TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    Wajahat Khan Sharmistha Panoli

    अंडरग्राउंड हुआ शर्मिष्ठा पर केस करने वाला वजाहत खान, करता था देवी-देवताओं का अपमान

    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गौरव कुंडी से मारपीट करती पुलिस (बाएं) अमृतपाल कौर के साथ गौरव कुंडी (दाएं) [PHOTO- 9News]

    ऑस्ट्रेलिया में नस्लभेदी बर्बरता? पुलिस ने भारतीय मूल के शख्स को मार-मारकर पहुंचाया ICU

    कराची जेल से फरार हुए कैदी

    पाकिस्तान में जेल तोड़कर फरार हुए 200 से ज़्यादा कैदी, शहरों में डर का माहौल; जानें कैसे भूकंप बना वजह?

    एलन मस्क के पिता एरोल मस्क

    ‘पूरी दुनिया शिव का अनुसरण करे तो…’: एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने हिंदू धर्म पर क्या कहा?

    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    Wajahat Khan Sharmistha Panoli

    अंडरग्राउंड हुआ शर्मिष्ठा पर केस करने वाला वजाहत खान, करता था देवी-देवताओं का अपमान

    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गौरव कुंडी से मारपीट करती पुलिस (बाएं) अमृतपाल कौर के साथ गौरव कुंडी (दाएं) [PHOTO- 9News]

    ऑस्ट्रेलिया में नस्लभेदी बर्बरता? पुलिस ने भारतीय मूल के शख्स को मार-मारकर पहुंचाया ICU

    कराची जेल से फरार हुए कैदी

    पाकिस्तान में जेल तोड़कर फरार हुए 200 से ज़्यादा कैदी, शहरों में डर का माहौल; जानें कैसे भूकंप बना वजह?

    एलन मस्क के पिता एरोल मस्क

    ‘पूरी दुनिया शिव का अनुसरण करे तो…’: एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने हिंदू धर्म पर क्या कहा?

    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

भारतीय संस्कृति पर मुगलों का प्रभाव- अध्याय 2: भारतीयों वस्त्रों पर ‘मुगलई’ छाप

भारतीय परिधानों पर अभी भी है मुगलों का असर!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
31 January 2022
in ज्ञान
घूंघट

Source- TFIPOST

Share on FacebookShare on X
“पर्दे में रहने दो, पर्दा न उठाओ,
पर्दा जो उठ गया तो भेद खुल जाएगा….”
“दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है,
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है!”

घूंघट/पर्दा प्रथा – आप भी सोच रहे होंगे कि एक गंभीर लेख में ऐसा शायराना अंदाज? परंतु यह संस्कृति हमारी अपनी नहीं है, ये संस्कृति मुगलों द्वारा थोपी गई है। ये सत्य है कि कोस कोस पर बदले पानी और चार कोस में वाणी, परंतु विविधता का अर्थ ये भी नहीं कि हम दासता को ही अपनी संस्कृति बना लें। मुगलों के आक्रमण ने सनातन संस्कृति को जितना प्रभावित किया है, उतना शायद ही किसी अन्य संस्कृति ने किया हो। अपने प्रथम अध्याय में हमने इस बात पर प्रकाश डाला था कि कैसे हिन्दी भाषा का उर्दूकरण मुगलों के कारण हुआ था और इस अध्याय में हम आपको अवगत कराएंगे कि कैसे मुगलों ने हमारे परिधानों पर गहरा प्रभाव डाला!

और पढ़ें: भारत में मुगलों का हिंदुओं पर सांस्कृतिक प्रभाव- अध्याय 1: हिंदी का उर्दूकरण

संबंधितपोस्ट

‘संभाजी महाराज: शिवाजी महाराज के सुपुत्र की शौर्यगाथा’; मराठा योद्धा को लेकर फैलाए गए झूठ का पर्दाफाश

जब औरंगजेब की बेटी को उठा ले गए लुटेरे: बलात्कार और हत्याओं से दहल गए थे मुगल, कहानी ‘गंज-ए-सवाई’ की

औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर एक्शन की मांग करते हुए भाजपा विधायक टी राजा सिंह की ललकार; कहा – “औरंगजेब की कब्र पे कुत्ते मूतेंगे…. “

और लोड करें

कभी सोचा है आपने कि अंगवस्त्रम और साड़ी के देश में सलवार कमीज़ कहां से प्रचलित हो गई? कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि कैसे प्रात: काल में होने वाले विवाह अचानक से मध्य रात्रि में होने लगे? कभी सोचा है कि अचानक से भारत में जहां पगड़ी के बिना अनुष्ठान अधूरा माना जाता था, वो अचानक सेहरा और पर्दा को अपनी परंपरा कैसे मानने लग गया? अगर आप ध्यान दें, तो इन सबके पीछे एक वंश की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है – मुगल वंश।

भाषा से लेकर कई क्षेत्रों में इन्होंने अपना गहरा प्रभाव डाला है और ऐसे में परिधान कैसे पीछे छूटते? ऐसा नहीं है कि तुर्क और अफ़गान आक्रांताओं ने कोई प्रभाव नहीं डाला था, परंतु उनके आक्रमणों से हमारी वेशभूषा पर लेशमात्र भी अंतर नहीं पड़ा था। लेकिन यह सब बदला मुगलों के आगमन, क्षमा कीजिए, आक्रमण से। उन्होंने हमारी सांस्कृतिक परिधानों पर जो गहरा प्रभाव डाला, उसके बारे में जितना कहा जाए, उतना कम होगा। सूची तो अनंत है, परंतु कुछ ऐसे प्रमुख परिधान हैं, जो विशेष रूप से मुगलों की देन रहे हैं –

घूंघट/पर्दा प्रथा

अगर कुछ गांवों और कस्बों को छोड़ दें, तो अब आपको यह प्रथा दूर-दूर तक नहीं दिखेगी। लेकिन यह घूंघट भारतीय संस्कृति का भाग कैसे बना? वैदिक काल छोड़िए, प्राचीन भारत में दूर-दूर तक घूंघट का उल्लेख नहीं था। यहां तक कि तुर्क काल में भी घूंघट प्रथा पूरी तरह से भारत में नहीं फैल पाई थी, तो फिर घूंघट का प्रादुर्भाव हुआ कैसे? कारण स्पष्ट है – मुगल आक्रांता। तुर्क या अफ़गान भी कम नहीं थे, परंतु मुगलों की ‘बात ही कुछ और थी’। जो बात सल्तनत के युग में बहुत दुर्लभ थी, वो मुगल काल तक आम बात हो चली थी। मुगल हरम में हिन्दू स्त्रियों की कोई कमी न थी, चाहे वो जोधाबाई हो या इंदिरा कंवर! एक बार किसी मुगल ने अपना मन बना लिया, तो संसार की कोई शक्ति उस स्त्री को मुगल हरम का भाग बनने से नहीं रोक सकती थी।

जब हिंदुओं में विवाह अपने चरम पर होते थे, जैसे सहालग के समय, तो मुगलों की ओर से अनेक आक्रांत राह चलते किसी भी विवाह समारोह पर आक्रमण कर देते और महिलाओं को उठाकर ले जाते। साम, दाम, दंड, भेद, किसी भी भांति स्त्रियों, विशेषकर हिंदू स्त्रियों पर मुगल अधिकार जमाना चाहते थे। ऐसे में सती और घूंघट स्वेच्छा नहीं, विवशता थी। इसके अतिरिक्त दो और सांस्कृतिक बदलाव हुए, जो आज तक विद्यमान थे, पर धीरे धीरे इनमें भी बदलाव दिखने लगे हैं –

  • प्रात: काल के बजाए मध्य रात्रि में विवाह सम्पन्न कराना
  • मुगलों से कन्याओं की रक्षा हेतु घूंघट प्रथा को बढ़ावा देना

और पढ़ें : प्राचीन भारत में इन आठ तरीकों से होते थे विवाह, दो आज तक प्रचलन में हैं

