TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

हेमंत करकरे: वह आदमी जो बहुत आधिक ही जानता था

मालेगांव हमले की जांच कर रहे हेमंत करकरे 26/11 हमले में एकाएक कैसे मारे गए?

Shikhar Srivastava द्वारा Shikhar Srivastava
26 November 2021
in मत
हेमंत करकरे

Source : google

Share on FacebookShare on X

हेमंत करकरे, एक ऐसा नाम जिसे एक समय भारत का बच्चा-बच्चा जानता था। हेमंत करकरे मुम्बई ATS के प्रमुख थे और 26 नवम्बर के आतंकी हमले जिसे 26/11 के नाम से जाना जाता है, उसमें उन्हें वीरगति प्राप्त हुई थी। हेमंत करकरे 26/11 के हमले के पहले ही एक चर्चित नाम बन चुके थे। उन्होंने मालेगांव ब्लास्ट की जांच की जिसके बाद हिन्दू आतंकवाद की कहानी बुनी गई। साध्वी प्रज्ञा, कर्नल पुरोहित सहित कई अन्य लोगों को इस बम धमाके का मुख्य आरोपी बनाया गया। हालांकि, बाद में यह बात स्वयं जांच एजेंसियो ने स्वीकार की कि मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा पर आरोप लगाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले। वहीं कर्नल पुरोहित को भी कोर्ट से बेल मिल गई।

कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद का तिलिस्म बनाया

हिन्दू आतंकवाद की कहानी उस दौर में गढ़ी गई जब पाकिस्तान लगातार भारत में बम धमाके करवा रहा था। वाजपेयी सरकार ने आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कई सख्त कदम उठाए थे। कारगिल युद्ध और ऑपरेशन पराक्रम इसके उदाहरण थे। ऐसे में पिछली सरकार के प्रतिमानों के आगे UPA की चुप्पी, कांग्रेस के कद को घटा रही थी। कांग्रेस ने बजाए पाकिस्तान पर कार्रवाई करने के हिन्दू आतंकवाद का तिलिस्म बनाया। देश के गृहमंत्री बिना सबूत यह बोलने लगे कि RSS की शाखाओं में आतंकी ट्रेनिंग हो रही है। इसी दौरान 2006 में मालेगांव में एक ब्लास्ट हुआ, जिसमें शुरू में इस्लामिक संगठन SIMI के आतंकियों को पकड़ा गया। जांच एजेंसियों ने सबसे पहले सिमी के आतंकी नूर उल हुडा को पकड़ा। वहीं अन्य आतंकियों के सम्बंध लश्कर ए तैयबा से बताए गए।

संबंधितपोस्ट

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

और लोड करें

हालांकि, कुछ ही समय में पुलिस ने इस बम धमाके के लिए अभिनव भारत को दोषी ठहराया और इसके बाद हिन्दू आतंकवाद की कहानी को आगे बढ़ाया गया। साध्वी प्रज्ञा का मामला इस धमाके से अलग है लेकिन हमें इस मामले को भी उपरोक्त संदर्भ में समझना चाहिए कि किन हालातों में जांच एजेंसियां, मामले को सुलझा रही थीं। इसका एक उदाहरण बाटला हाउस एनकाउंटर भी था, जिसमें आतंकियों को कांग्रेस सरकार के मंत्रियों ने ही निर्दोष बता दिया था। अजीब ही खिचड़ी पक रही थी और खिचड़ी पकाने और खिलाने के इस दौर में ही हेमंत करकरे ने साध्वी प्रज्ञा के मामले की जांच की थी।

UPA के सबसे पसंदीदा पुलिसकर्मी थे हेमंत करकरे

हेमंत करकरे का निधन विशेष चिंता का विषय है। 26/11 से एक दिन पहले हेमंत करकरे कुछ बेचैन थे। वह चिंतित थे, शायद किसी अनहोनी की आशंका में। 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में पूर्व विशेष लोक अभियोजक रोहिणी सालियान ने हमलों से एक दिन पहले करकरे से मुलाकात की थी। सालियान ने कहा, ‘करकरे किसी अनदेखे दबाव में थे।” मैंने उनसे कहा कि वह एक अच्छे हिंदू है और उन्हें अपने धर्म के रूप में अपना काम करना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि साध्वी अपने धर्म अनुसार कार्य कर रही हैं और उन्हें अपने धर्म अनुसार कार्य करना चाहिए।

हेमंत करकरे की पत्नी के अनुसार, वे महाराष्ट्र पुलिस के ATS प्रमुख के रूप में अपनी नौकरी छोड़ने और नए विचारों के साथ प्रयोग करने के लिए किसी अंतर्राष्ट्रीय फर्म में शामिल होने पर विचार कर रहे थे। उनकी पत्नी कविता करकरे ने बताया कि, “उनका यह सपना अधूरा रह गया।”

सोचने वाली बात है कि एक व्यक्ति जो एक पुलिसकर्मी के रूप में राजनीतिक हितों की सेवा करते हुए अपने जीवन का समय व्यतीत कर रहा था, वह अपनी नौकरी क्यों छोड़ना चाहेगा? आपको बता दें कि हेमंत करकरे कोई साधारण पुलिस अधिकारी नहीं थे। वह उस समय भारत के अब तक के सबसे पसंदीदा पुलिसकर्मी थे। वह तत्कालीन यूपीए सरकार के चहेते थे। सभी हाई-वोल्टेज राजनीतिक मामलों के लिए, और जो कांग्रेस सरकार के उद्देश्य की सेवा करते थे।

ये लड़ाई बिल्कुल एकतरफा थी!

