर्ड न करें। ये लगातार हिंसा के लिए चिल्ला रहे हैं। एक अन्य वीडियो में एक ‘प्रदर्शनकारी’ को अपने साथी से कहते सुना जा सकता है कि वो भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ी पलट दें।

https://twitter.com/upadhyayvijay/status/1444660328621428738

 

इस दौरान गंदी-गंदी गालियों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। एक अन्य वीडियो में एक व्यक्ति की पिटाई होते देखा जा सकता है। शायद ये वही व्यक्ति है जो उस कार में था, जिसे पलट दिया गया। भीड़ ने उसकी पिटाई की इस दौरान वो बार-बार कह रहा है कि उसे मिश्रा ने स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा था, लेकिन ‘किसान प्रदर्शनकारी’ उससे जबरन कबूलवाने चाह रहे हैं कि उसे किसानों को कुचलने के लिए भेजा गया है परंतु वो बार बार इस झूठ को स्वीकार करने से मना कर रहा है।

ANI से बात करते हुए एके मिश्रा ने बताया कि उनका बेटा घटनास्थल पर था ही नहीं, बल्कि असामाजिक तत्वों ने तलवारों व लाठी-डंडों से भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया। उन्होंने कहा कि अगर उनका बेटा वहाँ होता तो शायद वो ज़िंदा नहीं लौट पाता।

लखीमपुर खीरी में जो घटना घटी है, उसका एक ही पक्ष है – विरोध प्रदर्शन के नाम पर अराजकतावादियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर धावा बोला और असफल रहने पर उन्होंने हिंसक झड़प में हिस्सा लिया, जिसके कारण 8 लोग मारे गए। इस खबर के तुरंत बाद प्रियंका गांधी वाड्रा घटनास्थल पर पहंच गई और अवसर देख घटिया राजनीति शुरू कर दी। जिस प्रकार से विपक्ष इसके ज़रिए राजनीतिक हित साधना चाहता है, उससे स्पष्ट सिद्ध होता है कि इसकी जड़ें काफी गहरी हैं, और इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करते हुए सरकार को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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