राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
आज का समय टेक्नोलॉजी का युग है. टेक्नोलॉजी ने हर तरफ से प्रत्येक व्यक्ति को घेर रखा है. आज हमारी जरुरतों को पूरा करने में टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा हाथ है.इतना ही नहीं काफी हद तक इंसान टेक्नोलॉजी पर निर्भर होता जा रहा है. टेक्नोलॉजी ना हो तो हमें दूरसंचार, मेडिकल, शिक्षा एवं व्यापार करने में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. टेक्नोलॉजी में अगर भारत की बात की जाए तो कुछ सालों से भारत अपनी टेक्नोलॉजी को एक उच्च स्तर पर पहुंचाने में लगा हुआ है. इसके साथ-साथ भारत का केंद्रीय मंत्रालय टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (hinglish – rashtriya prodyogiki divas) का आयोजन करता है.
11 मई 1998 को आयोजित पोखरण परमाणु परीक्षण शक्ति की वर्षगांठ को याद करने के लिए हर साल 11 मई को पूरे भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (hinglish: rashtriya prodyogiki divas) मनाया जाता है. मई 1974 को पहला परमाणु परीक्षण था जिसका कूट नाम ‘स्माइलिंग बुद्धा’ था. वहीं दूसरा परीक्षण तब पोखरण II के रूप में किया गया था, जो मई 1998 में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में भारत द्वारा किए गए परमाणु बम विस्फोटों के पांच परीक्षणों की एक श्रृंखला थी.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की घोषणा
इस ऑपरेशन का संचालन दिवंगत राष्ट्रपति और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा किया गया. इन सभी परमाणु परीक्षणों ने संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान सहित कई प्रमुख देशों द्वारा भारत के खिलाफ विभिन्न प्रतिबंध प्रस्तुत किए. परीक्षण के बाद, भारत, राष्ट्रों के “परमाणु क्लब” में शामिल होने वाला विश्व का छठा देश बना और इस प्रकार भारत एक परमाणु राज्य बन गया है. वहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस घोषित किया था.
भारत ने 11 मई 1998 को पोखरण में तीन परमाणु बमों का एक साथ परिक्षण किया था. तब आस पास के क्षेत्रों में 5.3 रिएक्टर स्केल तक का भूकंप दर्ज किया गया था. इस परीक्षण को भारत के अनुसंधान विभाग ने “शक्ति” नाम दिया गया था. इसके 2 दिन बाद यानी 13 मई 1998 को दो और परमाणु बमों के टेस्ट किये गए. इसी दिन भारतीय सुरक्षा विभाग ने त्रिशूल मिसाइल और हंस-3 का भी परीक्षण किया.
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महत्व
वहीं देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस-2021 के अवसर पर वैज्ञानिकों और विज्ञान के प्रति जुनून रखने वालों की सराहना की है.प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर, हम अपने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी के प्रति जुनून रखने वालों को उनकी अथक मेहनत के लिये उन्हें नमन करते हैं. हम गर्व से वर्ष 1998 के पोखरण परीक्षण को याद करते हैं, जिसने भारत की वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय शक्ति से परिचित कराया था.
भारत का टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट हर साल नई तकनीक को बढ़ावा देने के कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करता है. भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय हर साल भारत के कुछ होनहार वैज्ञानिकों को सम्मान देता है. हालांकि ये सम्मान उन्हीं वैज्ञानिकों को दिए जाते है, जिन्होंने तकनीक के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट योगदान दिया हो वहीं भारत के लगभग सभी टेक्निकल कॉलेज में इस दिन कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम
जिसमें छात्र प्रेजेंटेशन, स्लाइडशो एवं प्रोजेक्ट की मदद से इस दिन के बारे में मुख्य जानकारियां देते हैं. इस दिन भारत के छात्रों को वैज्ञानिकों से मिलने का अवसर प्रदान किया जाता है.जिसमें देश के छात्र नई तकनीक एवं वैज्ञानिकों के अनुभव के बारे में जान पाते हैं.
हर साल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड यानी की टीडीबी एक विशिष्ठ थीम का चुनाव करती है. इसी थीम को केंद्रित करके मनाते हैं एवं इसी थीम पर आधारित प्रोग्राम भी आयोजित किये जाते हैं. वहीं भारत सरकार को इस समय टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए काफी पैसे निवेश करने की जरुरत है, हालांकि ऐसा किया भी जा रहा है. इन कार्यक्रमों के चलते भारत में कई इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज के बारे में भी जागरूक किया जाता है.
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