आपने अपने जीवन में अनेक प्रकार के धोखेबाज और बेईमान प्रविर्ती वाले लोगों का सामना जरूर किया होगा पर विश्व में एक ऐसी महिला का भी जिक्र है, जिसने बेईमानी की पराकाष्ठा को पार कर दिया था। हम बात कर रहे हैं एलिज़ाबेथ होम्स नामक महिला की, जिसे विश्व में एक शातिर और मक्कार महिला के तौर पर जाना जाता है। एलिज़ाबेथ होम्स ने Theranos नामक कंपनी शुरू करने के लिए स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय छोड़ दिया था। दरअसल, एलिज़ाबेथ होम्स ने क्रांतिकारी रक्त परीक्षण तकनीक विकसित करने का दावा किया था, जो केवल एक उंगली की चुभन से रोगियों के लिए दर्जनों रक्त परीक्षण चलाने में सक्षम है। साथ ही, उन्होंने मीडिया टाइकून रूपर्ट मर्डोक से लेकर डोनाल्ड ट्रम्प के पूर्व शिक्षा सचिव बेट्सी देवोस तक बड़े नाम वाले निवेशकों को अपनी कंपनी में निवेश करने के लिए आकर्षित किया।
एलिज़ाबेथ होम्स की कहानी
आपको बता दें कि Theranos जिसे एक सफल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी कंपनी के रूप में जाना जाता था, जिसमें रक्त परीक्षण तैयार करने के दावों के साथ केवल बहुत कम मात्रा में रक्त की आवश्यकता होती थी। Theranos परीक्षण में Nanotainer नामक एक उपकरण शामिल था, जिसका उपयोग उंगली की चुभन के माध्यम से रक्त एकत्र करने के लिए किया जाता था। फिर रक्त का परीक्षण एक अन्य उपकरण द्वारा किया जाता था, जिसे Edison कहा जाता है। Theranos ने दावा किया कि वह बड़ी संख्या में परीक्षण कर सकता है, जैसे कि ग्लूकोज के स्तर को मापना और विभिन्न प्रकार के एंटीबॉडी का पता लगाना आदि। वहीं, Theranos तकनीक वास्तव में कैसे काम करती है, इस बारे में पारदर्शिता की कमी के बावजूद, निवेशकों ने कंपनी में निवेश किया, जिसने 2013 में रोगियों के लिए अपने परीक्षण उपलब्ध कराए, जिसमें Walgreens के साथ साझेदारी भी शामिल थी।
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एलिज़ाबेथ होम्स अपने व्यवसाय के वित्तपोषण के लिए करोड़ों डॉलर जुटा चुकी थी और प्रमुख खुदरा भागीदारों के अलावा, पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव विलियम पेरी और पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज शुल्ट्ज़ सहित प्रसिद्ध राजनीतिक हस्तियों के साथ वह कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स बनाने में कामयाब रही। आपको बता दें कि इस घिनौनी कृत्य में उसका दाहिना हाथ कंपनी के अध्यक्ष और COO रमेश बलवानी थे। उन दोनों की मुलाकात 2002 में बीजिंग में हुई थी, जिसके बाद दोनों के बीच आपसी रिश्ते की बात भी सामने आई थी। कहा जाता है कि बलवानी उससे उम्र में करीब 20 वर्ष बड़ा थे।
Theranos कंपनी की असली सच्चाई
वहीं, फोर्ब्स की सूची के अनुसार, 2014 तक, एलिज़ाबेथ होम्स अमेरिका की सबसे धनी महिलाओं में से एक थी और उसकी Theranos कंपनी ने द न्यू यॉर्कर की रिपोर्ट के अनुसार $400 मिलियन से अधिक जुटाए थे। होम्स ने WSJ को बताया कि “उसका दीर्घकालिक लक्ष्य Theranos के आउटलेट को लगभग हर अमेरिकी घर के पांच मील के भीतर खोलना है।” एक समय में एलिज़ाबेथ होम्स को विश्व का अगला स्टीव जॉब्स या बिल गेट्स कहा जाने लगा था। लेकिन कहते हैं कि समय का पहिया दुबारा घूमता है और वैसा हीं हुआ जब 2015 में Theranos कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की गई तब इसके परीक्षण और उपकरण को लेकर ढेरों विवाद सामने आए।
इसके बाद Theranos का पतन होना शुरू हुआ और कंपनी, जिसकी कीमत कभी 9 अरब डॉलर थी, जल्द ही ढह गई। कंपनी ने अपने भागीदारों को खो दिया। Theranos पर प्रतिबंध लगा दिया गया और इसके निवेशकों द्वारा मुकदमा दायर किया गया। बताते चलें कि कंपनी का शेयर इतना गिर गया कि कर्मचारियों को निकाला जाने लगा, जिसके बाद एलिज़ाबेथ होम्स को CEO का पद भी छोड़ना पड़ा।
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सिलिकॉन वैली की सरजमीं पर हुई सबसे बड़ी धोखाधड़ी
गौरतलब है कि 2018 में, अमेरिकी सरकार द्वारा होम्स और बलवानी पर धोखाधड़ी के नौ मामलों और धोखाधड़ी करने की साजिश में शामिल होने से संबंधित दो मामलों का आरोप लगाया गया किन्तु दोनों ने दोषी होने से इंकार करते हुए सज़ा नहीं देने का अनुरोध किया। हालांकि, कंपनी को उसी वर्ष भंग कर दिया गया था। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, होम्स और बलवानी पर डॉक्टरों और मरीजों को एक साथ धोखा देने के लिए आरोप लगाया गया। चिकित्सा पेशेवरों ने Theranos घटना को FDA के लिए एक ‘जागृत कॉल’ कहा, जिसने मौजूदा नियामक कमजोरियों को उजागर किया है।
वहीं, अमेरिका के मेडिकल संस्थानों ने कहा कि “इस तरह के गलत परिक्षण और जांच गहरा नुकसान पहुंचा सकते हैं और रोगियों के स्वास्थ्य और जीवन को गहराई से प्रभावित कर सकते हैं।” हालांकि, Theranos को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है किन्तु यह कहा जा सकता है कि एलिज़ाबेथ होम्स एक ठगी महिला है और Theranos मामला अमेरिका स्थित ‘सिलिकॉन वैली की सरजमीं पर हुई सबसे बड़ी धोखाधड़ी‘ है।