भारत अघोषित बुद्धिजीवियों का देश है। यहां पर किसी की भी, किसी समय पूजा की जा सकती है तो बिना आधार के किसी की आलोचना भी हो सकती हैं। इसमें अव्वल दर्जे के महान वो माने जाते हैं, जो लेफ्ट लिबरल हैं, वोक्स हैं और जो जरूरत से ज्यादा उदारवादी हैं। इनके अधिपत्य में कुछ विभाग हैं, जिनमें शिक्षा एक विभाग है।
देश के सबसे बड़े शैक्षणिक बोर्ड, CBSE ने जब मैनुअल निकाला था, तब इनके भीतर हावी वामपंथी विचारधारा सबके सामने आई थी। अब इस बोर्ड ने ऐसा काम किया है कि फिर से वह सवालों के घेरे में है। खैर, सवाल भले गलत है लेकिन इसके बीच जो चर्चा शुरू हुई है, उससे एक बड़े सवाल का उत्तर हम आपको देने वाले हैं।
CBSE ने 12वी के छात्रों से पूछा है कि गोधरा कांड के बाद जो दंगे हुए थे, उसे सुनियोजित किसने किया था। यह एक ऐसा प्रश्न है जो बुधवार, 1 दिसंबर को CBSE कक्षा 12 समाजशास्त्र टर्म 1 परीक्षा में पूछा गया है।
इस सवाल के साथ छात्रों को चुनने के लिए दिए गए विकल्प थे:
(ए) कांग्रेस
(बी) भाजपा
(सी) डेमोक्रेटिक
(डी) रिपब्लिकन
यह सवाल विवादों का सैलाब लेकर आया। लोग ऐसे पूर्वाग्रह से ग्रसित सवालों के लिए बोर्ड की आलोचना करने लगे। परीक्षा के कुछ ही घंटों के भीतर, CBSE ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस सवाल को “अनुचित और सीबीएसई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन” करार दिया।
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CBSE ने ट्वीट कर कहा, “आज की कक्षा 12 समाजशास्त्र की टर्म 1 परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया है जो अनुचित है और प्रश्न पत्र बनाने के लिए बाहरी विषय विशेषज्ञों के लिए सीबीएसई दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। CBSE ने की गई त्रुटि को स्वीकार किया है और वह जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।”
A question has been asked in today's class 12 sociology Term 1 exam which is inappropriate and in violation of the CBSE guidelines for external subject experts for setting question papers.CBSE acknowledges the error made and will take strict action against the responsible persons
— CBSE HQ (@cbseindia29) December 1, 2021
आपको बताते चलें कि 26 फरवरी 2002 को एक भीड़ ने गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगा दी थी और उस आग में 59 हिंदुओं की जलकर मौत हो गई थी। अब ये सवाल आ ही गया है तो एक बड़े पूर्वाग्रह को भी दूर कर देते हैं। आमलोगों को लगता है कि यह सब जो हुआ है, उसमें PM मोदी और भाजपा का हाथ था। यह निराधार बात है।
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रफीक भाटुक ने जलाई थी ट्रेन-
इसी वर्ष फरवरी में, 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड के मुख्य साजिशकर्ता रफीक भाटुक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गोधरा कांड के लिए गिरफ्तार होने से पहले वह 19 साल तक फरार रहा था।
पुलिस के अनुसार, 51 वर्षीय भाटुक उस मुख्य समूह का हिस्सा था, जिसने साबरमती एक्सप्रेस को जलाने की साजिश रची थी। आपको बताते चलें कि उसी ट्रेन में कारसेवक अयोध्या से लौट रहे थे।
पुलिस ने दावा किया कि वह बोगी पर पथराव और यहां तक कि अंदर पेट्रोल डालने में भी शामिल था। इस घटना ने राज्य में बड़े पैमाने पर दंगे भड़काए थे, जिसमें 1000 से अधिक लोग मारे गए थे।
पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान नाम सामने आने के बाद वह दिल्ली भाग गया था। वह अभी हत्या और दंगें करने के आरोपों का सामना कर रहा है।
उसके तीन अन्य सहयोगी और सह-आरोपी, सलीम इब्राहिम बादाम उर्फ सलीम पनवाला, शौकत चरखा और अब्दुलमाजिद यूसुफ मीठा, अभी भी फरार हैं और माना जाता है कि वो सब अभी पाकिस्तान में हैं।
नानावती आयोग-
दंगो के बाद जांच हेतु नानावती आयोग का गठन किया गया था। आयोग को 2002 में साबरमती एक्सप्रेस को जलाने और उसके बाद राज्य में हुए दंगों की जांच के लिए नियुक्त किया गया था।
आयोग के अनुसार, यह प्रमाणित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है कि भाजपा, विहिप या किसी अन्य राजनीतिक दल या किसी धार्मिक संगठनों को मुसलमानों पर हमले के लिए उकसाया गया था।
आयोग ने अपने जांच में यह पाया कि दंगों में कोई साजिश शामिल नहीं थी। दंगे मोटे तौर पर गोधरा ट्रेन जलने की घटना पर गुस्से का परिणाम थे। इस आयोग ने ही मोदी, पुलिस, भाजपा, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल को क्लीन चिट दी थी।
CBSE को ऐसे सवालों से बचना चाहिए और साथ में इस घटना से जुड़े सारे तथ्यों से छात्रों को अवगत करवाना चाहिए।