धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् ll
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, भारतीय विदेशी खुफिया एजेंसी और नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी के इस आदर्श वाक्य को आपने सुना ही होगा। इसका मतलब है, ‘‘जो धर्म का नाश करता है, उसी का नाश धर्म कर देता है, और जो धर्म की रक्षा करता है, उसकी धर्म भी रक्षा करता है । इसलिए मारा हुआ धर्म कभी हमको न मार डाले, इस भय से धर्म का हनन अर्थात् त्याग कभी न करना चाहिए ।’’ यह पंक्ति हम आपको क्यों बता रहे हैं? क्योंकि भारत में हिंदुओ की एक बड़ी आबादी अब जाग गई है। वह अपने धार्मिक अस्मिता के रक्षा हेतु बलिदान देने के लिए तैयार है। भारत में अब नई क्रांति आ गई है। हिन्दूओं ने अब अपने धर्म के लिए पक्ष लेना शुरू कर दिया है।
अब ताजे मामलें को ले लीजिए। किटकैट चॉकलेट के बारे में हम सब जानते हैं। नेस्ले की इस लोकप्रिय चॉकलेट को भारत के हर कोने में पसंद किया जाता है। हाल ही में उसने विज्ञापन के नए प्रयोग को भारत में आजमाया था और उसे अब हिंदुओं ने जो जवाब दिया है, नेस्ले बस अब सिर झुकाए माफी मांग रहा है।
स्वीडन की FMCG ब्रांड नेस्ले, हाल ही में एक विज्ञापन अभियान के चलते विवादों के घेरे में है। इस अभियान के एक हिस्से के रूप में, किटकैट रैपर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की तस्वीर लगाई गई है। हिंदू इस नए किटकैट विज्ञापन अभियान से ज्यादा उत्साहित नहीं दिखे और उन्होंने कह दिया कि ये रैपर कूड़ेदान, गटर में मिल जाएंगे और कई लोग चॉकलेट के साथ समाप्त होने के बाद रोड पर फेंक देंगे और उस पर चलेंगे।
नेस्ले इंडिया को हाल ही में सोशल मीडिया पर उपभोक्ताओं के गुस्से का सामना करना पड़ा है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जागृत हिन्दू उपभोक्ताओं ने कंपनी पर किटकैट के रैपर पर पवित्र छवियों का उपयोग करके धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है।
नेटिज़न्स के अनुसार, इन पूजनीय देवताओं की छवियां अंततः सड़कों, नालों और कूड़ेदानों पर मिल जाएंगी क्योंकि लोग चॉकलेट खाने के बाद रैपर फेंक देंगे इसलिए उपभोक्ताओं ने FMCG ब्रांड से उपयोग की गई तस्वीरों को हटाने का अनुरोध किया है। एक उपयोगकर्ता ने रैपर के डिजाइन पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए लिखा, “कृपया अपने @kitkat चॉकलेट कवर से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की तस्वीरें हटा दें। जब लोग चॉकलेट खत्म कर लेंगे तो वे कवर को सड़क, नाली, कूड़ेदान आदि पर फेंक देंगे। इसलिए कृपया तस्वीरें हटा दें।”
It is a honor to see our Odisha culture & lord jagannath, balabhadra & subhadra on ##KitKat but plz think once, whn some1 will eat 🍫 & will throw the wrapper into dustbins, drains, gutters & many will walk on it 😭. Jagannath family will be happy with it. @CMO_Odisha @PMOIndia pic.twitter.com/10xPKsdz5c
— Sanjeeb Kumar Shaw (@sanjeebshaw1) January 16, 2022
एक अन्य यूजर ने धार्मिक भावनाओं का मजाक बनाने के लिए कंपनी की आलोचना करते हुए ट्वीट किया, “भारत की सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियां, जिन्हें इसकी हिंदू धार्मिक भावना का मजाक बनाने का अधिकार मिला है। वह किसी और धर्म पर आजमा कर देख लें, उन्हें समझ आ जाएगा।”
All the multi national companies in india, who have got right to make it "Mazak" of Hindu's Religious Sentiment. Try it on some other religion and see, it would happen!! Like!! what happened…
Ridiculous Mindset😡#nestle #kitkat #nestleindia pic.twitter.com/kSmATUF07u— Madhu Begali (@madhu_Begali) January 20, 2022
