केंद्र सरकार ने इजरायल सरकार की तकनीकी सहायता से 12 राज्यों के 150 गांवों को ‘उत्कृष्ट गांव’ अर्थात् Village of Excellence के रूप में बदलने का फैसला किया है। बीते दिन शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी गई। इज़राइल सरकार पहले ही भारत के 12 राज्यों में 29 उत्कृष्टता केंद्र (CoI) अर्थात् ‘Centre of Excellence’ स्थापित कर चुकी है, जो 25 मिलियन से अधिक वनस्पति पौधों का उत्पादन कर रहे हैं। इसके साथ-साथ ये 3,87,000 से अधिक गुणवत्ता वाले फल-पौधों के उत्पादन के साथ प्रति वर्ष 1.2 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षित कर सकते हैं।
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केंद्रीय कृषि मंत्री और इजरायल के राजदूत की मुलाकात
अब Centre of Excellence के आसपास स्थित 150 गांवों को ‘उत्कृष्ट गांव’ में परिवर्तित किया जाएगा। जिनमें से 75 गांवों को भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले आजादी महोत्सव के प्रथम वर्ष में लिया जा रहा है, जहां भारत और इज़राइल एक दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 27 जनवरी को भारत में इजरायल के नए राजदूत नाओर गिलोन से मुलाकात के बाद इस बात की घोषणा की।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार कृषि मंत्री ने भारत और इज़राइल के बीच राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे होने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि सरकार 29 Centre of Excellence के कामकाज से संतुष्ट है। इज़राइल के राजदूत गिलोन ने कहा कि ये Centre of Excellence (उत्कृष्ट गांव) दोनों देशों के बीच सहयोग का एक बड़ा उदाहरण हैं तथा उन्होंने किसानों को प्रदान की जा रही सेवाओं के मानकों और गुणवत्ता को ज्यादा बढ़ाने के लिए Centre of Excellence के प्रमाणीकरण का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कृषि अनुसंधान निकाय ICAR के साथ आगे सहयोग करने और इज़राइल के पास उपलब्ध नवीनतम तकनीकों को उपलब्ध कराने में भी रुचि दिखाई। गिलोन ने तोमर को इजरायल आने का न्योता भी दिया।
क्या है Centre of Excellence?
Centre of Excellence अर्थात् उत्कृष्टता केंद्र स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप इज़राइली कृषि-प्रौद्योगिकी के ज्ञान हस्तांतरण के लिए उन्नत/गहन कृषि फर्म हैं, जो जानकारियां सृजित करते हैं, सर्वोत्तम खेती के तौर तरीकों का प्रदर्शन करते हैं और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप इजरायल के नये कृषि-प्रौद्योगिकी के आधार पर किसानों को प्रशिक्षित करते हैं। CoE का उद्देश्य चयनित प्रमुख फसलों पर ध्यान देकर किसानों को लाभ पहुंचाना है। प्रत्येक सीओई में नर्सरी प्रबंधन, सर्वोत्तम खेती तकनीक, सिंचाई और फर्टिगेशन शामिल होंगे।
सस्टेनेबिलिटी- IIAP का उद्देश्य मानव संसाधन, संचित ज्ञान और परिचालन क्षमताओं के पहलू में एक आत्मनिर्भर मंच के रूप में विकसित होना है। सीओई अकादमी, सरकार और किसानों के लिए उपयोगी उपलब्धियों की दिशा में सहयोग करने के लिए एक कड़ी के रूप में कार्य करता है ।
इस परियोजना के माध्यम से भारत और इजरायल का सहयोग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह न सिर्फ भारत और इजरायल के बढ़ते कूटनीतिक सहयोग का प्रतीक है, बल्कि यह दोनो देशों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को भी दर्शाता है। सारी परियोजना को योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। सरकार ने पहले 29 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए। तत्पश्चात 12 राज्यों में 150 गांवों को ‘विलेज ऑफ एक्सीलेंस’ में परिवर्तित करने का कल्याणकारी निर्णय लिया गया। सरकार की यह योजना न सिर्फ कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी, बल्कि परंपरावादी तरीके से संचालित होने वाली भारतीय कृषि को तकनीक आधारित कर देगी, जिससे हमारी फसलों की गुणवत्ता और उनकी कटाई में सुगमता भी प्राप्त होगी।
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