Foxconn plant पर धावा बोलकर बुरा फंसा चीन, अब मोदी सरकार Xiaomi पर कर रही है जबरदस्त कार्रवाई

चीनी कंपनियों पर भारतीय प्रहार!

फॉक्सकॉन

Source- TFIPOST

फॉक्सकॉन- हमारे राष्ट्र पर किया गया प्रहार हमारे लिए निजी प्रहार जैसा प्रतीत होता है और उसके लिए देश की संस्थाएं और देश के नागरिक कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। भारत अपने नागरिकों के बदौलत नित नए विकास की सीढ़ियां चढ़ते जा रहा है। कोई माने या ना माने पर वैश्वीकरण के इस दौर में भारत अब एक आर्थिक महाशक्ति के तौर पर उभर चुका है। भारत विश्व का सबसे बड़ा बाजार है और वो भी सबसे कुशल और किफायती श्रम शक्ति के साथ। हम स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर है। लेकिन भारत के इस बढ़ते कदम से विरोधियों की बौखलाहट काफी बढ़ गई है। इस तथ्य से जो राष्ट्र सबसे ज्यादा परेशान है, वो है चीन। लेकिन भारत अब हर मोर्चे पर चीन को उसी के भाषा में जवाब दे रहा है।

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खबर है कि आयकर विभाग द्वारा भारत में काम कर रही चीनी मोबाइल कंपनियों की तलाशी के बाद, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने पाया कि Xiaomi टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने तीन वर्षों में 653 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी की चोरी की है।  डीआरआई ने राशि की वसूली के लिए कंपनी को तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।

अधिकारियों के अनुसार, DRI द्वारा जांच एक खुफिया इनपुट के आधार पर शुरू की गई थी कि Xiaomi India कम मूल्यांकन के माध्यम से सीमा शुल्क से बच रहा था। Xiaomi India के साथ-साथ इसके अनुबंध निर्माताओं के खिलाफ भी जांच की गई थी। पेपर ड्रैगन ने हमारे फॉक्सकॉन plant पर धावा बोला था और हम उसके Xiaomi को जड़ से उखाड़ रहे हैं!

चीन की चालबाजी उसी पर पड़ गई भारी

दरअसल, एप्पल इंक अब अपना व्यापार चीन से समेट रही है। चीन से विश्व के कारखाने का दर्जा छीना जा चुका है और दुनिया अब भारत की ओर देख रहीं है। अतः श्रीपेरंबुदुर में ताइवान की फॉक्सकॉन कंपनी ने अपनी शाखा स्थापित की, जो एप्पल इंक के उत्पादन संसाधन की आपूर्तिकर्ता बनी। पर, हाल ही में यहां हुए श्रमिक अशांति के कारण एप्पल ने अपने आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन की श्रीपेरंबुदुर सुविधा को परिवीक्षा के तहत रखा। सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि मामले की जांच में आए खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि “फॉक्सकॉन के अंदर वामपंथी श्रमिकों को मिली गुप्त चीनी सहायता” श्रमिक अशांति का मुख्य कारण है।

फॉक्सकॉन भारत में ताइवान की कंपनियों में से एक है। इस सूची में कर्नाटक के नरसापुरा में विस्ट्रॉन इंफोकॉम मैन्युफैक्चरिंग इंडिया और चेन्नई के पास महिंद्रा सिटी में पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। हाल ही में, विस्ट्रॉन ने भी फैक्ट्री के अंदर हमले और हिंसा के आरोप के कारण उत्पादन बंद कर दिया था।

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इंटेलिजेंस नोट बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे सनमीना, फोर्ड, पीपीजी एशियन पेंट्स, एनफील्ड इंडिया लिमिटेड में अशांति के समान पैटर्न को इंगित करता है। श्रीपेरंबुदुर तमिलनाडु के सबसे जीवंत औद्योगिक गलियारों में से एक है। हालिया प्रकरण एक संदेश दे सकता है कि भारत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए अनुकूल गंतव्य नहीं है।

इससे पहले, फोर्ड ने चेन्नई में अपना उत्पादन बंद करने और भारत से बाहर जाने का विकल्प चुना था। भारत, ब्राजील और चीन के अलावा एप्पल के उत्पाद बनाने वाले तीन देशों में से एक है। श्रमिक अशांति और फॉक्सकॉन सुविधा को बंद करने से भारत  सरकार की “निवेशक अनुकूल” छवि बिगड़ेगी और चीन यही चाहता है। पर भारत ने भी चीन को अब उसी के भाषा में जवाब देना शुरू कर दिया है और इसकी शुरुआत Xiaomi India पर आयकर विभाग के छापेमारी से हुई है।

डीआरआई ने क्या पाया?