एक यूजर ने लिखा, “@KITKAT इसे जल्द से जल्द हटा दें अन्यथा हम धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले में एक ट्विटर अभियान चलाएंगे। #बॉयकॉटकिटकैट”
ये #kitkat वालों को भगवान जगन्नाथ का चित्र छापकर क्या साबित करना चाहते हैं वह भी चाय के केटली में, ऐसे ही आस्था का खिलवाड़ करते रहते हैं यह लोग।#boycott_Kitkat pic.twitter.com/UWHvlAVYaP
— Murli sahu Bjp (@MurliGurupanch) January 20, 2022
तुरंत बैकफुट पर आया नेस्ले-
मामले के तूल पकड़ते और हिंदुओं के विरोध करने पर नेस्ले तुरंत बैकफुट पर आ गई। वह इसलिए भी बैकफुट पर आ गई क्योंकि नेस्ले इंडिया 2021 में 13,350 करोड़ रुपये का कारोबार भारत में कर चुकी है और उसके पास नौ उत्पादन ब्रांड हैं। हिंदुओ को नाराज़ कर वह लगभग 2 बिलियन के व्यापार और मुनाफे को नहीं खोना चाहती है।
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नेस्ले इंडिया ने गुरुवार को कहा कि उसने अपने लोकप्रिय चॉकलेट ब्रांड किटकैट के मार्केट पैक से इसे “पहले ही वापस ले लिया है”, जिसमें रैपर पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की तस्वीरें दिखाई गई हैं।
कंपनी ने मामले को लेकर खेद व्यक्त किया और कहा कि एक पूर्व कार्रवाई के रूप में, उसने पिछले साल उन पैक को बाजार से वापस ले लिया है। नेस्ले के प्रवक्ता ने कहा, “हम मामले की संवेदनशीलता को समझते हैं और अगर अनजाने में किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो हमें खेद है। हमने पिछले साल बाजार से इन पैक्स को पहले ही वापस ले लिया था। हम आपकी समझ और समर्थन के लिए धन्यवाद करते हैं।”
कंपनी के अनुसार, ऐसे रैपर खूबसूरत भारतीय स्थानीय गंतव्यों को प्रोत्साहित करने के लिए यात्रा पैक में बनाये गए थे। मैगी, नेस्कैफे, मिल्कमेड, मंच और मिल्कीबार जैसे ब्रांडों की मालिक नेस्ले ने कहा कि वह ओडिशा की संस्कृति ‘पट्टचित्र’ को प्रोत्साहित करने के लिए पैक पर डिजाइन बनाई थी।
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“पिछले साल, हम ‘पट्टचित्र’ का प्रतिनिधित्व करने वाले पैक पर डिजाइन के साथ ओडिशा की संस्कृति का जश्न मनाना चाहते थे। यह एक नायाब कला रूप है जो अपनी ज्वलंत इमेजरी द्वारा विशिष्ट रूप से पहचाना जा सकता है। हम लोगों को कला और इसके कारीगरों को प्रोत्साहित करना चाहते थे। हमारे पिछले अभियानों में यह पाया गया है कि उपभोक्ता इस तरह के सुंदर डिजाइनों को इकट्ठा करना और रखना पसंद करते हैं।”
आपको बताते चलें कि पट्टाचित्र कपड़े पर आधारित स्क्रॉल पेंटिंग की एक प्राचीन ओडिशा-आधारित कलाकृति है। यह कला अपने जटिल विवरणों के साथ-साथ इसमें अंकित पौराणिक कथाओं और लोककथाओं के लिए जानी जाती है। यह मूल रूप से अनुष्ठान के उपयोग के लिए और पुरी के तीर्थयात्रियों के साथ-साथ ओडिशा के अन्य मंदिरों के लिए स्मृति चिन्ह के रूप में बनाया जाता है।
यह गलती पहली बार नहीं है-
अगर आपको यह लगता है कि यह पहली बार हुआ है तो आल गलत हैं। पिछले साल अप्रैल में, नेस्ले इंडिया ने राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा आपत्ति के बाद एक ऐसे ही रैपर को हटाया गया था। मणिपुर के केबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान को मेघालय में स्थित दिखाने के लिए किटकैट ने माफी मांगी थी।
किटकैट ट्रैवल ब्रेक चॉकलेट के विशेष बैच की पैकेजिंग में एक लाल पांडा की तस्वीर भी प्रदर्शित की गई थी, जो कि केबुल लामजाओ नेशनल पार्क में नहीं पाया जाता है।
प्रिय भारतीय नेस्ले, आप यह एहसान मत करिए, हम भारतीयों के पास डाटा है, स्मार्टफोन है और अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए आज हर भारतीय इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगा है तो कृपया कर के उत्पाद बेचने के लिए उठाए गए कदम को अपनी उपलब्धि ना बताए।