पाकिस्तान आज आर्थिक तंगी झेल रहा है, यह सब किया-धरा उस एक व्यक्ति की अकर्मण्यता और उसके युद्ध के सनक का है, जिसे आज पूरा देश भुगतने को विवश है। जैसे इस समय चीन अपने तानाशाही शासक शी जिनपिंग के व्यवहार को भुगत रहा है, ठीक उसी तरह इमरान खान की यह निष्क्रियता अब बहुत शीघ्र ही उसके सत्ता के लिए विनाशकारी सिद्ध हो सकती है। एक बड़ा अपवाद यह भी है कि इमरान खान यह कहते फिरते हैं ‘घबराना नहीं है।’
प्रकृति में तीन शाश्वत सत्य है – सूर्य का पूर्व में उदय होना, वर्षा होने पर बिजली कड़कना और पाकिस्तान का कंगाली से बेजोड़ नाता। हमारे पडोसी देश का बदहाली और अवनति से कितना भावुक सम्बन्ध है, इसके बारे में कोई विशेष शोध करने की आवश्यकता नहीं है, परन्तु इस प्रकरण ने एक नया मोड़ ले लिया, जब सर्बिया में स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने एक व्यंग्यात्मक विडियो ट्वीट किया।
इमरान खान ‘आपने घबराना नहीं है!’
ट्वीट में ‘आपने घबराना नहीं है’ विडियो की क्लिप शेयर करते हुए पाकिस्तानी दूतावास ने ट्वीट किया कि, “महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इमरान खान की सरकार चाहती है कि हम चुपचाप उनके लिए काम करते रह। कब तक हम सरकारी अफसर चुप रहेंगे? 3 महीने से हम बिना तनख्वाह के काम कर रहे हैं और हमारे बच्चों को स्कूलों से निकाल दिया गया है क्योंकि फीस नहीं पे की गई है। क्या यह है आपका नया पाकिस्तान? माफ़ कीजियेगा इमरान मियां, अब हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा है।” –
अब आपको क्या लगता है, ऐसा पहली बार यह पाकिस्तान में हो रहा है? असल में इमरान खान की काली करतूतें एक के बाद खुलकर सबके समक्ष उजागर हो रही हैं। हालांकि, पाकिस्तान और चीन की वर्तमान अवस्था में कोई विशेष अंतर नहीं है। अभी हाल ही में, पाकिस्तानी सरकार का एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है।
226 मिलियन डॉलर का घोटालेबाज
आपको बता दें कि पाकिस्तान ने कोविड -19 पर किए गए खर्च की ऑडिट रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें लगभग 226 मिलियन डॉलर का घोटाला स्पष्ट दिख रहा है। पाकिस्तान के महालेखा परीक्षक के निष्कर्षों में गलत खरीद, अपात्र लाभार्थियों को भुगतान, नकली बायोमेट्रिक्स के माध्यम से नकद निकासी और उपभोग के लिए यूटिलिटी स्टोर्स कॉर्पोरेशन द्वारा घटिया सामानों की खरीद को दिखाया गया है। ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, रक्षा मंत्रालय और अन्य सभी सरकारी विभागों को इमरान खान के कोविड राहत पैकेज से अपने हिस्से की कटौती मिली है।
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पाकिस्तान अब राष्ट्रव्यापी विद्रोह की ओर बढ़ रहा है
यही नहीं, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भ्रष्टाचार विरोधी संस्थान ने रावलपिंडी रिंग रोड परियोजना से जुड़े घोटाले की जांच शुरू कर दी है, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान का भी नाम सामने आ रहा है। अप्रैल 2021 में उजागर हुए रावलपिंडी रिंगरोड परियोजना ने पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PLM-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने पहले इमरान खान के साथ-साथ रावलपिंडी रिंग रोड परियोजना के घोटाले में कथित रूप से शामिल अन्य मंत्रियों से इस्तीफे की मांग की है।
ऐसे में, यह कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तान की इस समय वही स्थिति है, जो चीन की है। एक तो कर्जे के बोझ तले पहले ही कराह रही है और ऊपर से रही सही कसर इमरान खान सरकार की निष्क्रियता ने पूरी कर दी है, जिससे अब राष्ट्रव्यापी विद्रोह मात्र एक आशंका नहीं, अपितु जल्द ही सत्य भी हो सकता है।