साल 2008 में, 26/11 के हमलों से पहले ध्यान मालेगांव बम विस्फोट पर था, जिसमें कांग्रेस भारत में फैले हिंदू आतंक के झूठ को फैलाने की कोशिश कर रही थी। हेमंत करकरे पर बिना सबूत के व्यक्तियों को गिरफ्तार करने और हिरासत में उन्हें सबसे भयानक तरीकों से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था। यह याद रखना चाहिए कि 26/11 ऐसे समय में आया था जब कांग्रेस पार्टी ‘हिंदुत्व आतंक’ का एक दुर्भावनापूर्ण और झूठा आख्यान बनाने की कोशिश कर रही थी। यहां भी, करकरे कांग्रेस का गंदा काम कर रहे थे, क्योंकि उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, शंकराचार्य स्वामी दयानंद पांडे और अभिनव भारत के कुछ सदस्यों को आरडीएक्स बम की साजिश रचने और लगाने और विस्फोट को अंजाम देने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

हेमंत करकरे 26/11 हमले में जब वीरगति को प्राप्त हुए, उस समय उनकी गाड़ी आतंकियों के सामने से गुजर रही थी। जब आतंकियों ने उनपर गोलियां चलाईं, उन्हें संभलने का मौका ही नहीं मिल पाया। जवाबी कार्रवाई के लिए बंदूक उठाने के पहले ही हेमंत करकरे और उनके साथीयों की मृत्यु हो गई। दुखद तथ्य है कि यह लड़ाई बिल्कुल एकतरफा थी। हालांकि, करकरे को सच्ची श्रद्धांजलि यही होती कि इस मामले की जांच भली प्रकार से होती।

हेमंत करकरे बहुत अधिक जानते थे!

किन्तु देश पर हुए सबसे बड़े हमले के बारे में अब यह खुलासे हो रहे हैं कि इस हमले में जांच अधिकारियों ने सबूत छुपाए। हाल ही में महाराष्ट्र पुलिस के रिटायर्ड ACP शमशेर खान पठान ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि परमबीर सिंह ने अजमल कसाब के पास से मिले फोन को एक जूनियर ऑफिसर से लेकर, जांच अधिकारियों को देने के बजाए अपने पास रख लिया। उनका आरोप है कि परमबीर ने मोबाइल फोन को जांच के दायरे में नहीं आने दिया और सबूत छुपाकर कुछ महत्वपूर्ण लोगों की मदद की।

यह आरोप कितने सही हैं कितने नहीं इसकी जाँच होनी चाहिए। जाँच इसकी भी होनी चाहिए कि हेमंत करकरे जिन परिस्थितियों में आतंकियों के सामने आए, वह भाग्य का खेल था या आतंकियों को उनके आने की सूचना पहले से मिल गई थी। इतने वरिष्ठ अधिकारियों को 18 साल के लड़कों ने बिना संघर्ष के मार दिया।शायद बहुत कुछ ऐसा है जो सामने नहीं आया है या शायद हेमंत करकरे को इसलिए भी मारा ग़या क्योंकि वो बहुत अधिक जान गए थे!

Tags: 26-11कांग्रेसहिंदू आतंकवादहेमंत करकरे
शेयर174ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

त्रिपुरा में 20 साल तक CM पद पर बैठा था गरीब बकरा, अब उसे बिप्लब देब के रूप में एक शेर मिला है!

अगली पोस्ट

घट रही है हिंदुओं में प्रजनन दर, ऐसा ही रहा तो जल्द ही भारत में अल्पसंख्यक बन जाएंगे हिन्दू

संबंधित पोस्ट

बांग्लादेश
चर्चित

हिंदू दीपू दास की इस्लामी भीड़ के हाथों बर्बर हत्या उस्मान हादी हत्याकांड का ‘साइड इफेक्ट’ नहीं है, ये मजहबी कट्टरता को आत्मसात कर चुके बांग्लादेश का नया सच है

20 December 2025

बांग्लादेश इस समय गहरी अस्थिरता से गुज़र रहा है। दुर्भाग्य से ये अस्थिरता सिर्फ राजनैतिक नहीं है, ये नैतिक और सामाजिक भी है। अलग भाषाई...

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited