जो दिखता है, वो होता नहीं, और जो होता है, ज़रूरी नहीं कि आपको दिखाया ही जाये l कुछ ऐसा ही क्रिकेट के साथ भी है l यहाँ छाती पीट-पीटकर वामपंथियों ने अज़ीम रफीक नामक व्यक्ति की दुःख भरी दास्तान और अंग्रेजों द्वारा किये गए उसपर अत्याचार की कथा सुना दी, परन्तु क्या वे वास्तव में उतने पीड़ित हैं जितना वे अपने आप को चित्रित करते हैं?
लेकिन ये अज़ीम रफीक है कौन, और ये किसलिए इतनी चर्चा में है? इन दिनों वोक संस्कृति की कृपा से जाने-अनजाने में नस्लभेद पर वास्तव में चर्चा होने लगी है, जिसके पीछे माइकल वॉन जैसे मंझे हुए क्रिकेटरों तक पर कार्रवाई होने लगीl इसी बीच इंग्लिश क्रिकेट के वर्चस्व का प्रतीक माने जाने वाले काउंटी क्रिकेट में पाकिस्तानी मूल के क्रिकेटर अज़ीम रफीक ने अपनी स्वीकारोक्ति से कोहराम मचा दिया, और उन्होंने इंग्लैंड के संसदीय पैनल के समक्ष दावा किया कि उन्होंने खिलाडियों से लेकर ब्रिटिश क्रिकेट बोर्ड तक से नस्लभेद के विषय पर काफी अपमान और नस्लभेद का सामना करना पड़ा है l
कराची में जन्म लेने वाले अज़ीम रफीक का मानना है कि इस नस्लभेद के कारण उसका क्रिकेट से मोहभंग हो चुका था, और वह नहीं चाहते कि किसी अन्य क्रिकेटर को उसकी भांति पीड़ा सहनी पड़े l
लेकिन अज़ीम मियाँ की भोली सूरत पर बिलकुल मत जाइयेl ये जितना अपने भावनात्मक भाषण से सबको रिझाने का प्रयास कर रहे हैं, ये वास्तव में उतने ही नीच प्रवृत्ति के मनुष्य भी हैं l ये न केवल यहूदियों से घृणा करते हैं, बल्कि नाबालिग लड़कियों को अश्लील मैसेज भी भेजते हुए पकड़े गए हैं l ये दोनों ही घटनाएं इनके संसदीय पैनल के समक्ष बयान देने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई, और अज़ीम रफीक के स्वयं के चरित्र पर अब एक गंभीर प्रश्नचिन्ह लग चुका हैl
और पढ़ें : विराट कोहली की ‘woke’ नौटंकी ने भारतीय क्रिकेट का सत्यानाश कर दिया है!
हाल ही में अज़ीम रफीक के कई पुराने मैसेज वायरल हुए हैं, जिसमें वह यहूदियों पर आपत्तिजनक फब्तियां कसते हुए दिखाई दिए हैंl स्वयं अज़ीम रफीक ने इस बात को स्वीकार करते हुए क्षमा माँगी और कहा, “मुझे आज 2011 की एक फोटो भेजी गई l मैंने इस देखा तो यह मेरे ही अकाउंट से थी और ये मैं ही था l मेरे पास कोई बहाना नहीं हैl मुझे इस बात का पछतावा है l मैंने अब इसे हटा दिया है ताकि ये और कोई नुकसान नहीं करे l मैं उस समय 19 साल का था l मैं उम्मीद करता हूं और विश्वास करता हूं कि आज मैं अलग इंसान हूं l मैं अपने आप से काफी गुस्सा हूं और पूरे यहूदी समुदाय से माफी मांगता हूं l साथ ही उन सभी लोगों से जो इससे आहत हुए हैं l” स्वयं तो नस्लभेद पर इतना लम्बा चौड़ा ज्ञान दे रहे थे, परन्तु यहूदियों के विरुद्ध बंधू विष भी उगलने से जनाब बाज़ नहीं आये l
लेकिन ये तो मात्र प्रारंभ है, क्योंकि अज़ीम रफीक पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन की भांति ही ‘Sexting’ विवाद में भी फंसने वाले हैंl अज़ीम पर एक भारतीय मूल की युवती ने वाट्सएप पर अश्लील मैसेज भेजने और उसका मानसिक उत्पीडन करने का आरोप लगाया, जब वह मात्र सोलह वर्ष की थी l यॉर्कशायर पोस्ट के अनुसार, “पीड़िता जब 16 साल की थी तब वह रफीक से मिली थी। उसने हालांकि बताया कि ‘थोड़ी बड़ी’ दिखने के लिए उसने रफीक को अपनी उम्र 17 साल बताई थी। रिपोर्ट के अनुसार, उसने आरोप लगाया कि क्रिकेटर ने मैनचेस्टर से दुबई की उड़ान में मिलने के तीन महीने बाद दिसंबर 2015 में उसे अनुचित व्हाट्सएप संदेश भेजे। इसके अलावा, उसने दुबई में रात के खाने के लिए रफीक के निमंत्रण को भी ठुकरा दियाl”
ऐसे में अज़ीम रफीक संसद के सामने कुछ घड़ियाली आंसू बहाकर भले ही अपने आप को बहुत परिपक्व और सामाजिक न्याय के पुरोधा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, परन्तु वास्तव में वे एक नीच प्रवृत्ति के मनुष्य हैं, जो भेदभाव से लड़ने की आड़ में अपने खुद के कुत्सित मानसिकता को उचित ठहराने का घृणित प्रयास कर रहे हैं l