Philippines, आधिकारिक तौर पर Philippines गणराज्य, दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक द्वीपसमूह देश है। इस देश से भी पुरानी है, यहां पर व्याप्त हिन्दू संस्कृति। हालांकि, यहां पर उसके अवशेष बचे हैं, जो की सनातन संस्कृति के गौरवशाली इतिहास के साक्षी हैं। दुनिया के अनेकों द्वीपसमूहों में हिंदू धर्म एक प्रमुख सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक शक्ति रहा है। Philippines भी ऐसा ही एक देश है। वर्तमान में यहां की हिन्दू आबादी सिर्फ अप्रवासी भारतीय समुदाय तक सीमित है पर पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं में मजबूत हिंदू और बौद्ध प्रभाव हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जावा के गौरवशाली मजापहित साम्राज्य के कारण इस द्वीप पर हिंदू धर्म का आगमन हुआ।
Philippines में हिन्दू धर्म का गौरवशाली इतिहास
स्पेनिश औपनिवेशिक काल से पहले, दक्षिण पूर्व एशिया के द्वीपसमूह जैसे मलेशिया, कंबोडिया आदी देश हिंदू-मलयाई संस्कृति के व्यापारियों के प्रभाव में थे, जिनके रक्षण का जिम्मा मजापहित साम्राज्य के गौरवशाली शासक पर था। परंतु, दक्षिण पूर्व एशिया के महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्गों पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु बीच में स्थित इन द्वीपसमूह वाले राष्ट्रों को जीतना अत्यंत आवश्यक था। इसी आवश्यकता ने अंग्रेजों, मुसलमानों और अन्य औपनिवेशिक ताकतों के बीच सतत संघर्ष को जन्म दिया। इस युद्ध का विजयोत्स्व अल्पकालिक होता था पर जनता के लिए युद्ध विभीषिका शाश्वत।
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अंततः 1414 में ये व्यापारी आजिज़ आकर हिंदू धर्म से इस्लाम में परिवर्तित हो गए और बाकी लोगों को या तो मार दिया गया या फिर बलात धर्मांतरण करा दिया गया। 1500 के आसपास मजापहित साम्राज्य के अंतिम हिंदू राजा भी बाली चले गए। क्रमशः 1400 और 1500 के दशक के दौरान इस उपमहाद्वीप में अरब और यूरोपीय लोग आए। परंतु, हिन्दू धर्म का सदियों प्राचीन गौरवशाली इतिहास आज भी चट्टानों पर उत्कीर्ण है। Philippines के कई द्वीपों के शासकों को ‘राजा’ कहा जाता था। उदाहरण के लिए, मध्य क्षेत्र में स्थित Visayas का नाम दक्षिणपूर्व के अंतिम हिंदू राजकुमार श्रीविजय के नाम पर रखा गया है।
औपनिवेशिक काल और हिन्दू परम्पराएं
स्पेनियों द्वारा ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार और इस्लाम के आगमन ने हिंदुओं के सामने तीन विकल्प छोड़े- परिवर्तन, पलायन या फिर मृत्यु। नए धर्मों के आगमन से पहले Philippines, जावा और अन्य द्वीप हिंदू साम्राज्य का हिस्सा थे। Philippines के स्थानीय राजाओं ने ऐसे साम्राज्यों को श्रद्धांजलि दी है, जिनमें श्री विजया और मजापहित साम्राज्य के हिंदू शासक भी शामिल थे। हिंदू देवताओं की प्राचीन मूर्तियों को अंग्रेजों, मुसलमानों और अन्य औपनिवेशिक ताकतों से बचाने के लिए छिपा दिया गया। 1917 में मिंडानाओ में एक इंडो-मलयाई देवी की 4 पाउंड सोने की मूर्ति मिली थी, जो अब शिकागो के फील्ड म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री में है। यह मूर्ति 1200 से 1300 के दशक की अवधि के बीच की है। वहीं, गरुड़ पर विराजमान विष्णु की एक और सोने की कलाकृति पलावन में पाई गई थी।
वहीं, हाल में हिंदू धर्म में विस्तार देखने को मिला है। हालांकि, अधिकांश मंदिर जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं। हिंदू धर्म के वास्तविक अनुयायी या तो Philippines के स्वदेशी लोग हैं या फिर प्रवासी समुदाय। फिलीपिंस में विभिन्न कृष्ण समूहों और लोकप्रिय हिंदू व्यक्तित्व जैसे साईं बाबा और परमहंस योगानंद (आत्म-प्राप्ति फैलोशिप) आदि पाए जा सकते हैं। योग और ध्यान जैसी हिंदू प्रथाएं यहां लोकप्रिय हैं। शिव को ‘नटराज’ या ‘नृत्य के भगवान’ के रूप में चित्रित करने की परंपरा भी विद्यमान है।
हालांकि, हिंदू धर्म Philippines में अल्पसंख्यक है पर, हिंदू मान्यताएं अभी भी राष्ट्रीय मानस में व्याप्त हैं। यह सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से अधिकांश फिलिपिनो (Philippines का नागरिक) में निहित है, जो ज्यादातर रोमन कैथोलिक हैं या फिर एक महत्वपूर्ण मुस्लिम अल्पसंख्यक। अगर इसे एक उदाहरण के तौर पर कहा जाए तो कर्म को आसानी से समझा जा सकता है और यह मूल नैतिकता का एक हिस्सा है।
फिलीपिंस की हिन्दू संस्कृति और भाषाई समाज
16वीं शताब्दी में स्पेनिश आगमन के साथ, Philippines एक उपनिवेश बन गया। अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ सांस्कृतिक संपर्क सीमित हो गए थे। 1481 में, पोप सिक्सटस IV की अनुमति से स्पेनिश उपनिवेश (Philippines) के भीतर रहने वाले सभी गैर-कैथोलिकों को निष्कासित कर दिया गया या उनपर तब तक अत्याचार किया गया जब तक उन्होंने धर्मत्याग नहीं कर दिया। रोमन कैथोलिक चर्च के अधिकार को चुनौती देने के किसी भी प्रयास को पोप के खिलाफ विद्रोह और स्पेनिश क्राउन के खिलाफ राजद्रोह के रूप में देखा गया था, जिसकी सजा मौत थी। वहीं, भाषाई प्रभाव ने सीधे बौद्ध और हिंदू अवधारणाओं के साथ फिलीपीन भाषा पर अपना स्थायी निशान छोड़ा। फिलीपीन की कई भाषाओं में लगभग 25% शब्द संस्कृत और तमिल हैं। Philippines शब्द ‘केरपासो’ को संस्कृत के ‘कपास’ से लिया गया है। इसी तरह संस्कृत के नाग से ‘नागा’ शब्द का उत्थान हुआ है।
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रामायण और महाभारत Philippines में काफी लोकप्रिय हैं। Philippines में रामायण का अपना संस्करण है। मारानाओ संस्करण महाराडिया लवाना नाम से रावण संबोधित है। हुदहुद के कई श्लोक रामायण और महाभारत के हैं। Philippines के कई संगीत वाद्ययंत्र भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के समान हैं और कुटियापी संस्कृत शब्द का एक अपभ्रंश है। कला, संस्कृति से लेकर भाषा तक सभी जगह सनातन संस्कृति की छाप दिखती है। हालांकि, इसे मिटाने की भरपूर कोशिश की गई पर बड़ी-बड़ी शक्तियां असफल रहीं और Philippines में भगवा अभी भी लहरा रहा है।