विपक्ष द्वारा एक लंबे समय से निजीकरण के तहत हवाई जहाजों को बेचे जाने पर हंगामा किया जा रहा है। कभी लुटेरा, तो कभी भ्रष्ट, सरकार को ना जाने क्या-क्या ताने दिये जा रहा हैं। कल निर्मला सीतारमण ने DMK के सांसद को दयानिधि मारन को ऐसा जवाब दिया कि सांसद के पास चुप रहने के अलावा कुछ नहीं बचा। कल जब 18,000 करोड़ रुपये के समझौते के लिए वर्तमान सरकार को घेरा जा रहा था, तब निर्मला सीतारमण ने 2 रुपये में स्पाइसजेट को बेचने वाली घटना का जिक्र कर दिया।
DMK MP @Dayanidhi_Maran who owned @flyspicejet got a best tight splash for heckling @narendramodi for selling @airindiain Listen to Videoclip of @loksabhatv How at Rs 2 per share in 2015 of SpiceJet was sold. But Govt sold AI at enterprise value.நிர்மலா சீதாராமன் சாட்டையடி பதில். pic.twitter.com/oa1pNyDk2I
— R. RAJAGOPALAN (@RAJAGOPALAN1951) December 20, 2021
जब कलानिधि मारन ने 2 रुपये में स्पाइसजेट को बेच दिया था-
अजय सिंह, स्पाइसजेट के सह-संस्थापक और वो जिन्होंने “अब की बार मोदी सरकार” का नारा दिया था , उन्होंने इस LCC को मारन से प्राप्त कर लिया था। अजय सिंह ने 2015 में कलानिधि मारन से स्पाइसजेट को 2 रुपये में खरीदा था। जनवरी 2015 में दोनों के बीच एक बिक्री खरीद समझौता निष्पादित किया गया था, जहां सिंह ने कम लागत वाले वाहक में 58.5% हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करते हुए 35 करोड़ शेयरों का अधिग्रहण सिर्फ 2रु/- में किया था।
यह संभवत: सबसे कम राशि है जिस पर भारत में किसी सूचीबद्ध कंपनी का अधिग्रहण किया गया है। SPA के समय शेयर की कीमत के मुताबिक मारन की हिस्सेदारी 765 करोड़ रुपये की थी। यह शेयर अब 120 रुपये से अधिक पर कारोबार कर रहा है, जिससे सिंह की हिस्सेदारी 4,400 करोड़ रुपये हो गई है।
हालाँकि, स्पाइसजेट के पास नकदी की कमी थी और दिसंबर 2014 में वह बंद होने के कगार पर था। उस समय LCC को 2014-15 में 687 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था और उसी वर्ष उसकी निवल संपत्ति 1,329 करोड़ रुपये थी। अधिग्रहण के समय एयरलाइन का कर्ज 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की अन्य देनदारियों के अलावा 1,418 करोड़ रुपये से अधिक था।
जब 2 रुपये के अधिग्रहण पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, तब कम्पनी अधिकारियों ने कहा था, “उस समय स्पाइसजेट पर 2,200 करोड़ रुपये के तत्काल देय के साथ 3,500 करोड़ रुपये का कर्ज और देनदारियां बकाया थीं और कंपनी का बुक वैल्यू माइनस 24 रुपये प्रति शेयर था। मारन परिवार ने कंपनी को अजय सिंह को बेच दिया।”
एयर इंडिया को टाटा ने 18,000 करोड़ रुपये में खरीदा है
इसी वर्ष टाटा संस प्रा. को एयर इंडिया बिक्री के बोलीदाता के रूप में चुना गया था। उस समय एयर इंडिया कर्ज से भरी एयरलाइन थी।
टाटा संस, जिसने मूल रूप से 1932 में एक नामी ब्रांडिंग के साथ एयर इंडिया लिमिटेड को लॉन्च किया, ने एयर इंडिया के लिए उद्यम मूल्य के रूप में 18,000 करोड़ रुपये ($2.4 बिलियन) की बोली लगाई थी। सरकार का लक्ष्य 2021 के अंत तक लेनदेन को पूरा करना है।
यह हाई-प्रोफाइल बिक्री प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के योजनाओं लिए एक बढ़ावा है। प्रधानमंत्री ने बजट घाटे को कम करने के लिए एक साहसिक निजीकरण योजना शुरू की है।
दयानिधि मारन, कलानिधि मारन के भाई हैं। कम से कम उन्हें तो मालूम ही है कि कैसे उनके भाई ने समझौता किया था। इस समझौते से देश के कोष में कितने रुपये गए? 2 रुपैया। दूसरों पर कीचड़ उछालने से खुद पर तो छींटें गिरते ही हैं और दयानिधि मारन इसके सटीक उदाहरण हैं।