भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध समर्थन, चीन को संवेदनशील प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की विशिष्ट संभावना और मानवाधिकारों में खराब रिकॉर्ड का हवाला देते हुए, फ्रांस से पाकिस्तान को हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करने का आग्रह किया है। आपको बता दें कि फ्रांस ने इसी महीने यूरोपीय संघ के परिषद की अध्यक्षता संभाली है और वह इसे जून तक बनाए रखेगा। अतीत में, फ्रांस ने भारत को आश्वासन दिया था कि वह संवेदनशील हथियार प्रणालियों को पाकिस्तान को हस्तांतरित नहीं करेगा और चीन के साथ सीमा गतिरोध के बीच भारत के पक्ष में खड़ा रहेगा।
पाकिस्तान पर शस्त्र प्रतिबंध लगा सकता है फ्रांस
Economics Times में छपे लेख में कहा गया है कि यह अनुरोध पिछले महीने हुए रक्षा मंत्री स्तर की बातचीत के दौरान किया गया था, जब राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में अपने फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ले से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में पाकिस्तान का मानवाधिकार रिकॉर्ड भी भारत ने ही उठाया था। पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नागरिकों, नेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए उदाहरण भी साझा किए गए थे। वहीं, दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को देखते हुए, पाकिस्तान द्वारा यूरोपीय हथियार प्रौद्योगिकी को चीन को हस्तांतरित करने की संभावना पर एक बड़ी चिंता साझा की गई थी।
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इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां-यवेस ले ड्रियन से बात करने के बाद बीते रविवार को कहा कि “Indo-Pacific के संबंध में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग का बड़ा महत्व है। भारत और फ्रांस पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती दृढ़ता की पृष्ठभूमि पर Indo-Pacific क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, भारत और फ्रांस सहयोग के नए क्षेत्रों जैसे हिंद महासागर क्षेत्र, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास में तेजी से लगे हुए हैं।”
इसे भारत की जीत कही जाएगी
हालांकि, चीन पाकिस्तान के रक्षा प्रणालियों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जिसमें लड़ाकू जेट, युद्धपोत और पनडुब्बी शामिल हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर रूस आता है किन्तु हाल के वर्षों में रूस द्वारा पाकिस्तान को किसी भी अत्याधुनिक हथियार प्रणाली की आपूर्ति नहीं की गई है। वहीं, यूरोपीय संघ के देशों में इटली ऐसा देश है, जो अधिक संख्या (कुल आयात का लगभग 6%) में पाकिस्तान को हथियारों उपलब्ध कराता है। सक्रिय रूप से हथियारों की आपूर्ति करने वाले अन्य यूरोपीय देशों में स्वीडन भी शामिल है।
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ऐसे में, भारत ने पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादी-संबंधी गतिविधियों और यूरोपीय देशों द्वारा बेचे जाने वाले हथियारों की संभावना के बारे में जानकारी साझा की है, जिसमें आतंकवादी कैडरों द्वारा जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाए जाने की जानकारी भी शामिल है। वहीं, आतंकवादियों से विदेशी हथियार बरामद होने के कई मामले भी सामने आए हैं। अगर फ़्रांस भारत के इस अनुरोध पर पाकिस्तान को हथियार उपलब्ध नहीं करता है तो यह यूरोपीय संघ के आपूर्तिकर्ता देशों के लिए एक सबक जैसा होगा और इसे भारत की जीत कही जाएगी।