मुख्य बिंदु
- ‘देश के मेंटर’ योजना में छात्रों की सुरक्षा खामियों को लेकर NCPCR ने लगाई रोक
- इस मेंटरशिप में कम से कम दो महीने की अवधि के लिए नियमित फोन कॉल शामिल हैं
- आप विधायक ने रोक को लेकर भाजपा पर साधा निशाना, कहा-भाजपा नहीं चाहती कि इन छात्रों को मार्गदर्शन मिले
दिल्ली सरकार के ‘देश के मेंटर’ योजना में सुरक्षा ‘खामियों’ की ओर इशारा करते हुए, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सिफारिश की है कि इसे ‘ओवरहाल’ होने तक निलंबित रखा जाए। इसके जवाब में, आप विधायक आतिशी ने कहा कि ‘देश के मेंटर’ जैसी पथ-प्रदर्शक योजना के कार्यान्वयन में बाधा डालना भाजपा और उसकी सरकारी मशीनरी की उथल-पुथल को दर्शाता है। अक्टूबर 2020 में शुरू किए गए ‘देश के मेंटर’ योजना का उद्देश्य नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों को स्वैच्छिक सलाहकार प्रदान करना है। दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में एक टीम द्वारा बनाए गए ऐप के माध्यम से 18 से 35 वर्ष की आयु के लोग मेंटर बनने के लिए साइन अप कर सकते हैं और आपसी हितों के आधार पर छात्रों इससे जुड़ेंगे।
‘देश के मेंटर’ योजना में हैं कई सुरक्षा खामियां
दरअसल, इस मेंटरशिप में कम से कम दो महीने की अवधि के लिए नियमित फोन कॉल शामिल हैं, जिसे वैकल्पिक रूप से चार और महीनों तक चलाया जा सकता है। योजना की वेबसाइट के अनुसार, अब तक 20,898 लोगों ने मेंटर के रूप में पंजीकरण कराया है। NCPCR ने कहा कि उसे पिछले साल नवंबर में ललित वाधर से एक प्रतिनिधित्व मिला, जिसने आरोप लगाया कि ‘देश के मेंटर’ योजना तहत बच्चों और ‘अज्ञात व्यक्तियों’ को प्लेटफार्म पर लाया जाता है, जोकि छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने जैसा है।
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वहीं, इस तरह के आरोपों के बाद NCPCR ने 7 दिसंबर को दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर मेंटर्स के चयन के मानदंड का स्पष्टीकरण मांगा था। बाल अधिकार निकाय ने दिल्ली सरकार से मेंटर्स के चयन की प्रक्रिया पर प्रतिक्रिया भी मांगी और पुछा कि क्या आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि संरक्षक के साथ बातचीत करते समय बच्चे सुरक्षित हैं? क्या वे संरक्षक बाल अधिकारों के बारे में विशेष तौर पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम को लेकर प्रशिक्षित या संवेदनशील हैं?
कैसे होता है मेंटरशिप Scheme के लिए रजिस्ट्रेशन
वहीं, सवालों के जवाब में शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को केवल एक ही लिंग के संरक्षक नियुक्त किए जाते हैं और बातचीत केवल फोन पर होती है और उनके बीच कोई व्यक्तिगत बातचीत नहीं होती है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘देश के मेंटर’ योजना बनने से पहले मेंटर्स ऐप पर एक ‘साइकोमेट्रिक टेस्ट’ से भी गुजरते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मेंटीज के माता-पिता ने सहमति फॉर्म भरे हैं और प्रत्येक स्कूल के एक शिक्षक को ‘योजना के लिए नोडल शिक्षक’ के रूप में नियुक्त किया गया है। ऐप पर रजिस्टर करने वाले संरक्षक को एक Orientation से गुजरना पड़ता है और फिर उन्हें एक ईमेल प्राप्त होता है, जिसमें DCPCR दिशानिर्देशों और बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए उपचारात्मक उपायों की जानकारी होती है।
NCPCR ने किया ‘देश के मेंटर’ योजना को निलंबित
इस ऐप पर उम्मीदवारों के लिए पंजीकरण करते समय पहचान का प्रमाण अपलोड करना होता है। ‘साइकोमेट्रिक टेस्ट’ में उम्मीदवारों को यह मूल्यांकन करना होता है कि वे कितने सहमत या असहमत हैं। उदाहरण के लिए ‘मैं अपने पेशेवर जीवन में उत्कृष्टता के लिए बहुत प्रयास करने को तैयार हूं'(I am willing to put a great deal of effort to excel in my professional life), ‘पुरुषों और महिलाओं को हमारे समाज में समान रूप से व्यवहार किया जाना चाहिए (Men and women should be treated equally in our society) और ‘मुझे लगता है कि झूठ बोलना उचित है जब मुझे ऐसा करने से फायदा हो सकता है’ (I think lying is justified when I can benefit by doing so’) इस तरह के मूल्यांकन प्रश्न होते हैं।
इस मामले पर आम आदमी पार्टी भाजपा पर राजनीतिक हमला करते हुए आप विधायिका आतिशी ने कहा, “अच्छे कॉलेजों के शिक्षित युवा, सफल उद्यमी, पेशेवर वंचित छात्रों को सलाह देने के लिए ‘देश के मेंटर’ योजना में एक साथ आते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “क्या भाजपा नहीं चाहती कि इन छात्रों को केवल मार्गदर्शन मिले? बीजेपी का सबसे बड़ा डर गरीबों को सशक्त और शिक्षित देखना है, इसलिए वे उनकी प्रगति में रोड़े अटका रहे हैं।”
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वहीं, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने शिक्षा विभाग को लिखा कि प्रतिक्रिया ‘सुरक्षा के मुद्दों को पूरी तरह से खत्म करने में अप्रभावी प्रतीत होती है, जिसके बाद उन्होंने सिफारिश की कि जब तक बच्चों की सुरक्षा से संबंधित सभी खामियों को खत्म नहीं कर दिया जाता तब तक योजना को तुरंत निलंबित कर दिया जाए।