अकासा एयर – नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीते गुरुवार को कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है। देखा जाए तो पिछले कुछ समय में भारतीय विमानन क्षेत्र में तहलका मचा हुआ था! एयर इंडिया और जेट एयरवेज़ डूबने के कगार पर थे और लगातार घाटे में चल रहे थे। हालांकि, पिछले कुछ समय में इस क्षेत्र की दशा और दिशा दोनों बदल चुकी है। पहले सरकार ने एयर इंडिया को TATA जैसी बड़ी कंपनी को सौंपा, तो वहीं अब भारत के विमानन क्षेत्र में Big Bull यानी राकेश झुनझुनवाला की एंट्री हो चुकी है। ऐसे में अगर यह कहा जाए कि आने वाले समय में भारतीय एयरलाइंस में टाटा और बिग बुल का वर्चस्व रहने वाला है, तो यह गलत नहीं होगा।
Big Bull ला रहे हैं सस्ती एयरलाइन
नागरिक उड्डयन बाजार में राकेश झुनझुनवाला जैसे नए खिलाड़ियों के आने से हवाई किराए में कमी आने की उम्मीद है और देश के अंदरूनी हिस्सों में पैठ बढ़ेगी। राकेश झुनझुनवाला समर्थित एसएनवी एविएशन (जो अकासा एयर ब्रांड के तहत एक कम लागत वाली एयरलाइन का संचालन करेगी) ने 72 बोइंग 737-8 मैक्स विमान के लिए 9 बिलियन डॉलर की कीमतों पर ऑर्डर दिया है। उम्मीद है कि नई एयरलाइन 2022 की गर्मी आते-आते लॉन्च हो जाएगी।
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अकासा एयरलाइन को मिल चुकी है मंजूरी
72 विमानों का बेड़ा कंपनी को इंडिगो और समेकित टाटा एयरलाइंस के बाद देश की सबसे बड़ी एयरलाइनों में से एक बना देगा। टाटा एयरलाइंस की नई खरीदी गई एयर इंडिया, विस्तारा और एयर एशिया की एयरलाइनों को एक ब्रांड नाम के तहत एकीकृत करने की योजना है। वर्तमान में इंडिगो भारतीय घरेलू विमानन बाजार में लगभग आधी बाजार हिस्सेदारी के साथ प्रमुख खिलाड़ी है। इंडिगो के बाद टाटा समूह (एयर इंडिया, एयरएशिया और विस्तारा) का स्थान है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी लगभग 23-24 प्रतिशत है। पिछले कुछ वर्षों से, मोदी सरकार की उड़ान योजना की बदौलत अधिक से अधिक भारतीय भारतीय हवाई यात्रा कर रहे हैं, जिससे बाजार में लगभग 20 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई है।
जेट एयरवेज के पूर्व CEO विनय दुबे अकासा एयर लाइन के CEO होंगे। अकासा एयर कंपनी को नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा आधिकारिक मंजूरी मिलने की आवश्यकता थी, लेकिन वो भी ज्यातिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व वाले मंत्रालय से मिल चुकी है, जिसका अर्थ है कि भारत में नागरिक उड्डयन क्रांति का बीज बोने का ग्रीन सिग्नल भारत सरकार की ओर से राकेश झुनझुवाला को मिल चुका है। झुनझुनवाला का प्लान भारत में सस्ती दरों पर लग्जरी सुविधाएं देने का है, जिससे आम आदमी के लिए भी हवाई यात्रा, रेल यात्रा की तरह सहज हो सके।
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अकासा एयर कंपनी की इस टीम में राकेश झुनझुनवाला कई दिग्गजों को एक साथ किया है। उनकी टीम में इंडिगो के पूर्व अध्यक्ष आदित्य घोष से लेकर जेट एयरवेज के विनय दुबे भी होंगे। इससे स्पष्ट है कि भारतीय एयरलाइंस के क्षेत्र में Big Bull की योजनाएं बड़ी हैं। उनकी योजनाओं से न केवल भारत में आम लोगों को हवाई यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे, अपितु देश में उड्डयन क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी। जैसे-जैसे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी अन्य कंपनियां भी अपनी कीमतों में कटौती करेंगी, जो आम जनता के लिए सकारात्मक होगा। वहीं, अर्थव्यवस्था के लिए सबसे मजबूत कड़ी अर्थात ‘प्रतिस्पर्धा’ देश में हवाई और आर्थिक क्रांति लाने में महत्वपूर्ण होगी।
अब TATA के हाथों में है एयर इंडिया का बागडोर
इस हवाई क्रांति को बल देने में मोदी सरकार का भी विशेष योगदान हैं। Udan योजना के तहत सरकार ने निजीकरण को बढ़ावा देने और एअर इंडिया के पुनरुत्थान के लिए टाटा को सौंपा है। टाटा कंपनी पहले से ही एयरलाइंस के व्यापार में एक बड़ा नाम है। TFI ने पहले ही बताया था कि टाटा के पास एयर एशिया के 84 फ़ीसदी शेयर हैं। बचे 16 फ़ीसदी शेयर फिलहाल मलेशिया एयरलाइंस के पास है, किंतु टाटा इस 16 फ़ीसदी शेयर को खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। इसके अतिरिक्त टाटा के पास VISTARA एयरलाइंस में 51% फ़ीसदी की हिस्सेदारी है। शेष 49% की हिस्सेदारी सिंगापुर एयरलाइंस के पास है। कंपनी के उच्च अधिकारियों का कहना है कि वे अपने सभी एयरलाइन कंपनियों का एक कंपनी के भीतर विलय करने वाले हैं।
एयर इंडिया, एयर एशिया और Vistara यदि एक ही कंपनी के अंतर्गत कार्य करेंगे, तो उनके पास एयरलाइंस मार्केट कि 26% हिस्सेदारी हो जाएगी। टाटा अपनी पूर्ववर्ती दो कंपनियों के जरिए विमान उड्डयन व्यापार में पहले ही एक बड़ा नाम बन चुकी है। अब एयर इंडिया के संसाधनों के उपयोग से टाटा भारत को पहली विश्व स्तरीय एयरलाइन कंपनी देने वाली है।
टाटा और एयर इंडिया दोनों इस मामले में बिल्कुल एक समान हैं कि दोनों ने ही अपने उपभोक्ताओं की सुविधाओं का पर्याप्त ध्यान रखा है। कस्टमर सर्विस के मामले में टाटा समूह का होटल ताज एक अद्वितीय उदाहरण है। ऐसे में यह मानने का पर्याप्त कारण है कि टाटा समूह उपभोक्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरेगा। इसके राष्ट्रावादी सिद्धान्त, विस्तृत साम्राज्य और अनंत अर्थ से एयर इंडिया का भाग्योदय तय है। कुल मिला कर यह कहा जा सकता है कि भविष्य में भारतीय एयरलाइंस के क्षेत्र में टाटा, इंडिगो और बिग बुल का वर्चस्व रहने वाला है।