20 दिसंबर यानी सोमवार को गुजरात कोस्ट गार्ड के अधिकारियों ने एक पाकिस्तानी मछली पकड़ने वाली नाव को तब पकड़ा, जब वह ड्रग्स के साथ भारतीय जलक्षेत्र में घूम रही थी। कोस्ट गार्ड द्वारा नाव के चालक दल के छह सदस्यों को 77 किलोग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा गया है। भारतीय तटरक्षक बल ने गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। जब्त किए गए ड्रग्स की कीमत 400 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
PRO डिफेंस गुजरात ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए इस ऑपरेशन की जानकारी दी। ट्वीट में बताया गया कि “इंडियन कोस्ट गार्ड (@IndiaCoastGuard) ने ATS गुजरात के साथ एक संयुक्त अभियान में एक पाक मछली पकड़ने वाली नाव ‛अलहुसैनी’ को पकड़ा है, जिसमें 06 चालक दल भारतीय जल में 77 किलोग्राम हेरोइन ले जा रहे थे, जिसकी कीमत लगभग 400 करोड़ है।“
और पढ़ें: ड्रग्स- कहीं मोदी सरकार ने उद्धव की कमजोर नब्ज पर हाथ तो नहीं रख दिया ?
ICG 🚢 sighted the suspiciously moving 🚣 which on challenged, tried to flee but was outmaneuvered & forced to surrender
🚣 was thoroughly rummaged & contraband consignment containing 05 bags with 77 Kgs of heroin was seized
Market value of seized Narcotic is abt 400 crs (2/3) pic.twitter.com/8HbsGaffq4
— PRO Defence Gujarat (@DefencePRO_Guj) December 20, 2021
कोस्ट गार्ड के अधिकारी नाव के चालक दल को पकड़ने के बाद उन्हें लेकर कच्छ के जाखू बंदरगाह पहुंचे, जहां से उन्हें कच्छ जिले में ले जाया गया और अब उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है। यह पहला अवसर नहीं है, जब पाकिस्तानी तस्करों को ड्रग्स की बड़ी खेप के साथ पकड़ा गया है। पिछले माह 600 करोड़ की कीमत का ड्रग्स जब्त किया गया था। गुजरात के ही मोरबी जिले के एक गांव से 120 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी। इस मामले में गुजरात ATS ने मुख्तार हुसैन जब्बार और शमसुद्दीन को गिरफ्तार किया था। यह ड्रग्स भी पाकिस्तान से ही आई थी।
और पढ़ें: मणिपुरी महिला के घर से जब्त हुई 500 करोड़ रुपये की ड्रग्स, महिला का पति निकला चीनी
मुंद्रा बंदरगाह से जब्त हुई थी 21,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स
इससे पहले गुजरात में ही कच्छ के मुंद्रा बंदरगाह से 21,000 करोड़ रुपए की कीमत की 3000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी। इस मुद्दे को मीडिया में भी बड़े जोर शोर से उठाया गया था, क्योंकि मुंद्रा बंदरगाह का संचालन अदानी समूह करता है। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारियों की तेजी के कारण ही इतनी बड़ी मात्रा में हेरोइन बरामद हुई थी, क्योंकि 3000 किलो हेरोइन की बरामदगी कोई आम बात नहीं है। बरामदगी के बाद अदानी पोर्ट ने स्पष्ट किया था कि वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान से आने वाले कंसाइनमेंट अपने बंदरगाह पर नहीं उतरने देगा।
संभवत बड़े बंदरगाहों की निगरानी चौकस होने के कारण ही पाकिस्तान ने ड्रग्स को भारत तक पहुंचाने के लिए छोटी-छोटी नाव का प्रयोग शुरू किया है। ड्रग्स की समस्या पूरे भारत के लिए सिरदर्द बनी हुई है। भारत के पश्चिमी तट पर स्थित महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्य इस समस्या से त्रस्त हैं, हाल ही में मणिपुर में भी 500 किलो ड्रग्स जब्त की गई थी। ध्यान देने वाली बात है कि मणिपुर में जिस महिला के घर से ड्रग्स जब्त की गई थी, उसका पति चीनी मूल का है।
और पढ़ें: अडानी पोर्ट से ड्रग्स बरामदगी है माफियाओं के लिए सरकार की चेतावनी, अभी और झटके लगने बाकी हैं
केंद्र सरकार को उठाना चाहिए कदम
स्पष्ट है कि चीन और पाकिस्तान, भारत को भीतर से कमजोर करने के लिए ड्रग्स को हथियार बना रहे हैं। भारत का एक अन्य पड़ोसी देश अफगानिस्तान कोकीन उत्पादन के लिए जन्नत है और तालिबानी इस व्यापार के फरिश्ते हैं। इन तीनों देशों के साथ ही बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठिए भी भारत में ड्रग्स व्यापार को फैलाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत में तस्करी को बढ़ावा देने वाले फूटसोल्जर हैं। भारत सरकार को यदि इस समस्या पर नियंत्रण पाना है, तो हमें एक केंद्रीकृत प्रयास करना होगा, क्योंकि राज्य सरकार के स्तर पर ड्रग्स माफिया के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की उम्मीद नहीं की जा सकती, महाराष्ट्र इसका उदाहरण है। ऐसे में केंद्र को ही कड़े फैसले करने के लिए तैयार होना पड़ेगा।