हत्या, उपद्रव और महिलाओं के शोषण के पश्चात अब पंजाब के फर्जी किसानों ने बनाया ‘सूर्यवंशी’ को निशाना!

फर्जी किसानों का खालिस्तान से गठजोड़ उभरकर आया सामने!

किसान आंदोलन

Source- Google

‘चोट लगी है उसे फिर क्यों महसूस मुझे हो रहा,

दिल तू बता दे क्या है इरादा तेरा?’

कुछ ऐसी ही अवस्था कृषि आंदोलन को जबरदस्ती खींच रहे नकली किसानों की है। देश में कोई भी उनके हिंसक आंदोलन को अपना समर्थन देने को तैयार नहीं है! सुप्रीम कोर्ट का विश्वास भी उनके ऊपर से उठ चुका है, लेकिन मजाल है कि यह फर्जी किसान अपनी नीच हरकतों से बाज़ आए! अब इन्होंने अपनी भड़ास अक्षय कुमार की नई फिल्म ‘सूर्यवंशी’ पर निकाली है, इन फर्जी किसानों ने पंजाब के कई सिनेमाघरों में इसके इसके शो को रुकवा दिया।

आतंक के ‘कश्मीरी मॉडल’ को अपनाते हुए फर्जी किसानों ने होशियारपुर सहित कई शहरों में ‘सूर्यवंशी’ फिल्म को निशाना बनाया। होशियारपुर में तो भारतीय किसान यूनियन ने 5 सिनेमाघरों में सूर्यवंशी का शो रुकवाया। इनका कहना है कि अक्षय कुमार ने किसान आंदोलन का समर्थन नहीं किया और इसीलिए वे अक्षय कुमार की फिल्मों को पंजाब में तब तक प्रदर्शित नहीं होने देंगे, जब तक कृषि कानून नहीं हटा लिए जाते।

और पढ़ें : आतंकी समूह “सिख फॉर जस्टिस” के विरुद्ध भारत ने किया पहला ज़ोरदार प्रहार

लेकिन ‘सूर्यवंशी’ तो केवल बहाना है, असल में इन फर्जी किसानों को अपने असफल आंदोलन और अपने आकाओं पर केंद्र सरकार की वर्तमान कार्रवाई की कुंठा निकालनी है! हाल ही में NIA की एक टीम कनाडा गई थी, जिसने ‘Sikhs for Justice’ को आतंकी संगठनों की सूची में शामिल करने हेतु कनाडा सरकार को आवेदन किया, और यह संयोग नहीं हो सकता कि उसके कुछ ही दिनों बाद अब ‘सूर्यवंशी’ के स्क्रीनिंग के अवसर पर पंजाब में इतना उपद्रव हो!

कनाडा में प्रतिबंधित होगा SFJ

TFI के एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट के अनुसार, “अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ एक कदम आगे बढ़ते हुए दो सदस्यीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम कनाडा में “खालिस्तान समर्थक मामलों के संबंध में अधिकारियों के साथ संपर्क” करने के लिए गई हुई थी। NIA की टीम में एक महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने कनाडा की अपनी यात्रा के दौरान संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत की, जिसमें पारस्परिक कानूनी सहायता संधि अनुरोधों के निष्पादन और NIA के साथ सूचनाओं को तेजी से साझा करने पर जोर दिया गया।”

खबरों की मानें तो खालिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह SFJ के खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में एनआईए की कनाडा की यह पहली यात्रा थी, यह संगठन भारत से पंजाब को खालिस्तान के रूप में अलग करने का समर्थन करता है।

आंदोलन स्थल हो रही है लूट और हत्याएं!

बताते चलें कि कृषि सुधारों के विरुद्ध प्रारंभ हुआ कथित ‘कृषि आंदोलन’ अब पूर्णतया राजनीतिक आंदोलन बन चुका है, जिसे खालिस्तानी तत्वों और भारत विरोधी संगठनों का सम्पूर्ण समर्थन प्राप्त है! परंतु इनके कारनामों को देखते हुए अब तो पूरे देश ने इस आंदोलन को नकारना शुरु कर दिया है! ऐसे में सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल अब अपने आप में एक ऐसे जगह का प्रतीक चिन्ह बन गया है, जहां लूटपाट से लेकर बलात्कार, आगजनी, हत्या सब कुछ होता है।

हाल ही में विजयदशमी से एक दिन पूर्व कुंडली बॉर्डर पर एक दलित राहगीर लखबीर सिंह को पकड़कर फर्जी किसानों के एक गुट ने गुरु ग्रंख साहिब से ‘बेअदबी’ का आरोप लगाया और न केवल उसे बुरी तरह पीटा, अपितु उसकी हत्या कर उसकी लाश को बर्बर तरीके से लटका दिया। जिसके बाद जमकर बवाल मचा था।

अब कोई भी इन फर्जी किसानों की ओर ताक भी नहीं रहा है। ऐसे में आंदोलन की घटती लोकप्रियता और धीरे-धीरे खुल रही झूठ की परतों के बीच इन किसानों ने अक्षय कुमार की फिल्म ‘सूर्यवंशी’ को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। लेकिन जब आकाओं पर डंडे बरसे, तो चेलों का बिलबिलाना स्वाभाविक है! अक्षय कुमार के ही शब्दों में, इन फर्जी किसानों से हमारा भी एक ही प्रश्न है, ‘जली न, तेरी भी जली न?’

और पढ़ें : किसान या बलात्कारी? सरकार विरोधी किसानों ने किया महिला के साथ बलात्कार

Exit mobile version