मुगलों का प्रभाव उत्तर और उत्तर पश्चिमी भारत में सर्वाधिक था और यहां पर घूंघट सनातन संस्कृति का भी एक ‘अभिन्न अंग’ बन गया, ठीक वैसे ही, जैसे विवाह में वर के परिधान में शेरवानी और सेहरा सम्मिलित हो गया। पंजाब में तो ‘सेहराबंदी’ नामक एक विशेष रीति भी प्रचलित है, जो अब सनातन विवाहों का भाग बन चुकी है। परंतु प्रारंभ में सनातन विवाह में अंगवस्त्रम, धोती और पगड़ी ही वर के प्रमुख परिधान हुआ करते थे। लेकिन अब शेरवानी और सेहरा न हो, तो वर ‘कूल’ नहीं लगता! शेरवानी भी मध्यकालीन इतिहास की उपज थी, जिसे यदि मुगल न लाए होते तो शायद ये भारत में भी नहीं आता!

सलवार-कमीज़

अब आप शायद चकित हों, लेकिन सलवार कमीज़ भी भारतीय नहीं है। अपने शोध पत्र ‘Elucidation of Indian Salwar Kameez’ में मोनिषा कुमार और अमिता वालिया लिखती हैं कि “सलवार ढीले-ढाले ट्राउज़र्स समान परिधान थे, जिन्हे नाड़े से बांधा जाता था और इस शब्द की उत्पत्ति तुर्की, पर्शिया (अब ईरान) और अरब जगत से हुआ है। इसी भांति कमीज़ शब्द की उत्पत्ति अरबी है, जो विभिन्न लंबाइयों के ‘शर्ट/कुर्तों’ का विवरण देती है।” मुगलों से पहले सलवार कमीज़ भारतीय परिधान का प्रमुख हिस्सा नहीं था। हालांकि, इससे मिलते-जुलते परिधान राजस्थान की ओर देखे जा सकते थे। परंतु मुगलों ने बड़ी चतुराई से इसे एक ‘भारतीय परिधान’ में परिवर्तित कर दिया, मानों इससे पूर्व हमारे पास कोई और परिधान था ही नहीं।

बुर्का

लेकिन इससे भी अधिक अगर मुगलों ने किसी विदेशी परिधान का ‘भारतीयकरण’ किया है, तो वह है बुर्का। घूंघट की भांति बुर्का का दूर-दूर तक प्राचीन भारत में अस्तित्व नहीं था, लेकिन आज भारत में बुर्का पहनना तो मानो किसी फैशन से कम नहीं है। बुर्का शब्द की उत्पत्ति ही अरबी है और इसका मूल स्त्रोत भी भौगोलिक अधिक है। बुर्का का मूल उद्देश्य था रेगिस्तान की रेत और कुछ जानवरों से अपनी रक्षा करना। परंतु भारत में ऐसा भूगोल कहां है भाई? जो थोपा गया, उसे हाथों हाथ लपक लिया गया और आज बुर्का देशभर में कैंसर की भांति फैल रहा है।पर मुगलों की गंदगी केवल यहीं तक सीमित नहीं है। भोजन पर भी उन्होंने अपना अलग डेरा जमा रखा है। अगले अध्याय में हम इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि कैसे ‘मुगलई’ भोजन के नाम पर मुगलों और उनके चाटुकारों ने दशकों तक देश को उल्लू बनाया!

Tags: घूंघटभारतीय संस्कृतिमुग़ल
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मालदीव जैसे द्वीप राष्ट्र को भी चीन की चिंता नहीं

अगली पोस्ट

असम में एक सींग वाले गैंडे विलुप्त होने के कगार पर थे, भाजपा सरकार ने दिया नया जीवन

संबंधित पोस्ट

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन
ज्ञान

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

3 June 2025

मैं जब छठी कक्षा में पढ़ता था तब एक श्लोक पढ़ा था: अभिवादन शीलस्य, नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते, आयुर्विद्या यशो बलम्।। भावार्थ: जो सदैव...

संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू
इतिहास

नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

30 May 2025

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेताओं ने शुक्रवार (30 मई) को गोवा के स्थापना दिवस के मौके पर बधाई दी...

1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)
इतिहास

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

28 May 2025

जब विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने अंडमान की सेलुलर जेल में कैद किया, तब उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited