चीन 2020 में अनुमानित 927 मिलियन जनसंख्या के साथ दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया उपयोगकर्ता है। पिछले कुछ वर्षों के परिदृश्य में चीनी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म इतने अधिक विकसित हुए हैं, जिन्होंने फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के मुकाबले अपने घरेलु सोशल मीडिया चैनल्स को सक्षम बनाया है। चीन को ट्विटर, यूट्यूब और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म से अवरुद्ध कर दिया गया है, पर फिर भी कम्युनिस्ट राष्ट्र बड़े पैमाने पर दर्शकों तक पहुंचने के लिए समय- समय पर इन प्लेटफॉर्मों का उपयोग करता है। वहीं, इस महीने की शुरुआत में एक प्रभावशाली कदम उठाते हुए ट्विटर ने चीनी सरकार द्वारा अपने विकृति अभियान को बढ़ाने के लिए दो बड़े डेटासेट हटा दिया है।
ट्विटर ने चीनी सरकार से जुड़े अकाउंट्स को किया बैन
ट्विटर ने 3,465 खातों को हटाया है, जिनमें से 2,158 खाते चीनी सरकार से संबंधित थे। इससे पहले माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने चीन के लिए प्रो-सरकारी प्रचार के बारे में पोस्ट पर 3,400 से अधिक खातों को बंद कर दिया था। ट्विटर ने इस मामले को लेकर एक बयान में कहा कि “छह देशों के कई सैकड़ों खातों को हटा दिया लेकिन उनमें से अधिकतर ऐसे नेटवर्क का हिस्सा थे, जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के गलत प्रचार को बढ़ावा देते थे।”
प्रो-बीजिंग अभियान से जुड़े 2,048 खातों के अलावा, माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने ‘चांग्यू संस्कृति’ नामक एक कंपनी से जुड़े 112 खातों को भी बंद कर दिया है, जो झिंजियांग की क्षेत्रीय सरकार से जुड़ा हुआ है। बताते चलें कि अन्य पांच राष्ट्र जहां ट्विटर ने खातों को निलंबित कर दिया है, उनमें मेक्सिको, रूस, तंजानिया, युगांडा और वेनेज़ुएला शामिल हैं। यूएस स्थित कंपनी ने यह भी बताया कि “इन परिचालनों से जुड़ी सामग्री का प्रत्येक खाता स्थायी रूप से सेवा से हटा दिया गया है।”
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ट्विटर ने दिया एक सकारात्मक सन्देश
चीन आधारित खातों के बड़े हिस्से पर प्रतिबन्ध के अलावा, ट्विटर ने कहा कि “इंटरनेट रिसर्च एजेंसी (IRA) से जुड़े 16 खातों का नेटवर्क भी हटा दिया गया है, जिसने मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में एक गलत सूचना अभियान का प्रयास किया था। आपको बता दें कि ASPI द्वारा विस्तृत विश्लेषण से पता चला है कि CCP की क्षेत्रीय सरकारों ने राज्य-समर्थित मीडिया और प्रभावकों के साथ अपने गलत सूचना अभियान को चलाने के लिए ट्विटर पर अपनी जबरदस्त उपस्थिति का उपयोग किया। इस रिपोर्ट में ASPI ने इन राज्य समर्थित नेटवर्कों द्वारा दुनिया भर में कई दर्शकों तक पहुंचने के लिए तैयार रणनीतियों का भी उल्लेख किया है।
ऐसे में, दिलचस्प बात यह है कि ट्विटर के नए और भारतीय CEO पराग अग्रवाल के आने के बाद से CCP के नकारात्मक प्रचार पर रोक लगना शुरू हो गया है। ट्विटर का यह कदम इतना आसान नहीं है क्योंकि चीनी सरकार इन दिग्गजों के लिए राजस्व का एक अनिवार्य स्रोत भी है। इसलिए चीन के खिलाफ अभियान से ट्विटर, फेसबुक और Google जैसी कंपनियों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। वहीं, इससे एक बात स्पष्ट होती है कि चीन से जुड़े हजारों खातों को हटाकर ट्विटर ने एक सकारात्मक सन्देश दिया है।
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