गौरतलब है कि आयकर विभाग द्वारा भारत में काम कर रही चीनी मोबाइल कंपनियों की तलाशी के बाद, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने पाया कि Xiaomi टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने तीन वर्षों में 653 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी की चोरी की है। डीआरआई ने राशि की वसूली के लिए कंपनी को तीन कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार, एक खुफिया इनपुट के आधार पर DRI ने जांच शुरू की थी।

जांच के दौरान DRI द्वारा Xiaomi India के परिसरों में तलाशी ली गई। परिसर से आपत्तिजनक दस्तावेजों की वसूली हुई, जिससे संकेत मिलता है कि कंपनी क्वालकॉम यूएसए और बीजिंग ज़ियामी मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी लिमिटेड को अनुबंध संबंधी दायित्व के तहत रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क भेज रही थी।

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Xiaomi India और इसके अनुबंध निर्माताओं से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए, जिसके दौरान कंपनी के एक निदेशक ने कथित तौर पर उपरोक्त भुगतानों की पुष्टि की। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा, “जांच के दौरान, यह सामने आया कि Xiaomi India द्वारा Qualcomm USA और बीजिंग Xiaomi Mobile Software Co. Ltd. China को भुगतान की गई रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क को लेनदेन मूल्य में नहीं जोड़ा जा रहा था।  और इस तरह गलत मूल्यांकन कर Xiaomi India करों की चोरी कर रहा था।”

Xiaomi India, MI ब्रांड के मोबाइल फोन की बिक्री में लगी हुई है। इन उपकरणों को या तो Xiaomi India द्वारा आयात किया जाता है या अनुबंध निर्माताओं के माध्यम से मोबाइल फोन के घटकों को आयात करके भारत में असेंबल किया जाता है। अनुबंध निर्माताओं द्वारा निर्मित एमआई ब्रांड के मोबाइल फोन अनुबंध समझौते के अनुसार विशेष रूप से Xiaomi India को बेचे जाते हैं।

पकड़ी गई Xiaomi की चोरी

हालांकि, वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा, “डीआरआई द्वारा जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्य ने संकेत दिया कि न तो Xiaomi India और न ही इसके अनुबंध निर्माता द्वारा आयात किए गए माल के आकलन योग्य मूल्य में Xiaomi India द्वारा भुगतान की गई रॉयल्टी की राशि शामिल हैं, जो कि धारा 14 का उल्लंघन है। यह एक प्रकार का कर और राष्ट्र के आर्थिक नियमों जैसे सीमा शुल्क अधिनियम और सीमा शुल्क मूल्यांकन (आयातित माल के मूल्य का निर्धारण) नियम 2007 का घोर उल्लंघन है। लेनदेन मूल्य में रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क को नहीं जोड़कर, Xiaomi India ऐसे आयातित मोबाइल फोन, उसके पुर्जों और घटकों के लाभकारी मालिक होने के कारण सीमा शुल्क से बच रहा था।”

डीआरआई के मुताबिक, अप्रैल 2017 से जून 2020 के बीच शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 653 करोड़ रुपये के कस्टम ड्यूटी की चोरी की और अब यह चोरी पकड़ी गई है। बताते चलें कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां एक राष्ट्र की आर्थिक राजदूत होती है। यह दो राष्ट्रों के बीच आर्थिक समन्वयता के पुल के रूप में काम करती है। भारत ने इस कदम से चीन को सख्त जवाब दिया है कि अगर भारत में स्थापित किसी विदेशी या देशी कंपनी को असंतुलित करने का प्रयास किया जाएगा, तो भारत भी चुप नहीं बैठेगा।

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