मालविका सूद – जनसेवा करके स्वार्थ सिद्धि के लिए राजनीति में आने का ट्रेंड हमेशा से पॉपुलर रहा है। अपने स्वार्थ के लिए तमाम बड़े नेता और सेलिब्रिटी लोगों की मदद करने का ढ़ोंग कर ऐसे कारनामों को अंजाम देते रहते हैं, जो उनके अपने स्वार्थ से जुड़ा होता है। बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सोनू सूद को लेकर भी कुछ ऐसी ही खबरें सामने आ रही है। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के दौरान ट्रेन, बस और हवाईजहाज से लोगों को उनके घरों तक भेजा था और काफी वाहवाहियां लूटी थी। लेकिन असल मायने में तो उन्होंने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए ऐसे सामाजिक कार्यों का ढ़ोंग किया था! ऐसा हम नहीं कह रहें, दरअसल कुछ राजनीतिक दल और व्यक्तियों का मानना है।
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सोनू सूद की बहन मालविका सूद लड़ेंगी पंजाब विधानसभा चुनाव
बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने बीते रविवार को घोषणा करते हुए कहा कि “उनकी बहन मालविका सूद पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगी।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह राज्य के लोगों की सेवा करने के लिए तैयार हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सूद ने मोगा में अपने घर पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि “मालविका सूद तैयार है, लोगों की सेवा करने की उनकी प्रतिबद्धता अद्वितीय है।”
हालांकि, सूद ने उस पार्टी का नाम नहीं बताया जिससे वह चुनाव लड़ेंगी, लेकिन उन्होंने कहा कि उनका निर्णय “सही समय पर सामने आएगा”। सोनू सूद ने कहा कि मालविका सूद के मोगा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने की सबसे अधिक संभावना है।
सोनू सूद का दोहरा चरित्र!
गौरतलब है कि अभिनेता सोनू सूद ने हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात की और वो आम आदमी पार्टी (AAP) के अरविंद केजरीवाल और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल सहित अन्य राजनीतिक नेताओं से मिलने के लिए भी तैयार हैं।
हालांकि, सोनू सूद ने मीडिया से कहा, “जब राजनीतिक दल में शामिल होने की बात आती है, तो यह जीवन का एक बड़ा निर्णय होता है, यह आकस्मिक बैठकों के बजाय विचारधाराओं के बारे में अधिक होता है।”
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आपको बताते चलें कि 38 वर्षीय मालविका सूद तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। वो अपने भाई सोनू के साथ पार्टनरशिप में सूद चैरिटी फाउंडेशन चलाती हैं, साथ ही वो एक कंप्यूटर इंजीनियर है और मोगा में एक IELTS कोचिंग सेंटर भी चलाती है, जो कथित तौर पर मुफ्त अंग्रेजी कोचिंग प्रदान करता है। मालविका सूद की शादी गौतम सच्चर से हुई है, जो एक शिक्षाविद् हैं।
कुछ महीने पहले सोनू सूद में दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके राजनीति में आने के कयास लगाए जाने लगे थे। तब सोनू सूद ने स्पष्ट किया था कि उन्होंने राजनीति में एंट्री लेने के बारे में कुछ सोचा नहीं है, लेकिन अब राजनीति में उनकी बहन मालविका सूद की एंट्री से कई तरह के सवाल खड़े होते दिख रहे हैं। लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा भी निकाला है।
सोनू सूद की मंशा पर उठ रहे सवाल
कोरोना वायरस महामारी में लॉकडाउन के दौरान गरीबों, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए अभिनेता सोनू सूद की प्रशंसा की गई, क्योंकि उन्होंने बसों, ट्रेनों और यहां तक कि हवाईजहाज से भी लोगों को उनके गृह राज्य वापस भेजा था। वहीं, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सूद ने ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पताल में बेड और अन्य चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था कर लोगों की मदद की। अचानक से समाजसेवी बने सोनू सूद द्वारा किए गए इन सामाजिक कार्यों के पीछे उनकी मंशा राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की थी।
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