“भारत और ताइवान हम पर Cyber Attack कर रहे हैं”, चीन ने बिलबिलाते हुए किया स्वीकार

भारत पर Cyber Attack करने वाले चीन को भारत का मुंहतोड़ जवाब!

चीन साइबर हमले

जब से CCP के नेतृत्व में चीन का विश्व परिदृश्य पर उदय हुआ है, तब से यह देश न तो अपने नागरिकों को चैन से जीने दे रहा है और न ही विश्व के लोगों को। कभी धमकी तो कभी सीमा पर गुंडागर्दी तो कभी जलक्षेत्र को लेकर पड़ोसी देशों पर दबाव तो कभी साइबर हमले, कोरोना को विश्व में फैला कर चीन ने तो हद ही मचा दी। हालांकि, अब विश्व के छोटे से लेकर बड़े देश, सभी चीन के विरुद्ध उतर चुके हैं। ये देश सामरिक मामलों के साथ अब साइबर वारफेयर में भी चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। चौथी पीढ़ी की युद्ध नीति अपनाते हुए चीन ने कई देशों पर साइबर वारफेयर किया है लेकिन अब उसी को ईंट का जवाब पत्थर से मिल रहा है। खास बात यह है कि स्वयं CCP अपने मुखपत्र के माध्यम से इसे स्वीकार भी कर रही है।

दरअसल, कई देशों के खिलाफ साइबर वारफेयर करने वाले चीन के ग्लोबल टाइम्स ने यह स्वीकार किया है कि ताइवान और भारत के कुछ समूह चीन पर लगातार साइबर हमले कर रहे हैं। पिछले महीने ग्लोबल टाइम्स ने स्वीकार किया था कि भारत के एक समूह ने उसकी नाक में दम कर रखा है और अब चीन ने यह स्वीकार किया है कि ताइवान से भी उस पर लगातार साइबर हमले हो रहे हैं।

ग्लोबल टाइम्स के अनुसार ताइवान द्वीप से एक उन्नत संगठन Green Spot, चीनी मुख्य भूमि पर साइबर हमले शुरू कर रहा है। इस संगठन का मुख्य निशाना बीजिंग और पूर्वी चीन के फ़ुज़ियान प्रांत है।

चीन की सुरक्षा कंपनी थ्रेटबुक ने बताया कि ग्रीनस्पॉट ने 2007 में साइबर हमले शुरू किए और 2013 में इन हमलों के ताइवान द्वीप से होने की पुष्टि की गई।  यह मुख्य रूप से सरकारी एजेंसियों, और एयरोस्पेस और सैन्य-संबंधित वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों को High Value वाले डेटा और वर्गीकृत जानकारी की चोरी करने के लिए लक्षित करता है, जिसमें स्पीयर फ़िशिंग ईमेल उनके हमले के पसंदीदा तरीके के रूप में होते हैं।

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ग्रीनस्पॉट ने कई प्रमुख विश्वविद्यालयों पर बड़े पैमाने पर लक्षित फ़िशिंग हमले शुरू किए। ये हमलें आमतौर पर लक्षित उपयोगकर्ताओं की गुप्त जानकारी चुराने के उद्देश्य से या खुफिया जानकारी एकत्र करने या ट्रोजन हॉर्स को छोड़ने के लिए किए गए। फ़िशिंग लिंक भेजने के लिए संगठन फ़िशिंग ईमेल पर निर्भर करता है।

ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि इस साल ग्रीनस्पॉट द्वारा किए गए लक्षित हमलों का दायरा व्यापक है। जितने हमले किए गए उनमें से 50 प्रतिशत विश्वविद्यालय के ऊपर किए गए थे, और 15 प्रतिशत वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के ऊपर थे। ताइवान के साइबर हमलों ने एयरोस्पेस, ऊर्जा और चिकित्सा क्षेत्रों को भी निशाना बनाया।

ग्लोबल टाइम्स ने यह स्वीकार किया कि ताइवान द्वारा किए गए साइबर अटैक्स मुख्य रूप से बीजिंग और फ़ुज़ियान के ऊपर केंद्रित थे। सभी हमलों में से बीजिंग के ऊपर 53 प्रतिशत तथा फुजियान के ऊपर 9 प्रतिशत हमले हुए।

इससे पहले ग्लोबल टाइम्स ने अपनी 20 नवंबर को अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया था कि चीन की साइबर सुरक्षा कंपनियों में से एक, एंटी लैब्स द्वारा प्रकाशित नई रिपोर्ट में एक दिल्ली में स्थित हैकर टीम ने चीन और पाकिस्तान में सरकारी एजेंसियों और रक्षा विभागों के खिलाफ साइबर हमले कर रहे हैं।

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चीनी मुखपत्र के अनुसार एंटी लैब्स ने इस टीम को You Xiang यानी Baby Elephant का नाम दिया है जो यह हमले दिल्ली में बैठ कर पाकिस्तान और चीन के खिलाफ साइबर हमले कर रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स ने एंटी लैब्स की रिपोर्ट के माध्यम से यह स्वीकार किया कि यह भारतीय हैकिंग टीम वर्ष 2017 से ही साइबर हमले कर रही है। चीनी साइबर टीम ने जांच किया तो उन्हें यह पता चला कि यह एक अन्य टीम White Elephant से यह टीम अलग है लेकिन यह भी दिल्ली के ही हैं।

हास्यास्पद यह है कि ग्लोबल टाइम्स ने यह स्वीकार किया कि 2021 में, इस समूह ने खुफिया जानकारी के लिए चीनी संस्थानों पर लक्षित हमले शुरू किए। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीन की कई प्रमुख साइबर सुरक्षा कंपनियों का कहना है कि दक्षिण एशिया के शीर्ष हैकर्स, मुख्य रूप से भारत से, लगातार रक्षा और सैन्य इकाइयों के साथ-साथ चीन, नेपाल और राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों पर हमला करते हैं। सभी देशों पर स्वयं साइबर हमला करने वाले चीन के इस मुखपत्र ने 5 नवम्बर को अपने एक रिपोर्ट में यह भी स्वीकार किया था कि चीनी राज्य मीडिया ने आरोप लगाया है कि ‘ईविल फ्लावर’ नामक एक भारतीय हैकिंग समूह ने चीन, पाकिस्तान और नेपाल में सरकारी और सैन्य उद्यमों पर कई साइबर हमले किए। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, इस समूह के साथ-साथ ‘ल्यूर ऑफ ब्यूटी’ और ‘घोस्ट वॉर एलीफेंट्स’ नाम के कुछ अन्य समूहों को कथित तौर पर भारतीय राज्य का समर्थन प्राप्त है।

यह पहली बार है कि चीन स्वयं यह स्वीकार कर रहा है कि उसके ऊपर साइबर हमले हुए हैं। चीन तेजी से अब स्वयं शिकार बनता जा रहा है। अब तक, जब साइबर हमलों की बात आई तो कम्युनिस्ट राष्ट्र निर्विवाद हमलावर था लेकिन अब भारत और ताइवान जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं। चीन डर से इतना कांप रहा है। यही कारण है कि अब विक्टिम कार्ड खेलने के लिए सीसीपी लगातार साइबर अटैक को स्वीकार कर रहा है। साथ ही यह भी मान रहा है कि भारत और ताइवान से लगातार हो रही हैकिंग चीन के लिए खतरा बन चुका है।

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